विश्वजीत राय
सफल समाचार कुशीनगर
कुशीनगर: डीबीटी की धनराशि अभिभावकों के खाते में और हिसाब शिक्षकों से
लक्ष्मीपुर। डीबीटी का लाभ लेने वाले बच्चों की फोटो प्ररेणा पोर्टल पर फोटो अपलोड करना शिक्षकों के लिए मुसीबत बन गई है। क्योंकि, कई बच्चों के अभिभावकों ने डीबीटी की धनराशि निजी कार्य में खर्च कर दी है और कई बच्चे यूनिफॉर्म में स्कूल नहीं आ रहे हैं।
शासन की ओर से जनपद के स्कूलों में नामांकित बच्चों के 78 प्रतिशत अभिभावकों के खाते में डीबीटी की धनराशि भेजी जा चुकी है। अध्यापकों को ड्रेस, जूते, मौजे और बैग में बच्चों की फोटो प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश एक माह पहले ही दिया जा चुका है। निर्धारित समय में लाभार्थी बच्चों की फोटो प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड न करने वाले अध्यापकों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात विभागीय अधिकारी कर रहे हैं।
लक्ष्मीपुर ब्लाॅक में परिषदीय व प्रबंधकीय विद्यालयों की कुल संख्या 153 है। हालांकि, संपूर्ण जनपद में डीबीटी प्रगति की स्थिति लक्ष्मीपुर ब्लाॅक में 90 प्रतिशत से अधिक है, लेकिन अन्य कई ब्लाॅकों की स्थिति काफी निराशाजनक बताई जा रही है। अगर जनपद की बात करें तो 78 प्रतिशत अभिभावकों के खाते में धनराशि प्रेषित कर दी गई है।
बता देंं कि सरकारी स्कूलों में बच्चों के अभिभावकों के खातों में डीबीटी के माध्यम से यूनिफॉर्म, जूते-मोजे, स्वेटर और बैग के लिए 1200 रुपया भेजा गया है। सरकारी स्कूलों के अध्यापकों को डीबीटी का लाभ लेने वाले बच्चों की फोटो प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश दो माह पहले शासन स्तर से जारी किया गया है। बच्चे की ड्रेस, जूते और बैग में फोटो अध्यापकों को प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड करना होगा। अध्यापकों को इस कार्य को करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। जो अध्यापक एक सप्ताह में यह कार्य नहीं करेंगे, उनके खिलाफ
कार्रवाई होगी। वहीं, अध्यापक बच्चों की फोटो प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड करने की प्रक्रिया कई सप्ताह से लगातार जारी रखे हुए हैं।
अध्यापक निर्धारित समय में काम को पूरी करने का प्रयास तो कर रहे हैं, लेकिन बहुत से ऐसे अभिभावक हैं जो 1200 रुपये खाते से निकाल कर निजी कार्य में खर्च कर लिए हैं। बच्चों का ड्रेस, जूता आदि नहीं खरीदे हैं। इसी कारण बच्चों की ऑनलाइन फोटो अपलोड करने में शिक्षकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ब्लाॅक इकाई लक्ष्मीपुर के अध्यक्ष सुदामा चौहान ने बताया कि शासन बेवजह शिक्षक साथियों को परेशान कर रहा है। शिक्षकों को शिक्षण कार्य के अतिरिक्त डीबीटी जैसे कई ऐसे काम सौंपे गए हैं, जो अव्यवहारिक हैं। इससे शिक्षक उलझ कर रह जा रहा है। अभिभावकों के खाते में पैसा भेजा गया और हिसाब शिक्षकों से मांगा जा रहा है, जो न्यायसंगत नहीं है।