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आकाश राय
26 जून को ग्रेटर कैलाश में रहने वाले व्यवसायी आशीष कक्कड़ के घर जीएसटी इंटेलिजेंस के अधिकारियों ने सुबह-सुबह अचानक धावा बोल दिया। बिना पूर्व सूचना के घर की तलाशी के बाद उसे लेकर राजेंद्र नगर स्थित उसके कार्यालय और फिर उसके चार्टर्ड अकाउंटेंट के कार्यालय पहुंचे।
घर पर छापामारी के दौरान पकड़े गए 88 करोड़ रुपये के फर्जी जीएसटी आईटीसी के आरोपी को हाईकोर्ट ने सशर्त जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। मेरठ के इस व्यवसायी को जीएसटी इंटेलिजेंस ने गिरफ्तार किया था। यह आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रितिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने मेरठ के व्यवसायी आशीष कक्कड़ द्वारा जीएसटी एक्ट में गिरफ्तारी की व्यवस्था वाली धारा 69 की वैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिका पर दिया।
26 जून को ग्रेटर कैलाश में रहने वाले व्यवसायी आशीष कक्कड़ के घर जीएसटी इंटेलिजेंस के अधिकारियों ने सुबह-सुबह अचानक धावा बोल दिया। बिना पूर्व सूचना के घर की तलाशी के बाद उसे लेकर राजेंद्र नगर स्थित उसके कार्यालय और फिर उसके चार्टर्ड अकाउंटेंट के कार्यालय पहुंचे।
याची का दावा है कि छापामारी की कार्रवाई के बाद जीएसटी इंटेलिजेंस के अधिकारी उसे गाजियाबाद स्थित अपने डीजीजीआई कार्यालय ले गए। उसके इकबालिया बयान पर जबरन हस्ताक्षर करवाए गए। जांच दल के प्रस्ताव पर प्रधान आयुक्त ने बिना किसी जांच-पड़ताल के यह मान लिया कि याची ने सीजीएसटी की विभिन्न धाराओं का उल्लंघन किया है। इसके बाद याची को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
याची के अधिवक्ता राघव देव गर्ग का कहना था कि गिरफ्तार करते वक्त सुप्रीमकोर्ट द्वारा अर्नेस कुमार के मामले में स्थापित विधि व्यवस्था का पालन नहीं किया गया। याची की गिरफ्तारी अवैधानिक है। इसलिए याची ने जीएसटी की धारा 69 की वैधानिकता को भी चुनौती देते हुए इस धारा को असंवैधानिक घाेषित करने मांग भी की है।
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