भारतीय रेलवे यात्रियों का विश्वास बढ़ाने की कवायद कर रहा है। अब यात्री क्यूआर कोड स्कैन करके यह जानकारी मिल जाएगी कि रेलवे बेडरोल धुला है या नहीं, या कब धुला है।

उत्तर प्रदेश गोरखपुर

सफल समाचार 
सुनीता राय 

गोरखपुर से चलने वाली एक्सप्रेस ट्रेनों के यात्री कंबल की धुलाई की जानकारी हासिल कर सकेंगे। इसके लिए गोरखपुर मैकेनाइज्ड लाउंड्री से निकलने वाले बेडरोल के पैकेट पर क्यूआर कोड के स्टीकर चस्पा कर दिए गए हैं। मोबाइल फोन से क्यूआर कोड को स्कैन करते ही धुलाई की पूरी जानकारी सामने आ जाएगी।

मैकेनाइज्ड लाउंड्री में बेडरोल की धुलाई प्रक्रिया को बेहतर करने के उद्देश्य से तीन नई हाईटेक वाशर एक्सट्रैक्टर मशीन तथा एक कैलेंडरिंग मशीन लगाई गई है। मशीन की क्षमता नौ टन से बढ़ाकर 16.7 टन प्रतिदिन कर दी गई है। इसकी वजह से हर दिन 20 हजार बेडरोल के पैकेट तैयार होने लगे हैं, जिनका इस्तेमाल गोरखधाम, गोरखपुर-एलटीटी और हमसफर एक्सप्रेस में किया जा रहा है।

पूर्वोत्तर रेलवे रूट की बात करें तो लखनऊ मंडल की चलने वाली 38 ट्रेनों में बेडरोल आपूर्ति की नई व्यवस्था शुरू की गई है। प्लेटफार्म से लिनेन को उठाने एवं ट्रेनों में पहुंचाने के लिए ई-कार्ट की व्यवस्था की गई है। इसके लिए कोच अटेंडेंड की ड्रेस भी अलग कर दी गई है।

सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने बताया कि मैकेनाइज्ड लाउंड्री को आधुनिक कर दिया गया है। यात्रियों की सुविधाओं को देखते हुए बेडरोल के पैकेट पर क्यूआर कोड भी चस्पा कर दिए गए हैं।

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