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विश्वजीत राय
हथिया गांव का निवासी है किशोर, जैतपुर में डूबे चार लोगों में तीन का मिल चुका था शव
मंजेश के पिता ने ठेकेदार पर लगाया घटना में हाथ होने का आरोप
किशोर वय के लड़कों को ले जाकर कराता है साड़ी फैक्ट्री में काम
खड्डा। गुजरात के राजकोट के जैतपुर स्थित भादिर नदी में डूबे किशोर का सोमवार को भी पता नहीं चला। घरवाले उसे लेकर काफी परेशान हैं। वह हथिया गांव का निवासी है। लापता हुए किशोर मंजेश के परिजनों ने घटना के पीछे ठेकेदार का हाथ बताया है।
खड्डा थाना क्षेत्र के हथिया गांव निवासी मंजेश लगभग चार वर्षों से गुजरात की साड़ी फैक्ट्री में काम करता था। इसी गांव का जीऊत भी साथ में काम करने गया है। जिऊत ने परिजनों को फोन पर बताया कि मंजेश थाने में बंद है। आकर छुड़ा लीजिए। इसके बाद मंजेश के पिता रामसंवारे व माता तेतरी बेटे को छुड़ाने गुजरात पहुंचे तो पता चला कि वह नदी में डूब गया है और लापता है। अभी दोनों वहीं पर हैं।
मंजेश के बड़े पिता केश्वर का आरोप है कि इस घटना में ठेकेदार का हाथ है। उसी के कारण डूबे लड़कों की जान गई है। अत्यंत गरीबी में जीवन यापन करने वाला मंजेश तीन भाइयों में सबसे बड़ा है। जीऊत के पिता मंगरू ने बताया कि मजबूरी के चलते कम उम्र में लड़का ठेकेदार के साथ मजदूरी करने गया है। वह बच गया है।
नाबालिग लड़कों से बंधुआ मजदूर की तर्ज पर कराया जाता है काम
हनुमानगंज थाना क्षेत्र के धरनीपट्टी गांव के निवासी अर्जुन प्रसाद की उम्र 16 वर्ष, नौतार जंगल निवासी कुश्वर 16 वर्ष, खड्डा थाना क्षेत्र के हथिया गांव का निवासी मंजेश की उम्र परिजन 15 वर्ष बता रहे हैं। इनमें से दो की डूबने से मौत हो गई है, जबकि एक लापता है। इसी तरह हथिया गांव का जीऊत भी नाबालिग है। मंजेश के बड़े पिता केश्वर, धरनीपट्टी गांव के जितेंद्र बताते हैं कि क्षेत्र से इस तरह कई और नाबालिगों को ठेकेदार ले जाकर साड़ी फैक्ट्री में कार्य कराते हैं। वे बहुत कम मजदूरी देते हैं। उन्हें कोई सुविधा नहीं मिलती है। बीमार पड़ने पर दवा तक नहीं कराते हैं। गरीबी के चलते लड़के व उनके परिवार वाले ठेकेदारों के चंगुल में फंस जाते हैं।
मछली पकड़ने उतरे थे नदी में
हथिया गांव निवासी जीऊत ने फोन पर बताया है कि चारों लड़के नदी में मछली पकड़ने उतरे थे। अचानक पानी आ गया और डूब गए। ठेकेदार ने कहा कि फोन पर बताना है कि पुलिस ने पकड़ा है, जबकि चारों लोग डूब गए थे।
पति और भाई की मौत से अंगीरा पर वज्रपात
खड्डा। पति तथा छोटे भाई की मौत की जानकारी मिलते ही अंगीरा पर मानो वज्रपात हो गया। उसके करुण क्रंदन से लोगों की आंखें नम हो जा रही थीं। पति व भाई को अंतिम बार देख नहीं पाने के गम में रो-रोकर अचेत हो जा रही है। धरनीपट्टी गांव निवासी गुड्डू भारती की मौत गुजरात के जैतपुर में नदी में डूबने से हो गई। उनके शव का वहीं पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस घटना में गुड्डू के साले कुश्वर की भी मौत हो गई थी। उसका भी अंतिम संस्कार कर दिया गया। गुड्डू की पत्नी अंगीरा अपने तीन वर्ष की पुत्री रितु व डेढ़ वर्ष के पुत्र समीर के साथ घर पर थी। वह इस बात से अनजान थी कि अब उसका सुहाग व कलाई पर राखी बंधवाने वाला भाई कभी नहीं आएंगे। देवर जितेंद्र की हिम्मत नहीं हो रही थी कि कैसे बताए, परंतु वह कब तक छुपाता। आखिर सोमवार को बताना पड़ा। जैसे ही जानकारी मिली, अंगीरा अचेत हो गई। वह बार-बार बड़बड़ा रही थी कि रोजी-रोटी कमाने गए थे। ऊपर वाले ने यह क्या कर दिया। अब बच्चे किसे पापा कहेंगे व मामा कहेंगे।
कम उम्र में निकले थे परिवार की हालत सुधारने
खड्डा। कम उम्र में परिवार की हालत सुधारने के लिए ये लड़के गुजरात गए थे। क्योंकि इनके घर की माली हालत बहुत दयनीय है।
धरनीपट्टी गांव निवासी अर्जुन अपने माता-पिता के साथ छोटी सी झोपड़ी में रहता था। गुड्डू भारती भी झोपड़ी में गुजर-बसर करते थे। इसी तरह नौतार निवासी कुश्वर की भी आर्थिक स्थिति दयनीय है। हथिया गांव निवासी (लापता) मंजेश का परिवार भी झोपड़ी व मजदूरी के सहारे है। अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए कम उम्र में ही घर से बाहर निकल गए थे। अब कभी लौटकर नहीं आएंगे।