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मनमोहन राय
पुलिस और एसएसबी भारत-नेपाल सीमा पर लाख सख्ती कर ले, मगर तस्करी का खेल रुकने वाला नहीं है। रविवार को को कोल्हुई थाना क्षेत्र में ट्रक पर लदा 447 बोरी चावल को पकड़े जाने के बाद यह बात साफ हो गई कि पुलिस, एसएसबी और तस्करों के बीच तू डाल-डाल, मैं पात-पात का खेल चल रहा है।
दरअसल, भारत सरकार ने पिछले वर्ष गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी है। साथ ही, चावल पर 20 प्रतिशत कस्टम ड्यूटी लगाई है। इसके बाद सीमावर्ती पगडंडियों से चावल और गेहूं की तस्करी बड़े पैमाने पर बढ़ गई है।
जानकारी के अनुसार, रविवार की देर रात तीन बजे एसएसबी खैरा घाट और कोल्हुई पुलिस की संयुक्त टीम ने तस्करी की रोकथाम के लिए गश्त कर रही थी। इस दौरान बुड़वा घाट के पास एक ट्रक देखा गया। रोककर जांच की गई। उसपर लदा 447 बोरी चावल लदा था।
पुलिस और एसएसबी ने तत्काल ट्रक को कब्जे में लेकर चालक रमेश चंद यादव निवासी ग्राम ढोढया थाना बखिरा जनपद संतकबीरनगर को पकड़ लिया। कोल्हुई के थानेदार महेंद्र यादव ने बताया कि बुड़वा घाट के पास से एक ट्रक पर लदा 447 बोरी चावल पकड़कर कस्टम एक्ट के तहत केस दर्ज कर चावल सहित ट्रक को कस्टम विभाग नौतनवां को सौंप दिया गया।
उधर, एक सप्ताह के भीतर चार बार चावल व गेहूं की बरामदगी हो चुकी है। चावल और गेहूं की तस्करी की मुख्य वजह यह है कि भारत में गेहूं 2,600 रुपये प्रति क्विंटल है। जबकि नेपाल में एक क्विंटल गेहूं 2950 भारतीय रुपये में मिलता है। भारत में चावल 4600 रुपये प्रति क्विंटल है तो यही नेपाल में जागर 6000 रुपये प्रति क्विंटल हो जाता है। कीमत में अंतर ज्यादा का ही फायदा तस्कर उठा रहे हैंं। चावल में 1400 और गेहूं में 350 रुपये बोरी की बचत हो रही है।
तस्करों की चाल को नाकामयाब करने के लिए पुलिस प्रशासन की ओर से सख्ती बरतनी शुरू कर दी गई है। यही वजह है कि प्रत्येक दिन चावल व गेहूं की बरामदगी हो रही है। इतना ही नहीं, सीमावर्ती क्षेत्रों में निगरानी बढ़ने के बाद भी तस्करी चकमा देकर पगडंडी के रास्ते चावल और गेहूं नेपाल पहुंचा रहे हैं।
कस्टम अधीक्षक एसके पटेल ने कहा कि नेपाल में चावल भेजने पर रोक लगा है। समय-समय मिले दिशानिर्देशों के अनुसार चावल व गेहूं नेपाल जाता रहा है। वर्तमान में कोटा के अनुसार गेहूं नेपाल भेजा जा रहा है।