जिला अस्पताल के वार्ड में लगे पंखे दम नहीं भर पा रहे हैं। प्रचंड गर्मी से बेहाल मरीजों को घरों से पंखा लेकर आना पड़ रहा है

उत्तर प्रदेश कुशीनगर

सफल समाचार 
विश्वजीत राय 

सीजर के बाद जिला अस्पताल में भर्ती प्रसूताओं ने सुनाया दर्द

पानी के लिए जाना पड़ता है नीचे, सभी वार्ड में लगे पंखों की है धीमी चाल

पडरौना। जिला अस्पताल के वार्ड में लगे पंखे दम नहीं भर पा रहे हैं। प्रचंड गर्मी से बेहाल मरीजों को घरों से पंखा लेकर आना पड़ रहा है। प्यास बुझाने के लिए तीमारदारों को छत से नीचे जाना पड़ रहा है।
जिला अस्पताल के महिला सर्जिकल वार्ड में गर्मी से बचने के लिए लोग घर से पंखा ला रहे हैं। अस्पताल में लगे पंखे पर्याप्त हवा नहीं दे रहे हैं। मरीजों का कहना है कि वार्ड में लगे पंखे पुराने हो गए हैं। इसलिए तेज नहीं चल रहे हैं। गर्मी से निजात के लिए घरों से पंखा लाना मजबूरी बन गई है।

इतना ही नहीं प्यास लगने पर वार्ड में पीने के लिए स्वच्छ पानी का भी इंतजाम नहीं है। इसके लिए नीचे लोगों को जाना पड़ता है। बिजली कटौती भी अस्पताल में अधिक हो रही है।
अस्पताल का निरीक्षण कर रहे सीएमएस भी मातहतों के साथ वार्ड में पहुंच गए। वार्ड में लगे पंखों की धीमी चाल को देखा। मरीजों ने कहा कि सीजर के बाद एक सप्ताह तक प्रसूताओं को भर्ती रहना पड़ता है। बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार वार्ड में लगे पंखों को ठीक नहीं करा रहे हैं।

यही हाल जनरल और इमरजेंसी वार्ड का है। यहां पर भी गर्मी के बीच लोगों को इलाज कराना पड़ रहा है। वार्ड में कूलर तक की व्यवस्था नहीं की गई है। जो पंखे लगे हैं, उनकी चाल मरम्मत के अभाव में धीमी पड़ गई है।

तो जिला अस्पताल के वार्ड में दलाल लिख रहे पर्ची पर दवाइयां
राउंड पर निकले सीएमएस को मरीजों ने वार्ड में दिखाई पर्ची
बोले, सरकारी अस्पताल के नहीं लिखे हैं डॉक्टर, कराई जाएगी जांच
संवाद न्यूज एजेंसी
पडरौना। सीजर के बाद वार्ड में भर्ती प्रसूताओं को जिला अस्पताल में दवाइयां नहीं मिल रही है। राउंड पर आने वाले डॉक्टर जिला अस्पताल की छोटी पर्ची पर बाहर की दवा लिख रहे हैं। बुधवार को वार्ड में पहुंचे सीएमएस से पर्ची दिखाते हुए मरीजों ने ऐसा आरोप लगाया। पर्ची देखने के बाद सीएमएस भौचक रह गए और बोले कि किसी बाहरी आदमी ने पर्ची पर दवा लिखी है। सरकारी अस्पताल के डॉक्टर नहीं लिख सकते और चले गए, लेकिन यह बात मरीजों के गले नहीं उतरी।
जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों का शोषण बंद नहीं हो रहा है। सीजर के बाद सर्जिकल वार्ड में भर्ती फाजिलनगर के शंकरपट्टी की रंजना देवी, भड़कुलवा की वर्षा, कुरमौल की रहने वाली रानी, कठकुइयां की रहने वाली सुमन देवी का आरोप है कि सिर्फ एक-दो दवा अस्पताल से मिल रही हैं, जबकि कई दवाइयां प्राइवेट दुकानों से खरीदनी पड़ रही हैं।

सुबह राउंड पर डॉक्टर आते हैं तो दवाओं की पर्ची थमा देते हैं और स्टाफ नर्स जल्दी दवा खरीदकर लाने का दबाव बनाने लगती हैं। बाहरी दवा का विरोध करने पर डॉक्टर बोलते हैं कि अस्पताल की दवा से तो ठीक हो चुकी…। वार्ड में पहुंचे सीएमएस को मरीजों ने बाहरी दवा की लिखी हुई पर्ची दिखाई। पर्ची देखने के बाद वह कमियों पर पर्दा डालते हुए बोले कि सरकारी डॉक्टर की लिखी हुई पर्ची नहीं है। किसी बाहरी ने दवा लिखी है। सवाल उठता है कि जिला अस्पताल के वार्ड में सीजर के बाद भर्ती मरीजों की जांच करने अपरन पहनकर आखिर कौन जा रहा है।
सीएमएस की बातों पर गौर किया जाए तो डॉक्टर के भेष में दलाल तो वार्ड में नहीं सक्रिय हैं। जबकि वार्ड में जाने-आने वालों पर ड्यूटी पर तैनात स्टाफ नर्स की नजर रहती है। यह जांच का विषय है। वार्ड में भर्ती अन्य प्रसूताओं और तीमारदारों ने बाहर से दवा लिखने का विरोध जताया।

वार्ड में कर्मचारी तैनात, गद्दे का इंतजार
जिला अस्पताल में 30 बेड का एक सर्जिकल वार्ड बनाया गया है। तीन शिफ्ट में स्टाफ नर्स की ड्यूटी भी लगा दी गई है, लेकिन बेड पर गद्दे नहीं होने के कारण मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा अन्य सामान भी कर्मचारियों की उदासीनता के कारण वार्ड में नहीं पहुंच सका है। सीएमएस ने नाराजगी जाहिर करते हुए स्टाफ नर्स से अविलंब गद्दा और अन्य सामान वार्ड में शिफ्ट कराने के निर्देश दिए।

वर्जन-
सीजर के बाद वार्ड में भर्ती प्रसूताओं ने डॉक्टर पर बाहर से दवा मंगाने का आरोप लगाते हुए एक पर्ची दिखाई। लेकिन सरकारी अस्पताल के किसी भी डॉक्टर की लिखी हुई पर्ची नहीं थी। इसकी जांच कराई जाएगी। पंखे को ठीक कराया जाएगा। लाइनमैन को निर्देश दे दिए गए हैं। वार्ड का वाशरूम भी ठीक कराया जाएगा।

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