शहर या ग्रामीण क्षेत्र में बनने वाले सभी तरह के घरों के निर्माण से पहले नक्शा पास कराना जरूरी है

उत्तर प्रदेश कुशीनगर

सफल समाचार 
विश्वजीत राय 

होम लोन के लिए आबादी भूमि की खतौनी, आयकर रिटर्न, नक्शा व एस्टीमेट जरूरी
कृषि भूमि को अकृषक बनाना एवं नक्शा पास कराना होता है जरूरी

पडरौना। शहर या ग्रामीण क्षेत्र में बनने वाले सभी तरह के घरों के निर्माण से पहले नक्शा पास कराना जरूरी है। शहरी क्षेत्र में मास्टर प्लान और ग्रामीण क्षेत्रों में घर बनवाने वाले लोगों को जिला पंचायत से नक्शा पास कराना पड़ता है। यदि बिना नक्शा पास कराए ही घर बनवा लिए तो बैंक से ऋण नहीं मिलेगा।
शहरी क्षेत्र में लोग घर का निर्माण कराने से पहले मास्टर प्लॉन से नक्शा पास तो कराते हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में ग्रामीण क्षेत्र के लोग बिना नक्शा पास कराए ही लाखों रुपये खर्च कर अपने भवन का निर्माण कराते हैं। इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों में घर बनवाने के नाम पर या घर बनवाने के बाद जरूरत पड़ने पर यदि लोगों को बैंक से ऋण लेने में परेशानी उठानी पड़ती है।

अगर आपको बैंक से लोन लेकर घर बनवाना है तो अभिलेख तैयार कराने ही पड़ते हैं। बैंक से होम लोन के लिए आबादी भूमि की खतौनी, आयकर रिटर्न, नक्शा व एस्टीमेट जरूरी होता है। इसमें कृषि भूमि को अकृषक घोषित कराने एवं विनियमित क्षेत्र के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी घर बनवाने के लिए नक्शा पास कराना पड़ता है।

बैंक कर्मचारियों की मानें तो बैंक से होम लोन के लिए आवेदन के साथ सभी दस्तावेजी साक्ष्य उपलब्ध होने चाहिए। इनके आधार पर ही बैंक कर्मी मौके पर पहुंचकर मुआयना कर रिपोर्ट लगाते हैं। तब जाकर होम लोन की संस्तुति होती है। सभी दस्तावेज की उपलब्धता एवं रिपोर्ट के आधार पर बैंक से लोन मिलने में देरी नहीं होती है।

अकृषक घोषित करने की होती है लंबी प्रक्रिया
कृषि भूमि को अकृषक घोषित करने के लिए आवेदन करने के साथ भूमि के रकबा के मालियत के अनुसार एक फीसदी फीस जमा करनी पड़ती है। इसके बाद जांच कर रिपोर्ट लगाने के फाइल लेखपाल के पास जाती है। जहां लेखपाल संबंधित भूमि को आबादी क्षेत्र में होने संबंधी रिपोर्ट लगाते हैं। इसके बाद कानूनगो और तहसीलदार से होते हुए एसडीएम के पास पहुंचती है और संबंधित भूमि अकृषक घोषित की जाती है। इस प्रक्रिया में एक माह से अधिक लग जाता है।

बैंक से होम लोन के लिए शुरू से ही संबंधित भूमि का नक्शा अनिवार्य दस्तावेज में शामिल रहा है। इसमें नगर निकाय क्षेत्र में संबंधित नगर निकाय से और ग्रामीण क्षेत्र में संबंधित जिला पंचायत से नक्शा मान्य होता है। साथ ही विनियमित क्षेत्र के तरफ से जारी नक्शा ही मान्य होता है। सक्षम विभाग से घर का नक्शा पास होने के बाद न केवल बैंक से ऋण उपलब्ध कराने में सहूलियत होती है बल्कि घर की वास्तविक मालकियत का पता चलता है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को सक्षम विभाग से नक्शा पास जरूर करना चाहिए।

अमित अग्रवाल, आरएम, बढ़ौदा यूपी बैंक, कुशीनगर

जिला पंचायत से नक्शा पास कराने के लिए यह है नियम
उप्र क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत अधिनियम 1961 के तहत कोई भी व्यक्ति जिला पंचायत के पूर्व अनुमति के बिना नए भवन का निर्माण अथवा पुराने भवन में फेरबदल नहीं करा सकता है। किसी भी तरह के भवन निर्माण की अनुमति लेने के लिए कम से कम तीन माह पूर्व भूमि का मालिक जिला पंचायत अध्यक्ष को निर्माण के लिए आवेदन देने होते हैं। इस आवेदन में स्थल का नक्शा, स्थल के समीपवर्ती भूमि का संक्षिप्त विवरण व भूमि मालिकों का नाम, समीपवर्ती मार्ग का विवरण के साथ नाम, आवास का प्रकार (आवासीय य व्यावसायिक) का उल्लेख करना होता है। लोगों को आवासीय नक्शा पास कराने के लिए प्रति आवास 500 रुपये और व्यवसायिक संस्थान के लिए एक हजार रुपये सरकारी शुक्ल जमा करना होता है।

आवास का नक्शा पास करने यह होता है लाभ
ग्रामीण या शहरी क्षेत्र में नक्शा पास कराने के बाद घर बनवाने में भवन की वास्तविक कीमत का आकलन करने में सहूलियत होती है। बैंक से ऋण लेने में आसानी होने के साथ यदि कोई प्राकृतिक आपदा अथवा सरकार की तरफ से भवन अधिग्रहण करने पर भवन का सही आकलन करने में सहूलियत होती है।

ग्रामीण क्षेत्र में अब तक महज छह लोग पास कराए हैं नक्शा
जिले में अब तक महज पांच लोगों ने ही नक्शा पास करवाया है। इसमें से केवल छह लोग ही जिला पंचायत से नक्शा पास करवाकर अपना घर बनवाए हैं। इसमें सखवनिया की सरोज देवी, शंकर पटखौली के ओमप्रकाश, तुर्कपट्टी के बिंदु देवी, तुर्कपट्टी के धनंजय, महुअवा खुर्द के धनंजय कुमार और चितहां गांव के शम्भूशरण के नाम शामिल हैं। इनके अलावा हरका रामपुर में निर्माणाधाीन राजकीय मेडिकल कॉलेज, मंसूर गंज स्थित एक पेट्रौल पंप और सुकरौली स्थित एक विद्यालय समेत कुल 15 लोगों ने नक्शा पास करवाए हैं।

गांव में भी नक्शा बनता है, इस संबंध में पहली बार सुन रहा हूं। यदि नक्शा पास कराना अनिवार्य है तो एक दो दिन में जिला पंचायत कार्यालय संपर्क कर पूरी प्रक्रिया के बारे में जानकारी लूंगा और नक्शा पास करवाउंगा।

रियासत अंसारी, निवासी माधोपुर बुजुर्ग

शहरी क्षेत्र में नक्शा पास कराने के बाद घर बनाने की जानकारी थी। नक्शा पास होने के बाद घर बनाने पर कई सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता है। लेकिन ग्रामीण इलाकों में नक्शा पास कराने की जानकारी नहीं थी। शीघ्र ही जिला पंचायत कार्यालय से संपर्क कर नक्शा पास कराने के लिए आवेदन प्रस्तुत करूंगा, ताकि भविष्य में कोई परेशानी न हो।

शाहिद अंसारी, निवासी मंझरिया

जनवरी से अब तक शहरी क्षेत्र में पास हुए नक्शा
पडरौना मास्टर प्लान कार्यालय की वरिष्ठ लिपिक पुष्पांजलि शर्मा ने बताया कि जनवरी में 26, फरवरी में 21, मार्च में 37, अप्रैल में 35, मई में 35 और जून में 76 लोगों ने अपने घर का नक्शा पास कराए हैं। जुलाई माह में अभी तक एक भी आवेदन नही आए हैं। यदि आवेदन मिलते हैं जरूरी कार्रवाई की जाएगी।

कोट
शहरी क्षेत्र की तरह ग्रामीण क्षेत्रों में भी बनने वाले आवासीय या व्यावसायिक भवन निर्माण के लिए जिला पंचायत से नक्शा पास कराना पड़ता है। आवासीय भवन के लिए 500 रुपये और व्यावसायिक भवन के लिए एक हजार रुपये सरकारी शुल्क है। नक्शा पास कर घर बनवाने वाले लोगों को बैंक से ऋण मिलने में सहूलियत होने के साथ उन्हें अन्य कई सरकारी योजनाओं में लाभ मिलता है। लेकिन इस संबंध में पर्याप्त जागरुकता नहीं होने से ग्रामीण क्षेत्र के लोग नक्शा पास नहीं कराते हैं। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष जागरुकता अभियान चलाया जाएगा। – सुरेश वर्मा, अपर मुख्य अधिकारी, जिला पंचायत, कुशीनगर

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