गोरखपुर विश्वविद्यालय से जुड़े सूत्रों की मानें तो वर्ष 2005-06 में वह एक छात्रा के साथ संदिग्ध हालात में पकड़े गए थे

उत्तर प्रदेश गोरखपुर

सफल समाचार 
सुनीता राय 

गोरखपुर विश्वविद्यालय से जुड़े सूत्रों की मानें तो वर्ष 2005-06 में वह एक छात्रा के साथ संदिग्ध हालात में पकड़े गए थे। हालांकि, इस मामले की कहीं शिकायत नहीं होने पर दब गया था, मगर विश्वविद्यालय में काफी दिनों तक चर्चाएं होती रहीं।

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के रंग मिजाज प्रोफेसर की निजी कर्मचारी के साथ आपत्तिजनक वीडियो व ऑडियो की जांच करने राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम के आने के बाद फिर वह चर्चा में आ गए हैं। उनके रंग मिजाजी का यह पहला मामला नहीं है। पहले भी सुर्खियों में रहे हैं। मामला दब जाने के बाद भी उनकी आदत में सुधार नहीं आया।

गोरखपुर विश्वविद्यालय से जुड़े सूत्रों की मानें तो वर्ष 2005-06 में वह एक छात्रा के साथ संदिग्ध हालात में पकड़े गए थे। हालांकि, इस मामले की कहीं शिकायत नहीं होने पर दब गया था, मगर विश्वविद्यालय में काफी दिनों तक चर्चाएं होती रहीं। इसके अलावा एक शोधार्थी के साथ भी उनके मधुर रिश्ते की चर्चाएं आम से लेकर खास तक की जुबान पर रही हैं।

चर्चा तो यह भी है कि उसी ने प्रोफेसर व उनकी निजी कर्मचारी के वीडियो व ऑडियो एवं अन्य साक्ष्यों को जुटाकर विश्वविद्यालय प्रशासन एवं राष्ट्रीय महिला आयोग में शिकायत कराई है। विश्वविद्यालय की आंतरिक टीम ने उससे संपर्क भी किया है। वह खलीलाबाद क्षेत्र के एक कॉलेज में मानदेय पर शिक्षिका है।

जनवरी से निजी कर्मचारी के तौर पर काम कर रही है युवती

इस मामले की तह तक जाने के लिए मंगलवार को राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य डेलिना खोंगडुप व प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर सर्वेश पांडेय ने प्रशासनिक भवन के कमेटी हाॅल में आंतरिक कमेटी के साथ बैठक की। आयोग की सदस्य ने टीम को 30 दिनों में प्रारंभिक व 90 दिनों में विस्तृत रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।

प्रोफेसर के साथ वीडियो में दिख रही युवती जनवरी से निजी कर्मचारी के तौर पर उनके साथ काम कर रही है। बताया जा रहा है कि गोरखपुर विश्वविद्यालय की वह छात्रा भी नहीं है। शादी समारोह एवं सार्वजनिक तौर पर भी वह कई जगह प्रोफेसर के साथ आते-जाते देखी जा चुकी है।

विवि में पूरे दिन चर्चा में बने रहे प्रोफेसर
राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम के आने और खबर प्रकाशित होने के बाद बुधवार को विश्वविद्यालय परिसर में पूरे दिन शिक्षक से लेकर कर्मचारी और छात्रों के बीच प्रोफेसर के रंगमिजाजी की चर्चा होती रही।

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