खड्डा। थाना क्षेत्र के भुजौली गांव के सार्वजनिक पोखरा परिसर में मोहर्रम की तैयारी को लेकर मजार व कर्बला के पास बांस की बैरिकेडिंग और धार्मिक झंडा लगाए जाने पर दूसरे समुदाय के लोगों ने आपत्ति जताई

उत्तर प्रदेश कुशीनगर

सफल समाचार 
विश्वजीत राय 

खड्डा थाना क्षेत्र के भुजौली गांव का मामला

खड्डा। थाना क्षेत्र के भुजौली गांव के सार्वजनिक पोखरा परिसर में मोहर्रम की तैयारी को लेकर मजार व कर्बला के पास बांस की बैरिकेडिंग और धार्मिक झंडा लगाए जाने पर दूसरे समुदाय के लोगों ने आपत्ति जताई। चार दिन से यह विवाद चल रहा था। बृहस्पतिवार को मामला गरमा गया।
प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए दोनों पक्षों को थाने बुलाकर कड़ी हिदायत दी। कहा कि नई परंपरा शुरू हुई तो कड़ी कार्रवाई होगी। दोनों पक्षों ने लिखकर दिया कि पूर्व के शर्तों का पालन करेंगे।

भुजौली ग्राम पंचायत में सार्वजनिक पोखरा है। यहां हिंदू समुदाय के लोग दुर्गा प्रतिमा विसर्जन, छठ पूजा करते हैं तथा मुस्लिम समुदाय के लोग भी मोहर्रम में कर्बला/मजार के पास ताजिया दफन करते हैं। दोनों समुदायों में पूर्व में लिखित समझौता हुआ था।
आरोप है कि चार दिन पहले मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मोहर्रम को लेकर कर्बला/मजार की साफ सफाई शुरू की और उसे हरे रंग से रंगा गया। साथ ही बांस के सहारे मजार के चारों तरफ घेरा बना दिया गया। इसकी जानकारी होने पर दूसरे समुदाय के लोग पहुंच गए। शर्तों का उल्लंघन बताते हुए एतराज शुरू कर दिया और बांस-बल्ली हटा दी गई।

बुधवार को दोबारा बांस-बल्ली लगा दी गई, जिससे विवाद बढ़ गया। दूसरे पक्ष ने पुलिस से लिखित शिकायत की। पुलिस ने पहुंचकर दोनों पक्षों को शांत कराते हुए बैरिकेडिंग हटवा दिया।
आरोप है कि बृहस्पतिवार को तीसरी बार बैरिकेडिंग की गई व कई धार्मिक झंडे लगा दिए। इस पर फिर तनातनी हुई। दोनों पक्षों में गरमा-गरम बहस हो गई। मुस्लिम पक्ष का कहना था कि झंडा लगाना उनका धार्मिक हक है तथा मजार की सुरक्षा के लिए बांस से घेरा बनाया गया है। इसे झूठ में तूल दिया जा रहा है। जबकि हिंदू पक्ष का आरोप था कि लिखित समझौते में झंडा व बैरिकेडिंग की बात नहीं लिखी है। यह नई परंपरा शुरू कर अतिक्रमण किया जा रहा है।
सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दोनों पक्षों को थाने बुलाया। इस दरम्यान एडीएम वैभव मिश्र, एडिश्नल एसपी रितेश सिंह, एसडीएम आशुतोष, सीओ संदीप वर्मा भी थाने में मौजूद थे।

पुलिस ने पुराने समझौते को पढ़कर सुनाया तथा बांस-बल्ली व झंडा लगाने को नई परंपरा बताते हुए हटा लेने के लिए कहा तो मुस्लिम पक्ष ने हटा लिया। दोनों पक्षों ने पुलिस के समक्ष लिखित समझौता किया कि पूर्व में हुए समझौते का पालन करेंगे।

इस संबंध में प्रभारी निरीक्षक अमित शर्मा का कहना था कि दोनों पक्षों में लिखित समझौता है। उसी के अनुसार ही त्योहार बनाया जाएगा। दोनों पक्षों ने लिखकर दिया है। किसी भी दशा में किसी पक्ष को नई परंपरा शुरू नहीं करने दी जाएगी। शर्तों का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी।

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