सफल समाचार अजीत सिंह
जिलाधिकारी श्री चन्द्र विजय सिंह ने अवगत कराया है की सर्पदंश से बचाव के उपाय, सर्पदंश की स्थिति में क्या करें क्या न करें तथा रेडियो, टी.वी. न्यूज पेपर आदि के माध्यम से प्रचार-प्रसार कराने के साथ-साथ सर्पदंश से होने वाली जनहानि को रोकने के लिए प्रत्येक चिकित्सा केन्द्र में पर्याप्त मात्रा में एंटी स्नेक वेनम व अन्य दवाओं की उपलब्धता/जागरूकता सुनिश्चित करने हेतु ‘‘सर्पदंश सुरक्षा सप्ताह‘‘ आयोजित किये गये हैं।उन्होंने बताया की समस्त सी0एच0सी0 पी0एच0सी0 पर उपजिलाधिकारी स्वयं एंटी स्नेक वेनम की उपलब्धता की जांच करें, .सर्पदंश से बचाव संबंधी आई0ई0सी0 मैटेरियल राहत आयुक्त कार्यालय की वेबसाइट के लिंक डाउनलोड कर सोशल मीडिया, रेडियों, न्यूज पेपर, टी0वी0 आदि के माध्यम से प्रसारित किया जाए। उन्होंने बताया की राष्ट्रीय आपदा प्रबंध प्राधिकरण भारत सरकार नई दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंध प्राधिकरण लखनऊ के माध्यम से भारत और उत्तर प्रदेश में घटित सर्पदंश की घटनाएं प्रायः बढ़ने के दृष्टिगत उससे होने वाले नुकसान और बचाव हेतु एडवाइजरी जारी की गई है। जिलाधिकारी ने एडवाइजरी के माध्यम से जनपद वासीयों से अपील किया है कि ’सर्पदंश से बचाव व उसके लक्षण के विषय में जानकारी प्राप्त कर स्वयं बचे एवं दूसरे को भी बचाने का कार्य करें तथा साथ ही साथ एक दूसरे को जागरूक कर जनहानि की घटनाओं को कम करने का प्रयास करें। उन्होंने बताया कि भारत में अन्य राष्ट्रों जैसे आस्टेलिया व अमेरिका में विषैले सर्पों की प्रतिशता 85-65 प्रतिशत आंकि गयी है जबकि विषहीन सर्प की प्रतिशता 15-35 प्रतिशत है जिसके सापेक्ष मरने वाले की संख्या प्रत्येक वर्ष 0 से 10 व्यक्तियों की है, परन्तु भारत में विषैले सर्प मात्र 15 प्रतिशत ही है जिसके सापेक्ष भारत मे प्रत्येक वर्ष लगभग 45-46 हजार मृत्यु सर्पदंश से होती है, जिसका प्रमुख कारण लोगो में अज्ञानता व समय से ईलाज न कराने के वजाय झाड़-फूक आदि पर ज्यादा विश्वास करने से होती है। उन्होंने बताया की बनावट (जहरीले सॉप):- सिर-त्रिकोण (अपवाद कोबरा)ध् सिर के सल्क-छोटाध्बेली स्केल-फैला हुआध् फैंग (विषदंत) पुतलियॉ (इलिप्टिकल पुतली) एनल प्लेट (एक लाइनवाली प्लेट) सॉप के आंख एवं नथुनों के बीच पिट या छेद पिटवाइपर मेें उपस्थित। बाइट का निशानः-दंश का निशान पाया जाता है। विषहीन सॉप:-सिर गोलाकारध् सिर के सल्क (बडा) बेलीस्केल (छोटा पूरी चौड़ाई तक नहीं फैलता) फैंग विषदंत (अनुपस्थित) पुतलियॉ (गोलाकर) एनल प्लेट (दो लाइन वाली प्लेट) सॉप के आंख एवं नथुनों के बीच पिट या छेद (अनुपस्थित)बाइट का निशानः-छोटे दातों की लाइन पाया जाता है।तुरन्त क्या करेंः- काटे गये जगह को साबून व पानी से धोएं।दांत के निसान की जॉच करें, कही जहरीले सर्प के काटने का दो दंत का निशान तो नही ? काटे हुए अंग को हृदय के लेवल से नीचे रखें ? सर्पदंश वाले अंग को (फिक्स) करें। घायल व्यक्ति को संात्वना दे, घबराहट से हृदय गति तेज चलने से रक्त संचरण तेज हो जायेगा और जहर सारे शरीर में जल्द फैल जयेगा।तुरंत बड़े अस्पाताल ले जाए। यदि जहरीले सर्प ने काटा है तो ।दजप टंदवउ ैदंाम का इजेक्शन डाक्टर से लगवाएं, जो जनपद के जिला चिकित्सालय एवं सी0एच0सी0ध् पी0एच0सी0 पर उपलब्ध है। क्या न करें। बर्फ अथवा अन्य गर्म पदार्थ का इस्तेमाल काटे गये स्थान पर न करें। सर्प से प्रभावित व्यक्ति के कटे स्थान पर टुर्निकेट न बॉधे। इससे संबंधित अंग में रक्त प्रवाह पूरी तरह रूक सकता है एवं संबंधित अंग की क्षति हो सकती है।
काटे गये स्थल पर चीरा न लगाए। यह आगे नुकसान पहुॅचाता है।
घायल को चलने से रोकें। शराब/नींद आने की कोई दवा नहीं दें।
मुंह से कटे हुये स्थान को न चुसे। मंत्र या तांत्रिक के झांसे में न आये। भय एवं चिन्ता न करें सभी सॉप जहरीले नहीं होते है।सॉप के काटने के उपरान्त काटने के निशान की जॉच करें।जॉच करें कि जहरीले या विषहीन सॉप ने काटा है। सॉप के विष के अनुसार एंटी वेनम (इंजेक्शन) लगवाया जाय।
नोट- विषहीन सॉप के काटने से भी घाव के आस-पास सुजन और खुजलाहट होती है। जहरीले सर्प के काटने पर लक्षण- स्पैक्टेक्लैड कोबरा रूधितंत्र पर असर करने वाले जहर काटे गये जगह पर दर्द नींद आना सांस लेने में परेशानीध् बंद होती पलकें नेक्रोसिस (शरीर के कोशिकाओं की मृत्यु) पक्षाघात मुॅह परा झाग का आना निगलने में परेशानी कामन करैत रूधितंत्र पर असर करने वाला जहर नींद आना सांस लेने में परेशानी बंद होती पलकें निगलने में परेशानी पक्षाघात जी मिचलाना पेट में अत्यधिक दर्द स्केल्डवाइपर उत्तक को नष्ट करने वाला जहर काटे गये स्थान पर जलन एवं दर्द। पीठ के निचले भाग एवं लोइन (पसली एवं कमर के हड्डी के बीच वाली जगह पर दर्द) मानसिक क्षति के कारण आन्तरिक कोशिकाओं एवं वाह्य कोशिकाओं में रक्त स्राव। अत्यधिक सूजन। काटे गये स्थान पर तेजी से जलन। अत्यधिक नेक्रोसिस (शरीर के कोशिकाओं की मृत्यु) दो कारणों से सॉप काटते है। आहार (भोजन) के लिये’ भय और आत्मरक्षा के लिये (करैत के द्वारा बिस्तर पर भी काटने की घटना होती है) सॉप को दूर रखने के तरीके सॉप के बील में कार्बोलिक एसिड डाल दें, उसके गंध से सॉप दूर हो जाते है। मुर्गी के चूजे और चूहे को घरों से दूर रखें। सॉप काटने से मृत व्यक्तियों में से आधे से अधिक लोग विषहीन सर्प के काटने से मरते है। सर्पदंश के बारे में जानकारी ही बचाव है। जन अपील (करें प्रशिक्षित, रहें सुरक्षित)।