घटना की छानबीन के लिए मंगलवार की दोपहर एसपी (नार्थ) चौरीचौरा थाने पहुंचे। हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ की। पुलिस सूत्रों के अनुसार पूछताछ में हत्या में प्रधान के परिवार का हाथ है

उत्तर प्रदेश गोरखपुर

सफल समाचार 
सुनीता राय 

क्या बताऊं, मेरे बेटे की किसी से दुश्मनी नहीं थी। वह नशा भी नहीं करता था। सबसे हंसकर बातें करता था। वह सबके सामने पुतले की तरह धू-धू कर जल गया। बहुत चिल्लाई पर किसी का कलेजा नहीं पसीजा। एक बाल्टी पानी तक किसी ने नहीं डाला कि आग बुझ जाए। दिव्यांग सुरेंद्र की मौत पर इतना कहते ही मां मैना देवी बेसुध हो गईं। उनके आसपास खड़ी गांव की महिलाएं उन्हें संभालने में जुट गईं। सबकी आंखें नम थीं।

गोरखपुर-देवरिया रोड पर दुबियारी पुल पार करते ही सात टोलों वाले देवीपुर ग्राम पंचायत की सीमा शुरू हो जाती है। मुख्य सड़क से दाएं देवीपुर का स्कूल टोला है। इसी टोले में मृतक सुरेंद्र का दो कमरों का मकान है। पास में ही एक झोपड़ी है, जिसमें चारपाई पर दिव्यांग सुरेंद्र सोते थे। बगल के कमरे में उनकी मां मैना देवी रहती हैं। सुरेंद्र के छोटे भाई योगेंद्र गांव में अपने चाचा रामजीत के पास रहते हैं। मंगलवार की दोपहर 12.16 बजे झोपड़ी में ही मां मैना देवी लेटी थीं।

उनके पास में ही सुरेंद्र की बहन रीता और गांव की एक महिला भी थीं। रीता से जब घटना के बाबत कुरदने की कोशिश की गई तो बोलीं- जो बताना था, पुलिस को बता दिए हैं। भगवान सब जान रहा है और अब पुलिस जाने। तभी योगेंद्र की पत्नी भी गांव से आ गईं। इसी दौरान मैना देवी भी उठकर बैठ गईं और छाती पीटकर मारकर रोने लगीं। इसी बीच चौरीचौरा थाने से पुलिस भी आ धमकी। एक महिला कांस्टेबल ने सुरेंद्र बहन रीता से बोली, चलो थाने पर गोरखपुर से साहब आए हैं। कुछ बातचीत करेंगे। लेकिन भाई के फटकारने पर रीता ने थाने जाने से मना कर दिया।

बहन बोलना चाही तो भाई ने जड़े थप्पड़

मृतक सुरेंद्र के भाई योगेंद्र ने कहा कि मेरा भाई कभी शराब नहीं पीता था। बहन रीता ने कुछ बोलने की कोशिश की तो योगेंद्र ने उसे दो-तीन थप्पड़ जड़ दिए। मां ने भी बेटी को चुप कराने का प्रयास किया। करीब 15 मिनट तक पुलिस ने उन्हें शोर-शराबा न करने के लिए समझाया। इसके बाद पुलिस गांव की एक युवक को जीप में बैठाकर थाने चली गई।

मां और भाई सुरेंद्र से लड़ता था योगेंद्र, ग्राम सभा की जमीन पर कब्जा किया
घटना के बाद गांव के लोग चुप्पी साधे हुए हैं। लोग खुलकर इस मसले पर बात नहीं करना चाहते हैं। मंगलवार को दिन में चार पांच बार पुलिस पहुंची। लोग अपने घरों के सामने बैठकर उधर गुजरते लोगों को टुकुर-टुकुर निहार रहे थे। कुछ लोगों ने बताया कि दुर्घटना में दिव्यांग हुए सुरेंद्र को लेकर मां चिंतित रहती थीं।

वह बेटे की दवा कराना चाहती थीं। इस परिवार के पास चार बीघा जमीन है। रामजीत के भतीजे पन्नेलाल ने एक जमीन का सौदा कराया था। इसमें 29 लाख रुपये मिले थे, जिनको लेकर अक्सर योगेंद्र का विवाद होता रहता था। वह चाहता था कि मां उसे पैसे दे दें, ताकि वह गाड़ी खरीद सकें। इनके पास कुछ और जमीनें भी हैं, जिनके सौदेबाजी की बात होती रहती थी। आरोप है कि उसने ग्राम समाज की जमीन पर कब्जा जमाया है।

 

प्रधान के घर पहुंचे थे मृतक के चाचा…अपशब्द भी कहे

घटनास्थल से करीब सात सौ मीटर की दूरी पर प्रधान प्रिया देवी का आवास है। प्रिया के पति वीरेंद्र सहित परिवार के अन्य लोगों को रविवार की रात में ही पुलिस थाने लेकर चली गई थी। तभी से उनसे पूछताछ होती रही। दोपहर दो बजे उनके दरवाजे पर प्रधान के बुजुर्ग ससुर लालबचन, सरदारनगर प्रधान संघ के अध्यक्ष अच्छेलाल साहू, अनिल, रामदरश, लक्ष्मण, राजपति सहित 25 से अधिक लोग बैठे हुए थे।

लालबचन ने कहा कि उनके बेटे बेकसूर हैं। उन्होंने बताया कि घटना के बाद रामजीत और सोनू बाइक से आकर उनके दरवाजे पर गाली दे रहे थे। वह लोग बार-बार पानी की टंकी वाली जमीन के लिए जलाने का आरोप लगाए। सीसीटीवी फुटेज में देख लीजिए। सब पता चल जाएगा। प्रधान के घर के सामने ही त्रिनेत्र का कैमरा लगा है। इसका डीवीआर पुलिस के कब्जे में है।

 एसपी (नार्थ) ने की पूछताछ, थाने से छूटे नामजद और अन्य

घटना की छानबीन के लिए मंगलवार की दोपहर एसपी (नार्थ) चौरीचौरा थाने पहुंचे। हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ की। पुलिस सूत्रों के अनुसार पूछताछ में हत्या में प्रधान के परिवार का हाथ है कि नहीं, सुरेंद्र की हत्या से किसे और कितना फायदा होगा? मां और बेटे के तहरीर देने के बजाय मृतक की बहन से प्रार्थना पत्र क्यों दिलाया गया? इन बिंदुओं पर पुलिस गहनता से छानबीन कर रही है।

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