जीडीए उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह तंवर ने कहा कि सर्वे रिपोर्ट पर स्थानीय टीम के सदस्यों ने सहमति जताई है। लोग सर्वे से खुश हैं। किसी का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा

उत्तर प्रदेश गोरखपुर

सफल समाचार 
सुनीता राय 

जीडीए (गोरखपुर विकास प्राधिकरण) की खोराबार टाउनशिप एवं मेडिसिटी योजना का काम अब तेजी से आगे बढ़ेगा। जीडीए और स्थानीय लोगों की संयुक्त टीम की ओर से तैयार सर्वे रिपोर्ट पर सहमति बन गई है। वहीं, जीडीए उपाध्यक्ष ने सभी को आश्वस्त किया कि जिनके मकान आरक्षित किए गए हैं। उनको चहारदीवारी बनाकर सुरक्षित किया जाएगा।

जीडीए की खोराबार टाउनशिप एवं मेडिसिटी योजना के लिए खोराबार, जंगल सिकरी सैनिक नगर कॉलोनी में जमीन अधिग्रहित की गई है। इस जमीन पर जीडीए ने अतिक्रमण हटाना शुरू किया तो लोगों ने विरोध जताया। मकानों को टूटने से बचाने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलकर गुहार लगाई।

सीएम के निर्देश पर स्थानीय लोगों और जीडीए अधिकारियों-कर्मचारियों की चार टीमें बनाकर 24 जुलाई से सर्वे शुरू कराया गया। पूरे क्षेत्र को चार सेक्टर में बांटकर सर्वे किया गया। इस दौरान टीमों ने डिजिटल सर्वे भी किया। इस दौरान अधिग्रहित जमीन क्षेत्र में आने वाले आवासीय मकान, चहारदीवारी, खुले स्थान, टीनशेड और अन्य भवन की विधिवत रिपोर्ट तैयार की गई।

सेक्टर एक में 120, सेक्टर दो जंगल सिकरी में 119, सेक्टर तीन में 117 और सेक्टर चार में 117 स्थानों को चिन्हित किया गया है। इन स्थानों को आबादी और जीडीए की अधिग्रहित जगह के अनुसार चहारदीवारी चलाकर पहले सुरक्षित किया जाएगा। इसके बाद जीडीए की योजना के काम शुरू होंगे।
 सभी ने जताई सहमति, मकान हो जाएंगे सुरक्षित

बुधवार को जीडीए उपाध्यक्ष के कक्ष में सभी टीमों की बैठक दोपहर 12 बजे से दोपहर दो बजे तक चली। इस दौरान बारी-बारी से अधिकारियों ने पूरी रिपोर्ट पेश की। सर्वे के आधार पर स्थानीय लोगों की टीमों ने संतुष्ट होने की बात कहते हुए आगे की कार्रवाई के लिए सहमति जताई। जीडीए अधिकारियों के अनुसार अब आबादी को इकट्ठा किया जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार चहारदीवारी बनाकर भवनों को अलग किया जाएगा।

इस दौरान कुछ लोगों ने जीडीए अधिकारियों से पूछा कि कहीं आगे चलकर उनके मकानों को ध्वस्त तो नहीं किया जाएगा। इस पर अधिकारियों ने भरोसा दिलाया कि किसी का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। सर्वे के दौरान करीब 15 मकान ऐसे पाए गए हैं, जिनको अधिग्रहित क्षेत्र से हटाया जाएगा।

इसके लिए उनको उचित मुआवजा जीडीए की ओर से दिया जाएगा। स्थानीय टीम के सदस्यों ने रिपोर्ट पढ़कर पूरी तरह से समझने के लिए एक दिन का समय भी मांगा। इस दौरान भी यह तय हुआ कि दूर-दूर बने हुए जो मकान अधिग्रहित क्षेत्र में आ रहे हैं, स्थानीय लोगों की मदद से उनकी समस्या का समाधान किया जाएगा।

जीडीए उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह तंवर ने कहा कि सर्वे रिपोर्ट पर स्थानीय टीम के सदस्यों ने सहमति जताई है। लोग सर्वे से खुश हैं। किसी का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। जो इक्का-दुक्का मकान योजना की जद में आ रहे हैं। उनको हटाने के लिए पर्याप्त मुआवजा दिया जाएगा।

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