जिले के प्रभारी मंत्री सतीश चंद्र शर्मा दौरे पर हैं। उनको दिखाने के लिए व्यवस्था दुरुस्त करने में प्रशासन या स्वास्थ्य किसी महकमे से कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जा रही है

उत्तर प्रदेश कुशीनगर

सफल समाचार 
विश्वजीत राय 

निरीक्षण के भय से डॉक्टर बोले… मरीजों को वार्ड में शिफ्ट कर दो, बेड नहीं मिले तो फर्श पर लेटा देना

स्वास्थ्यकर्मियों ने एक घंटे में ओपीडी और इमरजेंसी को कर दिया चकाचक, पर नहीं आए मंत्री

पडरौना। जिले के प्रभारी मंत्री सतीश चंद्र शर्मा दौरे पर हैं। उनको दिखाने के लिए व्यवस्था दुरुस्त करने में प्रशासन या स्वास्थ्य किसी महकमे से कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जा रही है। बृहस्पतिवार को प्रभारी मंत्री के दौरे का दूसरा दिन था। सुबह के नौ बजे थे। जिला अस्पताल के इमरजेंसी में अचानक हलचल बढ़ गई। पता चला कि सीएमएस को जानकारी मिली है कि प्रभारी मंत्री जिला अस्पताल का दौरा करेंगे। फिर क्या था.. एक डॉक्टर ने इमरजेंसी के मरीजों के वार्ड में भर्ती करने का फरमान सुना दिया। बोले-सभी मरीजों को वार्ड में भेज दो। मंत्री आने वाले हैं। स्वास्थ्यकर्मी ने बेड खाली नहीं होने का तर्क दिया तो झल्ला गए। बोले…फर्श पर लेटाकर इलाज होगा, लेकिन एक भी मरीज यहां नहीं दिखना चाहिए। आननफानन में बेड की चादरें बदल दी गईं। इमरजेंसी और ओपीडी चकाचक दिखाने के चक्कर में दस मरीजों को वार्ड मेंं फर्श पर लेटाकर इलाज करना पड़ा। दोपहर तक ऐसे ही चलता रहा, बाद में पता चला कि प्रभारी मंत्री नहीं आएंगे।

हालात यह थे कि जनरल वार्ड में बेड कम होने से उल्टी-दस्त से परेशान मरीजों को फर्श और दीवारों की रेलिंग पर लेटाकर डि्रप चढ़ाया गया। डुमरभार गांव निवासी उमेश की पत्नी रीना और इसी गांव की उर्मिला अपनी 20 वर्षीय बेटी आंचल को लेकर सुबह 7 बजे इमरजेंसी आई। दोनों के पेट में अचानक दर्द शुरू हो गया था। उन्हें भी इमरजेंसी से वार्ड में भेज दिया गया। दोनों को गैलरी में फर्श पर लेटाकर इलाज किया गया। उल्टी की शिकायत लेकर पहुंचे कोठिलवा गांव निवासी श्रीराम के साथ कुछ ऐसा ही हुआ। बेड नहीं मिलने से नाराज तीमारदारों ने जब स्टाफ नर्स और वार्ड इंचार्ज को खरी-खोटी सुनाई। सीएमएस को भी लोगों ने फोन किया, लेकिन उनका मोबाइल रिसीव नहीं हुआ।

वर्जन
मेडिकल कॉलेज के नाम पर बेड से अधिक मरीज जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं। जो व्यवस्था है, उसमें इलाज किया जा रहा है। इमरजेंसी वार्ड में भी सिर्फ छह बेड हैं। 30 बेड का नया वार्ड शुरू होने वाला था, लेकिन खराब क्वालिटी का बेड खरीदा गया। इसलिए देरी हो रही है। उसे वापस करने का निर्देश दिया गया है। कोई गंभीर मरीज होगा तो फर्श पर लेटाकर ग्लूकोज चढ़ाया गया होगा।

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