शेर मुहम्मद
सफल समाचार
देवरिया। तरकुलवा विकास खंड क्षेत्र में जागरूकता और कार्रवाई के बाद भी खेतों में पराली जलाने का सिलसिला थम नहीं रहा है। पराली जलाने से उठ रहे धुएं से प्रदूषण फैल रहा है। लोगों को खुले में सांस लेने में दिक्कत हो रही है। शुक्रवार को एक्यूआई 160 दर्ज किया गया।
जनपद में धान की कटाई लगभग पूरी हो चुकी है। किसान अब गेहूं की बुआई में जुट गए हैं। इसके लिए किसान खेतों में धड़ल्ले से खेतों में पराली जला रहे हैं। शुक्रवार शाम को जमुनी-त्रिमुहानी घाट मार्ग मठियारत्ती, बरठही, जलुआ, हरैया, सोहनरिया, चिउटहा, नरायनपुर, भरौटा आदि गांवों के सामने खेतों में किसान बेखौफ पराली जला रहे थे। जिससे निकल रहे धुएं से राहगीरों को काफी मुश्किल हो रही थी।
हालांकि कुछ दिन पूर्व जिलाधिकारी व एसपी का काफिला देवरिया से बघौचघाट की ओर जा रहा था, इस बीच रतनपुरा गांव के सामने एक किसान को खेत में पराली जलाते देख डीएम का काफिला वहीं रुक गया। उन्होंने किसान पर जुर्माना लगाया और उसे शांतिभंग के तहत जेल भेजने का निर्देश दिया। अधिकारियों ने किसानों से खेत में पराली नहीं जलाने की अपील की। इसके अलावा प्रशासन की ओर से पराली जलाने के आरोप में कई किसानों पर जुर्माने की कार्रवाई की जा चुकी है, हालांकि इसका कोई असर होता नहीं दिख रहा है। कृषि विभाग के बीटीएम वीरेंद्र द्विवेदी ने बताया कि खेत में किसी भी फसल का अवशेष जलाना उचित नहीं है। पराली जलाने से जमीन में कई मित्र कीट मर जाते हैं। इससे जमीन की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है।