सफल समाचार
मनमोहन राय
अब बारिश हुई है और लगातार इसी तरह से बारिश होती रहे तो धान की फसल के लिए यह मुफीद होगा।
इस बार मौसम सरकार और किसान दोनों की योजना और रणनीति को पलीता लगा रहा है। पश्चिमी उप्र में बारिश हुई पर पूर्वी उप्र सूखा रह गया। हालांकि अब आगे बारिश होने की बात कही जा रही है। आशंका यह है कि कहीं तेज बारिश न हो जाए। इससे फिर से फसलों को नुकसान होगा। खास तौर से मोटे अनाज को भी नुकसान की आशंका है।
पूर्वी उप्र में सूखे की स्थिति थी पर बुधवार से बारिश होना शुरू हुई है। हालांकि बृहस्पतिवार को उम्मीद के हिसाब से बारिश नहीं हुई। सबसे ज्यादा असर धान की फसल पर पड़ रहा है। अब बारिश हुई है और लगातार इसी तरह से बारिश होती रहे तो धान की फसल के लिए यह मुफीद होगा।
सूखने की ओर जा रही धान की फसल बच जाएगी। मौसमविदों का कहना है कि चिंता इस बात की है जितना लेट हो रही है, कहीं उतनी ही जोरदार बारिश न हो जाए। यदि ऐसा हुआ तो भी फसलों को नुकसान हो जाएगा। खास तौर पर मोटे अनाज को नुकसान होगा। मक्का आदि फसलों के लिए तो कृषि विभाग ने एडवाइजरी भी जारी कर दी है। कहा है कि ज्यादा बारिश में खेतों से पानी निकालते रहें। आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ मौसम विशेषज्ञ अतुल सिंह कहते हैं कि मौसम तो इस बार चौंका रहा है। आगे तेज बारिश हो सकती है।
सरकार ने दलहन की तैयारी की
प्रदेश सरकार ने खास तौर से 14 जिलों में अरहर, व उर्द के बीजों की डेढ़ लाख मिनी किट बांटने की तैयारी शुरू कर दी है। इसे लिए दस दिन का अभियान शुरू कर दिया गया है। प्रत्येक मिनी किट में 4 किलो बीज होगा। देवरिया, महोबा, हमीरपुर, पीलीभीत, कौशांबी, झांसी, ललितपुर, जालौन , बांदा, चित्रकूट, चंदौली , मिर्जापुर , कुशीनगर और मऊ में ये किट बांटी जाएंगी।