सफल समाचार
शेर मोहम्मद
सेटेलाइट की गति को नियंत्रित करने और सुरक्षित लैंडिंग कराने में निभाई भूमिका
भाटपाररानी। मिशन चंद्रयान-3 को चंद्रमा की कक्षा में सफलतापूर्वक पहुंचाने में बनकटा के अभिषेक के योगदान पर पूरा जिला गौरवान्वित है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के इस महत्वाकांक्षी मिशन में सेटेलाइट की गति को नियंत्रित करने, सुरक्षित लैंडिंग कराने एवं चंद्रमा की कक्षा में पहुंचाने वाले देवरिया के इस सितारे की सब ओर चर्चा हो रही है।
सीआरपीएफ में कांस्टेबल पद से रिटायर हो चुके विकास खंड बनकटा के जंजीरहा गांव के रहने वाले कमलेश सिंह फिलहाल परिवार सहित कानपुर में रहते हैं। उनके बेटे अभिषेक सिंह इसरो के चंद्रयान-3 मिशन में प्रोग्राम मैनेजर हैं। शनिवार की रात चंद्रमा के कक्ष में चंद्रयान -3 के पहुंचने की खबर के साथ जब यह पता चला कि इस उपलब्धि में जिले के अभिषेक का भी योगदान है तो लोगों का सीना फख्र से चौड़ा हो गया। अभिषेक इससे पहले भी इसरो के कई अन्य मिशन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं।
ननिहाल में रहकर की पढ़ाई
इसरो के प्रोग्राम मैनेजर अिभषेक सिंह की प्रारंभिक शिक्षा रुद्रपुर में अपने ननिहाल में हुई। सतासी इंटर काॅलेज से 10वीं और जनता इंटर कॉलेज से 12 वहीं पास करने के बाद उन्होंने आईआईटी बीएचयू से स्वर्ण पदक के साथ एमएससी गणित और आईआईटी रूड़की से एमसीए की पढ़ाई पूरी की।
वैश्विक पटल पर बज रहा भारतीय प्रतिभा का डंका
चंद्रयान-3 मिशन के प्रोग्राम मैनेजर अभिषेक सिंह ने फोन पर बताया कि आज वैश्विक पटल पर भारतीय युवाओं की प्रतिभा का डंका बज रहा है। चंद्रयान-3 अपने मिशन में कामयाब होकर रहेगा। पिछली बार हुई खामियों को इस बार दुरुस्त कर लिया गया है। दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र नेता और नमस्कार फाउंडेशन के सदस्य सौम्य वत्सल मिश्र ने कहा कि अभिषेक ने इस अभियान से जुड़कर क्षेत्र का मान-सम्मान बढ़ाया है। उनकी उपलब्धि पर उत्कर्ष मिश्र, अनुराग पांडेय, अभिषेक सिंह कुशवाहा, सूरज गुप्ता, विपुल पांडेय, अभिषेक चौबे, अंकित कुमार गोलू, चौधरी अनुज, राकेश यादव, शिवम सोनी आदि ने हर्ष जताया है।