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सुनीता राय
एडीएम (वित्त एवं राजस्व) विनीत सिंह ने कहा कि सभी तहसीलों में आवेदन पत्र जमा कराए जा रहे हैं। इसके अनुसार ही डाटा तैयार किया जाएगा। तभी यह तय हो सकेगा कि लगभग कितनी रकम लेकर चिट फंड कंपनियां भागी हैं। शासन के निर्देश पर यह कार्रवाई की जा रही है।
गोरखपुर जिले में ऑफिस खोलकर चिट फंड कंपनियां रुपये नहीं लोगों के सपने लेकर भागी हैं। कम समय में दोगुना लाभ मिलने के चक्कर में लोगों ने अपनी जमा-पूंजी गंवा दी। अब शासन के निर्देश पर डूबी हुई रकम वापस मिलने की उम्मीद लोगों में जगी है। इसलिए पीड़ित तहसील मुख्यालयों में पहुंचकर आवेदन जमा करा रहे हैं।
सदर सहित अन्य तहसीलों में 1600 से अधिक आवेदन पत्र जमा हो चुके हैं। अधिकारियों का कहना है कि सभी के आवेदन पत्रों को इकट्ठा करने के बाद ऑनलाइन डाटा फीड करके शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी। इसके लिए कोई अंतिम समय सीमा नहीं तय की गई है।
रुपये लेकर भाग गई कंपनी, सदमे में कई दिन नहीं किया भोजन
बांसगांव के दुबौली की रहने वाली सुनीता शर्मा ने 28 फरवरी 2013 को चिट फंड कंपनी में 37500 रुपया जमा कराया। तब उनको एजेंट ने बताया कि साढ़े पांच साल में ही दोगुनी रकम मिल जाएगी। उनको लगा कि जब पैसा मिलेगा तो इससे बेटे-बेटियों की शादी में मदद मिल जाएगी। 28 मई 2019 को जब वह भुगतान लेने गईं तो मालूम हुआ कि कंपनी भाग गई। रुपये डूबने के सदमे में उन्होंने कई दिनों तक भोजन नहीं किया।
रुपये डूबे तो कई दिन घर से नहीं निकले