130 गांवों के लोगों की उड़ी नींद बारिश के कारण सरयू, राप्ती और गोर्रा नदियों के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हुई है

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सफल समाचार 
शेर मोहम्मद 

जलस्तर में बेतहाशा वृद्धि से मंडराया बाढ़ का खतरा, जर्जर बंधों की हालत देख चिंतित हैं कछार और दोआबा के लोग

रेनकट और रैटहोल से बंधे हो चुके हैं छलनी

देवरिया। नेपाल और देवरिया में भी कई दिनों से हो रही बारिश के कारण सरयू, राप्ती और गोर्रा नदियों के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हुई है। रुद्रपुर और बरहज क्षेत्र के करीब 130 गांवों के लोगों की नींद उड़ गई है। अगर पानी का स्तर इसी तरह बढ़ा तो एक बार उन्हें फिर बाढ़ का सामना करना पड़ेगा। जिले का भदिला दोयम गांव चारों तरफ से पानी से घिर जाने से टापू बन गया है। बरहज क्षेत्र में कई जगहों पर खेतों की तरफ नदी का पानी फैलने लगा है।

लाल निशान की तरफ बढ़ रहा राप्ती व गोर्रा का वेग, दोआबा के लोग चिंतित

एकौना। दो दिन से गोर्रा और राप्ती के जलस्तर में बेतहाशा वृद्धि को देख कछार और दोआबा के लोगों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। लाल निशान की तरफ बढ़ रही नदियों के वेग को देख 116 गांव के लोग बाढ़ की आशंका में हैं। बृहस्पतिवार को भी गोर्रा और राप्ती नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की गई। लाल निशान 70.50 मीटर के नीचे गोर्रा 68.85 मीटर और राप्ती 68.40 मीटर पर बह रही थी। नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी से संवेदनशील स्थानों पर खतरा बढ़ गया है।

नदी और बंधे के बीच बसे नरायनपुर और बहोरा दलपतपुर गांव के मकानों पर ठोकर मार रही नदी का जलस्तर गिरने पर भी इस बार कटान का खतरा बना है। नदी के तटवर्ती मकानों में एक साल से दरार बनी है। पचलड़ी, बेलवा और पलिया से छपरा बांध रेनकट्स और रैटहोल से पूरी तरह से छलनी हो चुका है। ग्रामीणों के अनुसार यदि बंधे तक नदी का पानी पहुंच गया, तो बांध नदी के वेग को रोकने में अक्षम साबित होंगे। पचलड़ी चौराहे से बेलवा बांध पर जगह-जगह जलभराव से राहगीरों की दुर्दशा बढ़ गई है। तिघरा-मराछी बांध पर राप्ती नदी तिघरा और हड़हा गांव के पास खेती की भूमि को काटते हुए बंधे के नजदीक पहुंच गई है। यहां वर्ष 1998 में आई बाढ़ में बंधा कटने से दोआबा के 52 गांवों में भारी तबाही मची थी। माझा नरायनपुर और नीबा गांव के सामने बोल्डर पिचिंग नदी की तरफ झुक रहा है। तीन साल से लगातार कटान कर रही राप्ती नदी भेड़ी गांव के निकट से बह रही है। जर्जर बांध को लेकर ग्रामीणों ने नाराजगी जताई है। नकईल के तलशपुरवा और गायघाट गांव के पास राप्ती नदी खतरनाक ढंग से कटान कर रही है। पिड़रा पुल के एप्रोच पर कटान को देखते हुए बड़े वाहनों की आवाजाही पर एक माह से रोक लगी है। सिंचाई विभाग के अधीक्षण नरेंद्र कुमार जाड़िया ने कहा कि बंधों पर खतरा नहीं है। बंधों पर अवर अभियंता की टीम निगरानी कर रही है। संवेदनशील स्थानों पर लगातार निरोधात्मक कार्य चल रहे हैं।

खेतों के रास्ते गांवों की ओर बढ़ रही सरयू, बंधों पर दबाव बना रही नदी
फोटो समाचार-10डीईओ 132, 137
खतरे के निशान से 65 सेमी ऊपर बह रही, पिछले 24 घंटे में 40 सेमी का दर्ज किया गया बढ़त
संवाद न्यूज एजेंसी
बरहज। पिछले चार दिनों से हो रही बारिश के कारण सरयू नदी के करवट लेने से राप्ती भी उफान पर है। बाढ़ का पानी खेतों के रास्ते गांवों की ओर रुख कर रहा है। वहीं नदी कटइलवा-कपरवार संगम तट और परसियां-विशुनपुर देवार के बांध पर दबाव बना रही है। पिछले 24 घंटे में जलस्तर में 40 सेमी का इजाफा दर्ज किया गया है।

सरयू के जलस्तर में वृद्धि से थानाघाट पर बने मीटर गेज पर नदी खतरे के निशान 66.50 से 65 सेमी ऊपर 67.15 मीटर पर बह रही है। जलस्तर में प्रत्येक दिन 30 से 40 सेमी बढ़त दर्ज की जा रही है। हालांकि विभाग नदी के खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर तक पहुंचने का कयास लगा रहा है। बाढ़ का पानी नाली-नालों के रास्ते खेतों की ओर बढ़ रहा है, जिससे तटवर्ती गांवों के लोगों की नींद उचट गई है। ग्रामीणों का कहना है कि जलस्तर में इस तरह इजाफा होता रहा तो बाढ़ का पानी गांवों तक पहुंच जाएगा। हालांकि भदिला प्रथम गांव चारों तरफ से बाढ़ के पानी से घिरा हुआ है। वहीं गोरखपुर जनपद का कोल खास गांव में भी बारिश का पानी लग गया है।
कोट-
जलस्तर में अभी और बढ़त दर्ज किए जाने की उम्मीद है। हालात नियंत्रण में हैं।
अशोक द्विवेदी सहायक अभियंता, बाढ़ खंड विभाग
इंसेट में-
परसियां और विशुनपुर देवार में अधिकारियों ने लगाई चौपाल
बरहज। सरयू के करवट लेने से नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। बाढ़ जैसी संभावित स्थिति को देखते हुए प्रशासन चौकन्ना है। बृहस्पतिवार को एसडीएम अवधेश कुमार निगम ने अधिकारियों के साथ परसियां-विशुनपुर देवार में चौपाल लगाकर लोगों की समस्या सुनी। जबकि स्वास्थ्य, पशु पालन विभाग ने गांवों के लोगों को दवा वितरित कर पशुओं का टीकाकरण किया। टीम ने ग्रामीणों को बाढ़ जैसी आपदा से निपटने के बारे में जागरूक किया। एसडीएम ने तहसील मुख्यालय में स्थापित कंट्रोल रूाम के जारी नंबर 7068040342 के बारे में बताया। मौके पर तहसीलदार अश्वनी कुमार, नायब तहसीलदार जितेंद्र कुमार सिंह, पशुधन प्रसार अधिकारी डॉ. अशोक पांडेय, मदनमोहन पाठक, छोटेलाल, ओमप्रकाश यादव आदि मौजूद रहे।

भागलपुर में सरयू लाल निशान पार कर 36 सेमी ऊपर पहुंची

तुर्तीपार में दो सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से हो रही जलस्तर में वृद्धि

सलेमपुर। बारिश के चलते सरयू नदी भागलपुर खतरे के निशान के ऊपर बह रही है। बृहस्पतिवार शाम तुर्तीपार रेगुलेटर पर नदी का जलस्तर 64 मीटर 66 सेमी दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से 36 सेमी ऊपर है। इससे तटवर्ती लोग सहमे हुए हैं। केंद्रीय जल आयोग के कर्मियों के अनुसार 24 घंटे में नदी के जलस्तर में 40 सेमी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। मंगलवार को नदी में तीन सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ोतरी शुरू हुई थी, लेकिन बृहस्पतिवार की दोपहर से 2 सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से वृद्धि हो रही है। नदी के जलस्तर में हो रहे अप्रत्याशित परिवर्तन से तटवर्ती लोग एक बार फिर सहम गए हैं। नदी का पानी रिहायशी इलाकों की ओर फैलने लगा है। केंद्रीय जल आयोग तुर्तीपार के जेई प्रकाश ओझा ने बताया कि मंगलवार शाम से नदी में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। कर्मचारियों को मीटर पर निगरानी रखने को कहा गया है। अगले 24 घंटे नदी के जलस्तर में वृद्धि का अनुमान है।

 

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