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सुनीता राय
जुए का एक अड्डा गोरखनाथ थाना क्षेत्र के पचपेड़वा के चौहान टोला में भी है। यहां दो सहयोगी इसे संचालित करवाते हैं। इसमें एक असलहे का तस्कर भी है और जेल भी जा चुका है। इस गिरोह के लोगों के बीच रुपयों के लेनदेन में एक बार गोली भी चल चुकी है। इसके बाद धंधे के व्यवस्थित कर दो संरक्षक अब चला रहे हैं।
गोरखपुर जिले में कूड़ाघाट ही नहीं, शहर के कई और इलाकों में भी काठमांडो की तर्ज पर देसी कसीनो धड़ल्ले से चल रहे हैं। हाल्सीगंज, पैडलेगंज, अंधियारीबाग जैसे शहर के कई इलाके हैं, जहां इस धंधे के सरगनाओं ने अपने घर में ही जुआखाना खोल रखा है। यहां एक दिन में लाखों के दांव लगाए जाते हैं। अब पुलिस अफसरों का ये कहना कि उनको इन देसी कसीनो के बारे में जानकारी ही नहीं, थोड़ा अजीब लगता है। यह पुलिस के खुफिया विंग पर भी सवाल खड़े करता है।
सट्टेबाजी के धंधे में सक्रिय एक सूत्र के मुताबिक, शहर में देसी कसीनो का सबसे बड़ा अड्डा पैडलेगंज और कूड़ाघाट में है। इसके पहले कोतवाली इलाका इसके लिए बदनाम था। लेकिन अब यह अवैध धंधा शहर में कई इलाकों के साथ ही ग्रामीण इलाकों में भी फैल गया है।
खोराबार थाना क्षेत्र के डांगीपार में बड़े पैमाने पर यह धंधा चल रहा है। यहां पर दूर-दूर से सटोरी जुआ खेलने आते हैं। सूत्र बताते हैं कि इस अड्डे को इलाके के एक नेताजी चलाते हैं। यहां भी खेलने के लिए प्रति घंटे की दर से नाम ( कमीशन) देना होता है। इससे संरक्षक को रोजाना हजारों रुपये की कमाई हो जाती है।
जुए का एक अड्डा गोरखनाथ थाना क्षेत्र के पचपेड़वा के चौहान टोला में भी है। यहां दो सहयोगी इसे संचालित करवाते हैं। इसमें एक असलहे का तस्कर भी है और जेल भी जा चुका है। इस गिरोह के लोगों के बीच रुपयों के लेनदेन में एक बार गोली भी चल चुकी है। इसके बाद धंधे के व्यवस्थित कर दो संरक्षक अब चला रहे हैं। इसी तरह कूड़ाघाट में इस धंधे को चलाने वाला दो बार जेल भी जा चुका है। अवैध शराब के कारोबार में पुलिस और अन्य लोगों के बीच इसकी खासी पहुंच है।