पडरौना की बाईपास सड़क और मोगलपुरा से छावनी मुहल्ले में जाने वाली सड़क गड्ढे इतने कि शहर की सड़क पर नहीं चल सकते बेधड़क

उत्तर प्रदेश कुशीनगर

सफल समाचार 
विश्वजीत राय 

पडरौना की बाईपास सड़क और मोगलपुरा से छावनी मुहल्ले में जाने वाली सड़क बदहाल
बरसात में अंबे चौक, बेलवा चुंगी से अंबे चौक और कॉलेज रोड का भी हाल बुरा
एनएच-28बी के गड्ढे राबिश से पाटे जा रहे, वह भी गड्ढे छोड़-छोड़कर

पडरौना। शहर में कई ऐसी प्रमुख सड़कें हैं, जो राहगीरों की तकलीफ बढ़ा दे रही हैं। कहीं-कहीं बारिश के बाद सड़कों में जलभराव हो जाने से गड्ढे का पता नहीं चल रहा है। कुछ तो इस कदर टूट गई हैं कि आने-जाने में लोगों को हिचकोले खाने पड़ रहे हैं। जाम और भीड़ से बचने के लिए प्रमुख मार्गों को छोड़कर जो भी व्यक्ति एक बार इन बाईपास सड़कों से गुजर जा रहा है, वह पछताए बिना नहीं रह रहा है। नगर पालिका प्रशासन की तरफ से पिछली बोर्ड की बैठक में कुछ सड़कों का निर्माण कराने की बात कही गई थी, लेकिन दशा अब तक ज्यों की त्यों है।

पडरौना शहर के रेलवे स्टेशन रोड, भूतनाथ कॉलोनी से रेलवे लाइन होते हुए बाईपास रोड, मोगलपुरा से छावनी मुहल्ले में जाने वाली सड़क, चीनी मिल जाने वाली सड़क, सुभाष चौक से ओंकारवाटिका कॉलोनी जाने वाली सड़क, अंबे चौक सहित कई सड़कें बरसात में और भी टूट गई हैं। गड्ढे बढ़ जाने से ये सड़कें और अधिक तकलीफ दे रही हैं। क्योंकि बारिश के बाद सड़कों में बने गड्ढों में पानी भर जा रहा है। कहीं-कहीं फिसलन की समस्या बढ़ गई है। इसके अलावा एनएच-28बी की ओर से रविवार को राबिश डालकर गड्ढों को भरने की केवल औपचारिकता पूरी की गई। मजदूर गड्ढे छोड़कर आगे बढ़ जा रहे थे। इससे एनएच-28बी पर भी गड्ढों की समस्या अभी पूरी तरह दूर नहीं हुई है।

बाईपास सड़क : जो आ जाए, पछताए बिना न रह पाए
पडरौना शहर में आवागमन के दौरान सबसे अधिक दुर्गति कठकुइयां रोड से लेकर भूतनाथ कॉलोनी, रेलवे लाइन होकर बेलवा चुंगी होते हुए अंबे चौक पर मिलने वाली बाईपास सड़क की है। करीब दो किलोमीटर लंबी इस सड़क का निर्माण लोक निर्माण विभाग, नगर पालिका और रेलवे की वजह से नहीं हो पाता है। स्थानीय लोगों के विरोध प्रदर्शन पर राबिश डालकर गड्ढों को पाट दिया जाता है, लेकिन कुछ ही दिनों में गड्ढे फिर जस के तस हो जाते हैं। क्योंकि सड़क का निर्माण ढंग से होता ही नहीं है। इन दिनों शहर में जाम या अन्य कारणों से बचने के कारण लोग बाईपास सड़क से गुजरते हैं, लेकिन बड़े-बड़े गड्ढों की वजह से उनकी गाड़ी बीच में ही फंस जाती है। वाहनों के पलटने का अंदेशा रहता है। ई-रिक्शा चालक तो इस रास्ते से गुजरने की हिम्मत ही नहीं जुटा पाते।

मोगलपुरा से छावनी मोहल्ले में जाने वाली सड़क गड्ढों में तब्दील
पडरौना शहर के प्रमुख मार्गों में शामिल मोगलपुरा से छावनी मुहल्ला होते हुए सदर तहसील के आगे एनएच-28बी में मिलने वाली सड़क की हालत भी बहुत खराब है। करीब एक किलोमीटर लंबी यह सड़क टूटकर पूरी तरह गड्ढों में तब्दील हो गई है। ज्यादा देर तक बारिश होने के बाद इस सड़क पर जलभराव हो जा रहा है, जिससे लोगों को आने-जाने में कठिनाई हो रही है। कुबेरस्थान और एनएच-28बी पर जाम लगते ही इस मार्ग पर आवागमन बढ़ जाता है। यह स्थिति दिन भर में कई बार बनती है, लेकिन इस सड़क पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जबकि यह सड़क करीब पांच साल पहले ही बनी थी।

कॉलेज रोड पर भी जगह-जगह गड्ढे, जिम्मेदारों को नहीं आता नजर
पडरौना शहर का कॉलेज रोड भी बहुत महत्वपूर्ण है। इस रास्ते प्रतिदिन उदित नारायण पीजी कॉलेज, इंटर कॉलेज, हॉस्पिटल और रेलवे स्टेशन लोगों का आना-जाना होता है। कॉलेज मोड़ से लेकर रेलवे स्टेशन तक सड़क काफी टूटी हुई है। बरसात में जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। नतीजतन, लोगों को वाहनों में आवागमन करना हो या दो पहिया वाहन से, हिचकोले खाने ही पड़ते हैं। यह समस्या वर्षों से बनी हुई है, लेकिन गड्ढों को पाटने तक के लिए किसी का ध्यान नहीं जाता।

अंबे चौक की भी दूर नहीं होती समस्या
खिरकिया, जटहां बाजार, बांसी और बिहार जाने के लिए हर वाहन को अंबे चौक से होकर गुजरना पड़ता है। फिर चाहे कोई बाईपास रोड से आए या फिर जटहां बाजार मार्ग से। लगभग 500 मीटर सड़क पर बरसात में गड्ढों और जलभराव से आवागमन मुश्किल हो जा रहा है। बारिश ज्यादा हो गई तो पता ही नहीं चलता कि सड़क कहां है और गड्ढे कहां। उस दशा में ऑटो, ई रिक्शा जैसे वाहन अक्सर पलट जाया करते हैं। दो पहिया वाहनचालकों को आवागमन में दिक्कतें अधिक होती हैं।

ओंकारवाटिका कॉलोनी जाने वाली सड़क भी गड्ढों में तब्दील
शहर के धर्मशाला रोड, बलोचहां रोड, नौका टोला, शनिदेव मंदिर रोड, कसेरा टोली रोड सहित कई ऐसी सड़कें हैं, जहां लोगों को जलभराव से जूझना पड़ता था, लेकिन नगर पालिका की ओर से उनका नए सिरे से निर्माण करा दिया गया। वहां जलभराव की समस्या दूर हो गई है, लेकिन सुभाष चौक से ओंकारवाटिका कॉलाेनी जाने वाली सड़क अभी भी गड्ढायुक्त है। राहगीरों को आने-जाने में परेशानी हो रही है।

एनएच-28बी के गड्ढों में भर रहे राबिश, वह भी छोड़-छोड़कर
बरसात में रवींद्रनगर धूस से लगायत पडरौना शहर तक एनएच-28बी में जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। दो पहिया, तीन पहिया और चार पहिया वाहनों के पहिए इन गड्ढों में पड़कर अक्सर अनियंत्रित हो जाते हैं। दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। एनएचएआई की तरफ से रविवार को ट्रक में राबिश लोडकर मजदूरों से भरवाया जा रहा था, लेकिन उसमें भी खानापूर्ति की गई। मजदूर कहीं गड्ढों को भर रहे थे तो कहीं बगल में ही गड्ढों को छोड़कर आगे बढ़ जा रहे थे। ऐसी दशा में समस्या जस की तस बनी हुई है।

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