सफल समाचार
विश्वजीत राय
खड्डा। मौजूदा बरसात के सीजन में अब तक का रिकॉर्ड तोड़ते हुए वाल्मीकि गंडक बैराज से सोमवार को नदी में 3,14,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इससे गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान से मात्र 20 सेंटीमीटर नीचे रह गया है। नदी की धारा दाहिने तरफ होने से छितौनी तटबंध पर दबाव बढ़ गया है। बाढ़ प्रभावित सात गांवों के नजदीक तक पानी पहुंच गया है। इसे देखते हुए बाढ़ खंड के अभियंताओं के साथ पुलिस भी सतर्कता बरत रही है। सोमवार को गंडक में वाल्मीकि गंडक बैराज से सुबह 9 बजे 3,14,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। हालांकि, शाम पांच बजे यह कम होकर 2,76,800 क्यूसेक हो गया। यह डिस्चार्ज इस वर्ष के बरसात सीजन का सर्वाधिक था। डिस्चार्ज बढ़ने से जलस्तर भी बढ़ गया है। गंडक का जलस्तर सुबह 8 बजे चेतावनी बिंदु 95 मीटर से 58 सेंटीमीटर ऊपर 95.58 मीटर पर पहुंच गया था, जो शाम चार बजे 95.80 मीटर हो गया। यह स्तर शाम छह बजे तक यथास्थिति था। जलस्तर खतरे के निशान 96.00 मीटर से 20 सेंटीमीटर नीचे था।
जलस्तर बढ़ने से छितौनी तटबंध के किलोमीटर 6 व 6.800 से लेकर 8.800 के बीच दबाव बना हुआ है। इसी तरह वीरभार ठोकर सहित कुछ प्वाइंट पर नदी का तीव्र दबाव है। खड्डा पुलिस ने बाढ़ प्रभावित महदेवा गांव के बाढ़ से संभावित खतरे को देखते हुए मौके पर पहुंच हालात का जायजा लिया व ग्रामीणों से जानकारी हासिल की। महदेवा के ग्राम प्रधान प्रतिनिधि नथुनी कुशवाहा ने बताया कि नदी की धारा मुड़ने के चलते अभी गांव में पानी नहीं पहुंचा है, लेकिन अगर पानी बढ़ता रहा तो गांव में घुस जाएगा। गांव के लोग सतर्क हैं।
छितौनी तटबंध के पास के गांव में रहने वाले हरिशंकर सिंह, विकास गुप्ता, दिलीप मोदनवाल, आनंद सिंह, प्रभु मद्धेशिया, रामसूरत यादव, प्रेमलाल आदि का कहना है कि जलस्तर बढ़ने से बांध पर बने दबाव से भय का माहौल है कि कहीं कुछ अनहोनी न हो जाए। इसकी चिंता सता रही है। बाढ़ खंड के अभियंता व कर्मचारी तटबंध की निगरानी में लगे हुए हैं। एसडीओ मनोरंजन कुमार का कहना है कि निगरानी की जा रही है।
नदी का रुख दाहिने तरफ हो जाने के चलते इतना जलस्तर बढ़ने के बावजूद बाढ़ प्रभावित सात गांवों में आंशिक असर हुआ है। हालांकि, लोग आने वाली बाढ़ को लेकर चिंतित हैं। गांव में पानी घुसने पर लोगों को आपात स्थिति से निपटने के लिए नाव की व्यवस्था की गई है। डिस्चार्ज बढ़ने से जलस्तर बढ़ गया है, लेकिन नदी ने इस बर्ष रास्ता बदल दिया है और दाहिने तरफ धारा कर ली है। नदी के बायीं ओर बसे खड्डा क्षेत्र के हरिहरपुर, नरायनपुर, शिवपुर, मरचहवा, बसंतपुर गांव के निवासी प्रभु, प्रमोद, नंदू, जवाहिर, अब्बास, कुसुमकली, नथुनी, अनिल आदि ने बताया है कि बाढ़ का पानी सरेह के रास्ते गांव के पास तक पहुंच गया है। निचले हिस्से में नाला व सड़कों पर पानी भर गया है। शाम तक गांव के अंदर नहीं पहुंचा है। अगर जलस्तर और बढ़ा तो गांव में भी पानी घुस जाएगा। लोग इसके लिए तैयारी में हैं।