गोरखपुर सराफा मंडल अध्यक्ष गणेश वर्मा ने कहा कि पुराने आभूषणों पर अगर हॉलमार्क नहीं है तो इसे बेच नहीं सकेंगे

उत्तर प्रदेश गोरखपुर

सफल समाचार 
सुनीता राय 

सोने को अगर संजो कर रखना है तो उस पर हालमॉर्किंग है या नहीं यह जरूर जांच लें। ऐसा नहीं किया तो भविष्य में दिक्कत हो सकती है। दरअसल, केंद्र सरकार ने हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिया है।

अब बिना हॉलमार्क वाले जेवर को आप देश में कहीं भी खरीद या बेच नहीं सकते। सरकार के इस फैसले से उन लोगों के ज्यादा दिक्कत हो सकती है, जिनके पास बिना हॉलमार्क वाले पुराने गहने हैं।

नए नियमों के मुताबिक, अगर किसी व्यक्ति के पास ऐसे गहने हैं, जिनपर हॉलमार्क का लोगो नहीं है, तो उसे बेचने से पहले ग्राहक को बीआईएस की लैब में जाकर अपनी ज्वेलरी को हॉलमार्क करवाना पड़ेगा। हॉलमार्क वाले गहनों पर भारतीय मानक ब्यूरो का लोगो लगा होता है, जिसपर यह भी जानकारी दी गई होती है की सोने की ज्वेलरी कितने कैरेट की है।

यहां हैं हॉलमार्क सेंटर

हिंदी बाजार में चार हॉलमार्क सेंटर हैं। इसके अलावा अलग-अलग आभूषणों की साइज के अनुसार भुगतान कर हॉलमर्क की जांच भी करवा सकते हैं। एबी हॉलमार्किंग सेंटर, आशीर्वाद हॉलमार्किंग, आराध्या असाईन हॉलमार्किंग और सूरज हॉलमार्किंग सेंटर पर जाकर अपने सोने के हॉलमार्क की जांच करवा सकते हैं।

गोरखपुर सराफा मंडल अध्यक्ष गणेश वर्मा ने कहा कि पुराने आभूषणों पर अगर हॉलमार्क नहीं है तो इसे बेच नहीं सकेंगे। ग्राहक अपने सोने की जांच हॉलमार्क सेंटर पर करवा सकते हैं। हॉलमार्क बिना आभूषण खरीदने या बेचने में दिक्कत होगी।

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