विधानसभा उपचुनाव में क्षत्रिय प्रत्याशी उतारने के बाद अब सपा ने अपने इस फैसले का राजनीतिक लाभ लेने की योजना बनाई

उत्तर प्रदेश उत्तराखंड

सफल समाचार 
मनमोहन राय 

पीडीए के अपने मुख्य नारे के बीच सपा ने घोसी में क्षत्रिय प्रत्याशी सुधाकर सिंह को उतारा है। इसके पीछे एक राजनीतिक संदेश देने की भी कोशिश की गई है। 

घोसी विधानसभा उपचुनाव में क्षत्रिय प्रत्याशी उतारने के बाद अब सपा ने अपने इस फैसले का राजनीतिक लाभ लेने की योजना बनाई है। इसके तहत अगले माह क्षत्रिय समाज के तीन बड़े सम्मेलन लखीमपुर खीरी, बांदा और प्रतापगढ़ में किए जाएंगे। इन्हें ‘सामाजिक एकीकरण सम्मेलन’ नाम दिया गया है।

पीडीए के अपने मुख्य नारे के बीच सपा ने घोसी में क्षत्रिय प्रत्याशी सुधाकर सिंह को उतारा है। इसके पीछे यह संदेश देने की कोशिश है कि सपा वंचित वर्ग होने के नाते पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों के लिए सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ रही है, पर उसे सामान्य वर्ग से भी कोई परहेज नहीं है। सपा नेतृत्व ने जहां घोसी के राजनीतिक व सामाजिक समीकरण में सुधाकर सिंह को प्रत्याशी बनाना मुफीद समझा, वहीं इसके जरिए पूरे प्रदेश में क्षत्रिय समाज के बीच पैठ बढ़ाने की रणनीति पर भी काम शुरू कर दिया है।

सामाजिक एकीकरण सम्मेलनों को लेकर तय हुआ है कि इनकी अध्यक्षता क्षत्रिय समाज का ही कोई स्थानीय नेता करेगा। सपा के वरिष्ठ नेता इनमें हिस्सा लेंगे, पर अपनी बात कहने से ज्यादा क्षत्रिय समाज के स्थानीय लोगों को सुना जाएगा। लखीमपुर खीरी में तीन सितंबर को सम्मेलन होगा। समाजवादी महिला सभा की अध्यक्ष जूही सिंह ने बताया कि सितंबर में ही बांदा और प्रतापगढ़ में भी एकीकरण सम्मेलन होंगे। इनकी तारीख जल्द ही तय की जाएगी। अगले चरण में प्रदेश के अन्य जिलों में भी इसी तरह के आयोजन होंगे।

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