नाग पंचमी का पर्व जिले में परंपरागत तरीके से मनाया गया। नाग देवता को दूध और लावा का भोग लगाया गया

उत्तर प्रदेश प्रयागराज

सफल समाचार 
आकाश राय 

नाग पंचमी का पर्व जिले में परंपरागत तरीके से मनाया गया। नाग देवता को दूध और लावा का भोग लगाया गया। घर के दरवाजों पर आम के पत्ते पर दूध और लावा रखकर नाग देवता का आह्वान किया गया। साथ ही सर्पदोष से मुक्ति की कामना की गई। शिव मंदिरों में भी भक्तों दर्शन पूजन किया। जनपद के प्रमुख शिव मंदिरों मनकामेश्वर महादेव, सोमेश्वर महादेव, पड़िला महादेव, कोटेश्वर महादेव, हनुमत निकेतन स्थित शिव मंदिर, दशाश्वमेधेश्वर महादेव में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी।

दारागंज गंगा घाट पर स्थित नागवासुकि मंदिर में दूध और लावा चढ़ाने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। यहां करीब आधा किमीमीटर लंबी कतार लगी रही। पूरा इलाका हर हर महादेव, बोल बम, ऊं नम: शिवाय के मंत्र से गूंजता रहा। नागवासुकि मंदिर पर भोर से ही भक्तों की भीड़ जुटने लगी थी। यहां पर भारी पुलिस बल के साथ ही महिला पुलिस की भी तैनाती की गई थी।

सावन के चौथे सोमवार और पंचमी का योग होने के कारण पूजन का विशेष महात्म रहा। भक्तों ने संगम और गंगा में डुबकी भी लगाई। बड़ी संख्या में कांवरिये गंगा जल लेकर बाबा विश्वनाथ धाम के लिए रवाना हुए। मंदिरों के अलावा घरों में भी नाग देवता का पूजन किया गया। दरवाजे और घर की दीवारों पर नाग देवता के चित्र लगाकर पूजन किया गया।

नाग पंचमी भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। भारत, नेपाल और हिंदू आबादी वाले अन्य दक्षिण एशियाई देशों में लोग इस हिंदू त्योहार पर नागों की पारंपरिक पूजा करते हैं। नाग पंचमी श्रावण के शुक्ल पक्ष में मनाई जाती है।इस बार नाग पंचमी 21 अगस्त 2023 को पड़ रही है। नाग पंचमी का त्योहार देशभर में बड़ी धूमधाम से माना जाता है। हिंदू धर्मग्रंथों और महाकाव्यों में सांप या नाग महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। महाभारत, नारद पुराण, स्कंद पुराण और रामायण जैसे ग्रंथों में सांपों से जुड़ी कई कहानियां हैं। एक और कहानी भगवान कृष्ण और नाग कालिया से जुड़ी है, जहां कृष्ण यमुना नदी पर कालिया से लड़ते हैं और अंत में मनुष्यों को दोबारा परेशान न करने के वादे के साथ कालिया को माफ कर देते हैं। गरुड़ पुराण के अनुसार नाग पंचमी पर नागों की पूजा करने से भक्त को सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है

21 अगस्त 2023 को पड़े नाग पंचमी का एक विशेष महत्व है, क्योंकि आज सोमवार भी है और सावन का महीना भी चल रहा है, जो भगवान शिव का महीना माना जाता है और नाग भगवान शिव के आभूषण के रूप में देखे जाते हैं। ज्योतिष आचार्य और धर्माचार्य का मानना है कि आज भगवान नागवासुकी पूजा करने से भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं।

आज सुबह से ही सैकड़ो की संख्या में भक्त प्रयागराज स्थित भगवान नागवासुकि के मंदिर पर दूध और जल अर्पण करने पहुंचे। लंबी-लंबी भक्तों की कतार को देखकर आस्था का सैलाब साफ देखने को मिलता है। नागपंचमी का यह पर आज दोपहर 2:10 तक ही है इसलिए जहां एक और भक्त भगवान शिव की पूजा करने में लीन है वहीं दूसरी ओर नाग वासुकी मंदिर पर भक्तों की भीड़ देखने को मिल रही है।

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