मौसम ने करवट बदली और बूंदाबांदी के साथ बारिश शुरू हो गई आधे शहर की छह घंटे बिजली गुल, दस हजार से अधिक उपभोक्ता प्रभावित

उत्तर प्रदेश कुशीनगर

सफल समाचार 
विश्वजीत राय 

कसया के पास मेन लाइन के तार पर बबूल के पेड़ की डाली गिरने से फाॅल्ट हुई थी आधे शहर की बिजली
मनिकौरा और जरार में नया उपकेंद्र चालू होने के बाद भी नहीं दूर हो रही है लो वोल्टेज व बिजली कटौती की शिकायत

पडरौना। बीते दो दिनों से लोग उमस भरी गर्मी से परेशान हैं। मंगलवार की भार करीब तीन बजे मौसम ने करवट बदली और बूंदाबांदी के साथ बारिश शुरू हो गई। इसी बीच सुबह करीब पांच बजे कसया से पडरौना की तरफ आने वाले मुख्य लाइन में फाॅल्ट हो गया। इसके चलते रविंद्रनगर और विशुनपुरा उपकेंद्र से जुड़े लोगों की बिजली गुल हो गई। इसके कुछ देर बाद ही नगर के बीएसएनएल टाॅवर के पास डिस्क पंक्चर हो गया, जिससे टाउन-2 के अंतर्गत आने वाले शहर की बिजली गुल हो गई। इन वजहों से करीब छह घंटे तक आधे शहर की बिजली गुल रही। उपभोक्ताओं के दैनिक कार्य प्रभावित हुए।
शहर में निर्बाध रूप से बिजली आपूर्ति के लिए अलग से जरार और मनिकौरा में बिजली उपकेंद्र बनाए गए हैं, जो दो साल पहले से चल रहे हैं। ताकि शहर के उपकेंद्र पर लोड कम हो, लेकिन समस्या दूर नहीं हो रही है। संसाधन तो बढ़ रहे हैं, लेकिन उपभोक्ताओं की परेशानी दूर नहीं हो रही है।

पडरौना जिला मुख्यालय का शहर होने के नाते यहां 24 घंटे बिजली आपूर्ति करने के निर्देश हैं। बिजली निगम के अधिकारियों की मानें तो वे उपभोक्ताओं को बिजली मुहैया हो रही है, लेकिन उपभोक्ता हर दिन चार से पांच घंटे बिजली आपूर्ति बाधित रहने की बात कह रहे हैं।
उपभोक्ताओं का कहना है कि जब बिजली आती है तो वोल्टेज इतना कम रहा है कि पंखे ठीक से कार्य नहीं करते हैं। इन्वर्टर आदि बिजली के उपकरण भी ठीक से चार्ज नहीं हो पाते हैं। शाम के समय जब बिजली आपूर्ति बाधित होती है तो सबसे अधिक परेशानी भोजन पका रही महिलाओं को उठानी पड़ती है।

पडरौना विद्युत उपकेंद्र के अलावा रविंद्रनगर और विशुनपुरा उपकेंद्र को बिजली आपूर्ति के लिए कसया से मेन लाइन बिछाई गई। बिजली कर्मचारियों के मानें तो यह मेन लाइन कसया-पडरौना मार्ग के रास्ते उपकेंद्र तक पहुंंची है। बारिश अथवा हल्की हवा चलने पर इस सड़क किनारे पेड़-पौधों के तार बिजली के हाईटेंशन तार से टकरा जाते हैं, जिसके चलते हमेशा फाॅल्ट की समस्या बनी रहती है।
पडरौना शहर के लोगों को बिजली की समस्याओं से निजात दिलाने के लिए पडरौना नगर क्षेत्र के विस्तारित गांव की बिजली मनिकौरा उपकेंद्र से जोड़ दी गई, लेकिन मनिकौरा की मेन लाइन राजापाकड़ से आती है। लंबी दूरी से बिजली मिलने से इन गांव की समस्या दूर होने की बजाय और बढ़ गई है।
मंगलवार की भोर करीब करीब पांच बजे हल्की हवा के साथ बारिश शुरू हुई। इसके कुछ देर बाद ही कसया के पास मेन लाइन पर बबूल के पेड़ की डाली टूट कर गिर गई। इससे मेन लाइन में फाॅल्ट हो गया, जिससे रविंद्रनगर और विशुनपुरा उपकेंद्र की बिजली आपूर्ति ठप हो गई। बिजली कर्मी अभी फाॅल्ट की तलाश कर ही रहे थे कि इसके कुछ ही देर बाद नगर के उदित नारायण पीजी कॉलेज के पास स्थित बीएसएनएल टॉवर के पास एक डिस्क पंक्चर हो गया।
डिस्क पंक्चर होने से जिला मुख्यालय और पडरौना नगर के करीब दस हजार उपभोक्ताओं की बिजली आपूर्ति बाधित हो गई। सुबह के समय बिजली आपूर्ति प्रभावित होने से लोगों की दिनचर्या पूरी तरह पटरी से उतर गई। महिलाओं ने मोमबत्ती के प्रकाश में स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए नाश्ता बनाया। बिजली के अभाव मेें सप्लाई का पानी नहीं आने से लोग टंकी में नहीं भर सके। जिनके घर में इन्वर्टर नहीं है, वे अपना मोबाइल तक चार्ज नहीं कर सके।
हालांकि, फाॅल्ट की तलाश कर बिजली कर्मियों ने क्षतिग्रस्त तार और पंक्चर हुई डिस्क की मरम्मत कर सुबह करीब 11 बजे बिजली आपूर्ति बहाल की, तब जाकर लोगों ने राहत की सांस ली।

नए बिजली उपकेंद्र से भी समस्या नहीं हुई कम
लो-वोल्टेज और बिजली कटौती से उपभोक्ता परेशान

पडरौना/मंसाछापर। उपभोक्ताओं को बिजली बेहतर आपूर्ति उपलब्ध कराने की गरज से निर्माण हुआ बिजली उपकेंद्र से भी लोगों को कोई लाभ नहीं मिला पाया है। पडरौना नगर के विस्तारित गांव के लोगों के अलावा जरार और मनिकौरा उपकेंद्र से जुड़े लोग लो वोल्टेज और बिजली कटौती से परेशान हैं। इसकी वजह लंबी दूरी से बिजली आपूर्ति आनी बताई जा रही है।

पहले पडरौना समेत विशुनपुरा ब्लॉक क्षेत्र के कई गांव के लोगों को पडरौना विद्युत उपकेंद्र से मिलती थी। उस समय भी लोग लो वोल्टेज और बिजली कटौती से परेशान रहते थे। इस समस्या से लोगों को निजात दिलाने के लिए वर्ष 2011 जरार गांव और 2017 मनिकौरा गांव में बने नए बिजली उपकेंद्र का निर्माण कराया गया, लेकिन कुछ तकनीकी गड़बड़ी के कारण कुछ महीने बिजली आपूर्ति होने के बाद बिजली आपूर्ति ठप हो गई।
काफी प्रयास के बाद वर्ष 2016 में बिजली आपूर्ति शुरू हुई। इस समय करीब 35 गांव के आठ हजार बिजली उपभोक्ताओं को आपूर्ति मिलती है। लेकिन लो वोल्टेज और बिजली आपूर्ति से कोई राहत नहीं मिल सकी। इसी तरह निर्माण के वर्ष 2017 में मनिकौरा बिजली उपकेंद्र से आपूर्ति शुरू हुई। इस उपकेंद्र से 45 गांव के करीब 16 हजार उपभोक्ता हैं।

पडरौना उपकेंद्र पर पड़ने वाले भार का कम करने के लिए नगर पालिका क्षेत्र के विस्तारित गांव के उपभोक्ताओं को मनिकौरा उपकेंद्र जोड़ा गया, ताकि नगर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के सभी उपभोक्ताओं को पर्याप्त बिजली आपूर्ति मिल सके। बिजली उपभोक्ताओं को लो वोल्टेज और बिजली कटौती से निजात नहीं मिल सकी।
अवर अभियंता दीपक कुमार ने बताया कि दोनों उपकेंद्रों की बिजली आपूर्ति करीब 75 किमी दूर राजापाकड़ बिजली घर से मिलती है। लंबी दूरी होने के कारण कम वोल्टेज मिलता है। उन्होंने बताया कि 33 हजार की जगह इस समय महज 19 से लेकर 23 हजार तक सप्लाई मिलती है। यही कारण है कि लो वोल्टेज की समस्या हो रही है।

हर बार मिलता है बिजली समस्या दूर करने का आश्वासन
पडरौना। गर्मी का समय आते ही नगर में बिजली आपूर्ति प्रभावित होने लगती है। कभी अघोषित बिजली कटौती तो कभी लो वोल्टेज की समस्या से लोग परेशान रहते हैं। यदि बिजली का ट्रांसफार्मर जल गया तो दूसरा ट्रांसफाॅर्मर लगाने के लिए लोगों को आंदोलन करना पड़ता है। बीते सप्ताह जटहां रोड पर जले 400 केवीए का ट्रांसफॉर्मर जलने के बाद लोगों को तीन दिन तक परेशान होना पड़ा था। इसकी शिकायत पर निगम के अधिकारी और जनप्रतिनिधि केवल आश्वासन देते हैं।

गर्मी का मौसम आने आते ही नगर में बिजली समस्या बढ़ जाती है। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए हर वर्ष बिजली निगम और जनप्रतिनिधि लोगों को आश्वासन जरूर देते हैं, लेकिन इस समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए अब तक कोई सकारात्मक पहल नहीं दिखी।

अमित कुशवाहा, व्यापारी
बिजली कटौती और लो वोल्टेज की समस्या से लोग परेशान तो रहते ही हैं। यदि कोई ट्रांसफाॅर्मर जल गया तो उसके स्थान पर दूसरा ट्रांसफाॅर्मर लगाने के लिए लोगों को सड़क पर उतरना पड़ता है। बीते 15 अगस्त की शाम नगर के जटहारोड पर लगे 400 केवीए का ट्रांसफॉर्मर जल गया था। इसके स्थान पर लोगों को तीन दिन तक परेशान होना पड़ा था। गर्मी से परेशान लोगों ने अंत में सड़क पर उतरकर आंदोलन किया, तब जाकर वहां दूसरा ट्रांसफॉर्मर लगाया गया।

धनंजय कुशवाहा, व्यापारी
उपभोक्ताओं को बेहतर बिजली आपूर्ति करने की बात कहकर पडरौना नगर पालिका क्षेत्र के विस्तारित गांव के लोगों को मनिकौरा उपकेंद्र से बिजली आपूर्ति जोड़ने की बात कही गई थी। लेकिन जब से उस उपकेंद्र से लोगों की बिजली जोड़ी गई, तब से उपभोक्ताओं की परेशानी और बढ़ गई है।

बृजकिशोर तिवारी, उपभोक्ता
पडरौना के पास बसे कई मुहल्लों में मनिकौरा उपकेंद्र से बिजली आपूर्ति होती है। इस उपकेंद्र से हो रही अघोषित बिजली कटौती और लो वोल्टेज बिजली आपूर्ति से इन्वर्टर आदि बिजली उपकरण ठीक से चार्ज नहीं हो पाते हैं। बीते 24 घंटे में महज छह घंटे ही बिजली आपूर्ति मिली है। हर दिन शाम होते ही बिजली कट जाती है। इसके चलते महिलाओं को अंधेरे में भोजन पकाना पड़ा है।

– राजन पांडेय, उपभोक्ता
24 घंटे में कटी 26 बार बिजली
पडरौना। तुर्कपट्टी क्षेत्र में फाजिलनगर विद्युत उपकेंद्र के जोकवा बाजार फीडर से 98 गांव के उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति की जाती है। इन गांव में करीब छह हजार उपभोक्ता हैं। वे करीब 25 लाख बिजली का बिल भी प्रति माह चुकाते हैं। इसके बावजूद सोमवार की रात कई घंटे तक बिजली कटौती हुई। सोमवार की रात 12 बजे बिजली कटी तो सुबह आठ बजे मिली। लोग पूरी रात गर्मी से बेहाल रहे।
उपभोक्ताओं का कहना है कि बीते 24 घंटे में 26 बार बिजली कटी है। दिन हो या रात लोकल फाॅल्ट के बहाने लगातार बिजली की कटौती की जा रही है। यदि बिजली आती भी है तो वोल्टेज की समस्या रहती है। क्षेत्र के हरिकेश यादव, अनिल प्रजापति, राणा सिंह, महेंद्र दुबे आदि ने बताया कि निगम को इमरजेंसी कटौती की समस्या नहीं आने देना चाहिए। लो वोल्टेज वाले फीडर या गांव को लेकर नए रोड मैप की जरूरत है।

24 घंटे में नौ बार लिया गया शटडाउन
पडरौना। कप्तानगंज विद्युत उपकेंद्र की विद्युत आपूर्ति व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। बीते 24 घंटे में नौ बार शटडाउन लिया गया। हर आधे घंटे में बिजली का आना-जाना अब आम बात हो गई है। जैसे बिजली आपूर्ति बंद होती है, वैसे ही उपकेंद्र पर तैनात कर्मचारियों का फोन बजना शुरू हो जाता है। उपभोक्ता सिर्फ यही जानना चाहते हैं कि बिजली कब तक आएगी और कर्मचारियों का एक ही जवाब होता है, मेन लाइन खराब या शटडाउन लिया गया है। कुछ ही समय में आपूर्ति चालू कर दी जाएगी।

पांच से छह घंटे मिलती है बिजली
मथौली। नगर पंचायत मथौली समेत आसपास गांव के उपभोक्ताओं को बीते पांच दिन से महज पांच से छह घंटे ही विद्युत आपूर्ति मिल रही है। कस्बे के सत्येंद्र सिंह, मानवेंद्र प्रताप सिंह, उमेश केवट, अमित सिंह, हेमंत यादव, बैजनाथ यादव, सुधीर कुमार श्रीवास्तव आदि ने बताया कि विद्युत निगम की इस लापरवाही से उपभोक्ता परेशान हैं। बिजली आपूर्ति ठप होने पर निगम के अधिकारियों का फोन नहीं उठता है। इस संबंध में जेई मुन्ना कुमार ने बताया आगे से जितना विद्युत सप्लाई मथौली विद्युत सब स्टेशन को मिलती है, उसके हिसाब से विद्युत सप्लाई दिया जा रहा है। रोस्टिरिंग चल रही है।
इसी तरह अहिरौली बाजार क्षेत्र के गिदहा चक बैरिया, बरौली और खोठ्ठा विद्युत उपकेंद्र के उपभोक्ता विद्युत कटौती से परेशान हैं। क्षेत्र के असलम अली, ब्रम्हानंद यादव, कमलेश शर्मा, वसीम अली, बब्लू यादव, अशोक सिंह आदि ने बताया कि हर आधे से एक घंटे पर बिजली सप्लाई कट जाती है। सूरज शर्मा, राजन पांडेय, रामप्रताप, धीरज कुमार पांडेय, बब्लू बाबा, रामगुलाब ने बताया कि 24 घंटे में नौ घंटे ही सप्लाई मिली है।

मोबाइल की रोशनी में करते हैं व्यापार, मोमबत्ती जलाकर चल रहा घरबार
अघोषित बिजली कटौती से लोग परेशान, फोन नहीं उठातेे बिजली निगम के अधिकारी
तमकुहीराज। तमकुहीराज कस्बा समेत ग्रामीणों क्षेत्रों में अघोषित बिजली कटौती से लोग परेशान हैं। शाम को व्यापारी मोबाइल की रोशनी में दुकानदारी कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में लोग मोमबत्ती जलाकर घर के कार्य निपटा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में पढ़ाई भी मोमबत्ती के सहारे हो रही है।

शहरी क्षेत्र में 22 और ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे बिजली आपूर्ति का नियम है। लेकिन तमकुहीराज सब स्टेशन और तरयासुजान सब स्टेशन से शहरी क्षेेत्रों में 12 औैर ग्रामीण क्षेत्रों में करीब छह से आठ घंटे ही बिजली की आपूर्ति हो रही है।

तमकुहीराज कस्बे के व्यापारियों का कहना है कि शाम के समय में अक्सर बिजली काट दी जाती है। मोबाइल फोन की रोशनी में दुकानदारी करनी पड़ती है। बिजली निगम के जेई और एई को कितनी बार भी फोन किया जाए, वह फोन नहीं उठाते हैं। सब स्टेशन पर पहुंचने पर कोई भी जिम्मेदार अधिकारी नहीं मिलता है। सिर्फ एक से दो संविदा कर्मी मौजूद रहते हैं। कब बिजली मिलेगी, इसका सही जानकारी नहीं देते हैं।

बार-बार ट्रिपिंग ने बढ़ाई परेशानी
लोगों का कहना है कि जितनी देर बिजली मिलती है वह भी ठीक से नहीं मिलती हैै। उनका कहना है कि एक दिन में लगभग 70 से अधिक बार ट्रिपिंग होती है। इससे इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण भी जल जाते हैं। कई बार शिकायत की गई, लेकिन अब तक समस्या का समाधान नहीं हो सका। तमकुही कस्बे में लो वोल्टेेज की सबसे बड़ी समस्या है।

नहीं बदले गए जर्जर तार
तमकुहीराज कस्बे के वार्ड नंबर सात सरदार पटेलनगर समेत कई वार्डों में बिजली के जर्जर तार अब तक नहीं बदले जा सके हैं। इसकी वजह से खतरे का अंदेशा बना रहता है। लोवोल्टेज की भी समस्या बनी रहती है। वहीं, जहां पर नए तार लगाए गए हैैं, उसकी गुणवत्ता पर भी लोग सवाल उठा रहे हैं। लोगों का कहना है कि कुछ दिन पूर्व कस्बे में नए तार में आग लग गई थी। इसके बाद भी अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं।

सभी उपभोक्ताओं को उपलब्ध संसाधन के अनुसार निर्बाध बिजली आपूर्ति कराने का प्रयास किया जा रहा है। पुराने तार और पोल के चलते बार-बार फॉल्ट की समस्या होती है। इसके अलावा मेन लाइन पर पेड़ या उसकी डालियां गिरने की वजह से भी बिजली आपूर्ति ठप होती है। तार टूटने समेत अन्य शिकायतें मिलते ही कर्मचारियों को भेजकर उसे तत्काल सही कराया जाता है। हर संभव प्रयास किया जा रहा है कि उपभोक्ताओं को कोई परेशानी न हो।

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