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शेर मोहम्मद
देवरिया। खिलौने की दुकान में आग की घटना से पूरा मोहल्ला दहशत में रहा। अधिकांश परिवारों में दिन में खाना नहीं बना और लोग आग बुझने का इंतजार करते रहे। छोटे बच्चों को परिजन दुकानों से खाने-पीने की चीज लाकर दे रहे थे। कई घरों में देखा गया कि छतों पर लोग मौजूद रहे। सभी दहशत में थे।
कॉलोनी के श्याम चौरसिया ने बताया कि रात में ही घर छोड़कर पूरे परिवार के साथ सड़क पर आ गया। दिन में भी घर में एक-दो बार गया और फिर बाहर चला आया। डर लग रहा था कि आग की चपेट में अगल-बगल के घर न आ जाएं। गैस सिलेंडर बाहर कर दिया गया, इसके कारण खाना नहीं बना।
संतोष कुमार ने बताया कि आग की लपटों को देख कर सांसें थम जा रहीं थीं। रात में तो इतना डर लग रहा था कि ईश्वर से मन्नत मान रहे थे। दिन में भी घर में खाना नहीं बना। आग बुझने का इंतजार करते रहे। हमने भी अपना गैस सिलेंडर बाहर निकाल दिया था, इस कारण बिना खाए-पीए रहना पड़ा।
मुस्तकीम ने बताया कि बगल का मामला था। किसी की करोड़ों की संपत्ति जल रही है तो हम लोग कैसे चैन से रह सकते हैं। बहुत ही अफसोस हुआ है। पूरी रात जगा रहा और दिन में झपकी तक नहीं ली। राजू वर्मा ने बताया कि इस घटना के बाद हम लोग काफी सहमे हुए थे। आग की लपट देखकर दिल दहल जा रहा था। अमित ने बताया कि अभी पहली नींद आई और शोर सुना तो खिड़की के रास्ते देखा तो घर के पीछे धुआं था और आग की पलट दिख रही थी। फौरन उतरा और भाग कर पहुंचा तो आग की लपट उठ रही थी। पूरा दिन खाना नहीं खाया।
सौ घरों की बिजली रही गुल
देवरिया। आग की घटना के बाद पूरे मोहल्ले की बिजली कट गई। करीब सौ घरों की बिजली बुधवार की शाम छह बजे तक गायब रही। इसके कारण लोगों की दिनचर्या प्रभावित हुई। कई जगहों पर लोगों को पानी के लिए परेशान होना पड़ा। जिनके घरों में बच्चों को स्कूल जाना था उनको खास दिक्कत हुई। करीब शाम छह बजे बिजली आई तो लोगों ने राहत की सांस ली। संवाद
शाम को फिर से उठा धुआं तो बुलानी पड़ी दमकल की गाड़ी
देवरिया। शाम करीब पांच बजे आग बुझाकर जब फायर सर्विस के कर्मी वापस चले गए तो एक बार फिर से धुआं उठने लगा तो लोग सहम गए। इसकी जानकारी लोगों ने दमकल विभाग को दी। इस पर दो दमकल वाहन मौके पर पहुंचे और सुलग रहे आग को फिर से बुझाया। संवाद
दिन भर बजता रहा सायरन
देवरिया। दमकल वाहन के फेरे इतने लगे कि सिविल लाइन, काेतवाली रोड पर पूरे दिन सायरन की आवाज सुनाई पड़ रही थी। वाहन पानी ले जाते थे और कुछ ही देर बाद फिर से वापस चले आते थे। इसके कारण जाम को हटाने के लिए उन्हें सायरन बजाना पड़ रहा था। संवाद
इससे पहले भी हो चुकी है घटना, पर बुझाने में इतना समय नहीं लगा
देवरिया। शहर में आग की इस भीषण घटना ने सभी को झकझोर दिया है। शहर में आग की घटना इससे पहले भी हुई, लेकिन किसी भी घटना में 18 घंटे का समय आग बुझाने में नहीं लगा। अभी एक माह पहले शहर के रामलीला मैदान स्थित एक माल में आग लगी थी। कुछ माह पहले रामनाथ देवरिया मोड़ पर एक माल में आग लगी थी। इसमें भी चार घंटे में ही आग पर काबू पा लिया गया था। दस साल पहले कोआपरेटिव चौराहे पर आग की बड़ी घटना हुई थी। यहां पर भी आठ घंटे में आग पर काबू पा लिया गया था। इतना जरूर है कि सभी घटनाओं में जनहानि नहीं हुई है। सभी आग की घटनाएं रात में हुई हैं।