शहर के अंसारी रोड पर जिस जगह पर आग लगी थी उस जगह से चंद कदमों की दूरी पर गैस रिफिलिंग की जाती है

उत्तर प्रदेश देवरिया

सफल समाचार 
शेर मोहम्मद 

देवरिया। शहर में खिलौना की दुकान और गोदाम में भीषण आग शॉर्ट-सर्किट से लगी है। इसके अलावा भी शहर में और खतरे हैं। सकरी गलियों में बड़े प्रतिष्ठान बिना फायर डिपार्टमेंट की एनओसी के चल रहे हैं। बड़े अस्पतालों और शॉपिंग माॅल संचालकों ने भी फायर की एनओसी नहीं ली है। इन जगहों पर हर रोज काफी संख्या में लोगों का आना-जाना होता है। यहां तक कि अवैध तरीके से रसोई गैस सिलेंडर भरने का काम इन गलियोें में किया जाता है। इतना ही नहीं शहर के 19 हाईड्रेंट में से महज तीन ही काम कर रहे हैं। बाकी जमींदोज हो चुके हैं। यही कारण है कि मंगलवार की रात लगी आग को काबू करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। ऐसे में अगर शहर के किसी और सघन इलाके में आग लगने की घटना होती है तो उसे नियंत्रित कर पाना चुनौती साबित हो सकती है।

शहर के अंसारी रोड पर जिस जगह पर आग लगी थी उस जगह से चंद कदमों की दूरी पर गैस रिफिलिंग की जाती है। इस गली में करीब पांच ऐसी दुकानें हैं, जहां से बड़े से छोटे सिलेंडर में रसोई गैस भरने का काम किया जाता है। हालत यह है कि अगर आग लग जाए तो फायर ब्रिगेड की गाड़ी तो दूर, टेंपो भी मौके पर नहीं जा सकता है। अतिक्रमण के चलते छहमुखी चौराहा को जाने वाली सड़क संकरी हो गई है। इससे कुछ दूरी पर करीब सौ मीटर की परिधि में पूरा मार्केट है, जहां पर प्लास्टिक और अन्य छज्जा लगाया गया है। यहां हालत यह है कि बाइक सवार तक को घुसने में दिक्कत होती है। अगर कोई इस मार्केट में बाइक से चला गया तो उसे बाहर निकलने में 30 मिनट का समय लग जाएगा। रामलीला मैदान रोड पर करीब 50 दुकानें ऐसी हैं जिनके पास आग बुझाने का इंतजाम नहीं हैं और अतिक्रमण के कारण सड़क संकरी हो गई है। बजाजी गली से छोटी गलियों में करीब दस गोदाम कपड़े के हैं, जहां पर फायर ब्रिगेड की गाड़ी नहीं जा पाएगी। एचडीएफसी बैंक की गली से सटी छोटी गलियों में भी कास्मेटिक, खिलौना, बैग का गोदाम है, जहां आग लग जाए तो बुझाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी। पैदल तक जाना कठिन हो जाएगा।

बृहस्पतिवार की शाम चार बजे साकेत नगर निवासी संदीप ने बताया कि बाजार करने के लिए बाइक से अंदर गए, पर कदम-कदम पर जाम मिलने की वजह से बाहर निकलने में आधा घंटा का समय लग गया। भीखमपुर निवासी संतोष ने बताया कि खिलौना लेने के लिए आया था। बाइक काफी दूर खड़ी करनी पड़ी तब जाकर किसी तरह खरीदारी कर सके।

जमींदोज हो गए हाईड्रेंट
देवरिया। आग लगने की किसी घटना के समय दमकल की गाड़ियों में पानी भरने के लिए शहर में 19 स्थानों पर हाईड्रेंट लगाए गए थे। इसमें सब्जी मंडी, अंसारी रोड, हनुमान मंदिर, सिविल लाइंस, नगर पालिका, कोआपरेटिव चौराहा, भीखमपुर रोड, मोतीलाल रोड, स्टेडियम, अस्पताल, रामलीला मैदान हैं। इस समय हालत यह है कि महज स्टेडियम और जिला अस्पताल का हाईड्रेंट पंप ठीक है। बाकी जगहों पर सड़कों के ऊंचा होने के कारण हाईड्रेंट पंप जमींदोज हो गए हैं।

जिले में 80 माॅल, फायर एनओसी सिर्फ चार के पास
देवरिया। जिले में छोटे-बड़े करीब 80 माॅल और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स हैं। अग्निशमन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक इनमें से केवल चार ने ही विभाग से एनओसी लिया है। वहीं जिल में संचालित करीब 140 अस्पतालों में से सिर्फ 40 ही फायर डिपार्टमेंट के मानकों को पूरा कर एनओसी हासिल कर सके हैं। वहीं शहर में कपड़े के गोदाम से लगायत बड़े प्रतिष्ठानों ने भी एनओसी लेने में रूचि नहीं दिखाई। इन जगहों पर काफी संख्या में लोगों का आना-जाना होता है। इसके बावजूद भी गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है।

शाॅर्ट-सर्किट से आए दिन हो रहे हादसे
देवरिया। शाॅर्ट सर्किट से आए दिन आग लगने की घटना सामने आ रही हैं। अभी कुछ माह पहले शहर के रामलीला मैदान स्थित माॅल में शाॅर्ट सर्किट से आग लगी थी। पिछले माह में भी शाॅर्ट सर्किट से ही एक माल में आग लगी थी। खुखुंदू और गौरीबाजार में दो माह पहले आग की घटना हुई थी। अंसारी रोड पर जिस जगह खिलौना की दुकान व गोदाम में आग लगी थी उस जगह भी तारों का मकड़जाल है।

सील करने का मिले अधिकार
अग्निशमन अधिकारी राजमंगल सिंह ने बताया कि महज चार माॅल मालिकों ने एनओसी लिया है। बड़े प्रतिष्ठान भी एनओसी नहीं ले रहे हैं और न ही सुरक्षा के इंतजाम कर रहे हैं। कई बार नोटिस देने के बाद भी उसका जवाब नहीं मिलता है। उनको अग्निशमन विभाग से कोई भय नहीं है, क्योंकि दुकान और प्रतिष्ठान को हमें सील करने का अधिकार नहीं है। सील करने का मामला शासन में लंबित है। अगर अधिकार मिल गया तो काफी हद तक सुधार हो जाएगा।

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