खसरा, खतौनी, जाति, आय, निवास, वरासत आदि कार्य न हो पाने से लोग हुए परेशान लेखपालों को मिला मोबाइल खराब

उत्तर प्रदेश कुशीनगर

सफल समाचार 
विश्वजीत राय 

पडरौना। लेखपालों को मिला मोबाइल फोन खराब होने की वजह से लेखपाल संघ के आह्वान पर तहसीलों में जमा कर दिया गया है। विभाग में लेखपालों की पहले से ही कमी है। प्रत्येक लेखपाल के जिम्मे अतिरिक्त गांवों की जिम्मेदारी है। ऊपर से शासन की तरफ से मिले मोबाइल फोन के काम न करने की वजह से उसे भी जमा कर दिया है। इससे खसरा, खतौनी, जाति प्रमाणपत्र, आय प्रमाणपत्र, वरासत सहित अन्य कार्य नहीं हो पा रहे हैं। लोगों को लेखपालों का चक्कर लगाना पड़ रहा है। कसया तहसील में लगभग सभी लेखपालों ने अपने मोबाइल फोन जमा कर दिए हैं। कुछ लेखपाल वैकल्पिक व्यवस्था से काम चला रहे हैं।
कुशीनगर जिले में कुल 314 लेखपाल तैनात हैं। इनमें से 213 लेखपाल सरकार की तरफ से मिले मोबाइल फोन जमा कर चुके हैं। बाकी बचे लेखपाल भी सरकारी मोबाइल जमा करने की तैयारी में है। लेखपालों का कहना है कि सरकार की तरफ से मिला मोबाइल टू-जी है। इसमें कुछ विभागीय एप ही चलते थे। इसके अलावा व्हाट्सएप या जूम एप डाउनलोड नहीं हो रहा था।

लेखपालों का कहना है कि विभागीय मीटिंग में सरकारी मोबाइल से जुड़ना है, लेकिन जब उसमें जूम एप डाउनलोड नहीं होगा तो मीटिंग से कैसे जुड़ पाएंगे? इससे किसी भी तरह की सूचना का आदान-प्रदान संभव नहीं हो पा रहा था। इसके अलावा इस मोबाइल फोन में हमेशा कनेक्टिविटी की समस्या भी बनी रहती थी।
पडरौना तहसील में कुल 61 लेखपाल तैनात हैं। लेखपाल संघ के तहसील महामंत्री विवेक कुमार ने बताया कि सरकार की तरफ से मिले मोबाइल में कोई अन्य एप डाउनलोड नहीं हो रहा था। काफी पुराना मॉडल होने से वर्तमान समय की प्राथमिकता नहीं थी। इसमें से कई मोबाइल फोन ऐसे थे, जिनकी वैधता भी समाप्त हो चुकी थी।

लेखपालों को एक-एक खेत में जाकर एग्री एप के जरिए पड़ताल करनी है। इसमें उच्च क्षमता के कैमरे की जरूरत है। सरकारी मोबाइल के कैमरे से फोटो धुंधला आ रहा था। इसलिए विभागीय मोबाइल फोन जमा कर दिया गया है। कसया तहसील के लेखपालों ने कहा कि तहसील के कुल 39 में 32 लेखपालों ने सरकारी मोबाइल फोन जमा कर दिया है। क्योंकि वह ठीक से कार्य नहीं कर रहा था।
कप्तानगंज तहसील के कुल 61 लेखपालों के सापेक्ष 34 तैनात हैं। एक लेखपाल के पास दो या उससे अधिक गांव का प्रभार है। इनके कंधे पर कप्तानगंज व रामकोला के अलावा मोतीचक ब्लाॅक के 17 गांवों की जिम्मेदारी है। इन लेखपालों को मिले सरकारी मोबाइल फोन कार्य नहीं कर रहे हैं।
इसके चलते लेखपालों को प्रधानमंत्री फसल योजना, खसरा, खतौनी, जाति प्रमाणपत्र और आय प्रमाणपत्र समेत अन्य सरकारी कार्य करने के लिए शासन ने अप्रैल 2019 को स्मार्टफोन सैमसंग ग्लैक्सी जे-2 माॅडल दिया गया। उसमें लेखापालों को बताया गया कि इस मोबाइल की वैधता तीन वर्ष की है। उसके बाद यह मोबाइल स्वयं अनुपयोगी हो जाएगा। इस मोबाइल फोन से जब लेखपालों ने कार्य करना शुरू किया तो वह मोबाइल कार्य के अनुरूप अनुपयोगी साबित होने लगा।
सभी जगहों से शिकायत आने के बाद लेखपाल संघ के निर्देश पर लेखपालों ने एसडीएम को ज्ञापन देकर मोबाइल फोन जमा करने की बात कही। इसे संज्ञान में लेकर एसडीएम ने रजिस्ट्रार कानूनगो को निर्देश दिए और सभी लेखपालों ने मोबाइल फोन कार्यालय में जमा कर दिया।
कप्तानगंज लेखपाल संघ के तहसील अध्यक्ष हरिशंकर कुशवाहा ने बताया कि मोबाइल फोन के ठीक से कार्य न करने से सभी लेखपाल परेशान थे। संघ के निर्देश पर सभी मोबाइल फोन रजिस्टर कानूनगो कार्यालय में जमा कर दिए गए हैं। मोबाइल फोन पुराने थे। उसमें नया वर्जन और नया सॉफ्टवेयर लोड करने में दिक्कत हो रही थी। सरकारी कार्य करने में लेखपालों को काफी दिक्कत होती थी।
एसडीएम व्यास नारायण उमराव ने कहा कि लेखपालों ने 18 अगस्त को ज्ञापन सौंपकर समस्या बताई थी। उनकी समस्या डीएम से बताई गई। सभी लेखपालों ने मोबाइल फोन रजिस्ट्रार कानूनगो के पास जमा कर दिया है, लेकिन लोगों का कार्य लेखपालों के स्तर से प्रभावित नहीं हो रहा है।

निजी मोबाइल फोन से कार्य कर रहे लेखपाल
लेखपालों के पास सरकारी मोबाइल फोन नहीं होने से वे निजी मोबाइल फोन से कार्य रहे हैं। उन्हें खसरा, खतौनी, जाति प्रमाणपत्र, आय प्रमाणपत्र बनाने में परेशानी हो रही है। सबसे अधिक परेशानी लेखपालों को कृषि विभाग से संबंधित कार्य करने में हो रही है। लेखपालों का कहना है कि कृषि विभाग का कार्य करने में परेशानी हो रही है। क्योंकि कृषि विभाग का कार्य एग्रो एप पर करना है। इसमें प्रत्येक खेत पर जाकर स्पष्ट फोटो लेना है। इस एप में डीएसलआर कैमरे जैसा क्लीयर क्वालिटी वाला फोटो ही अपलोड हो पा रहा है। निजी मोबाइल फोन में इस क्षमता का कैमरा नहीं है। इससे कृषि विभाग से जुड़े सर्वे करने में परेशानी हो रही है।

आवेदन संख्या-231890030146507 के माध्यम से गोंड जाति के प्रमाणपत्र के लिए बीते 11 अगस्त को ऑनलाइन आवेदन की हूं। लेकिन अब तक प्रमाणपत्र निर्गत नहीं हुआ है। इसके लिए कई बार लेखपाल के पास जा चुकी हूं। हलका लेखपाल कभी सर्वर डाउन होने तो कभी नेटवर्क की समस्या बताकर अगले दिन बुलाते हैं।

शकुंतला देवी, मठिया खुर्द
जाति प्रमाणपत्र के लिए बीते 17 अगस्त को आवेदन संख्या-231890030152298 के माध्यम से आवेदन की हूं। हर दिन लेखपाल को फोन करती हूं तो वह देखता हूं कहकर फोन काट देते हैं।

निर्मला देवी, निवासी मठिया खुर्द
मोबाइल फोन लेखपालों के जमा करने पर समस्या तो हो रही है। एक ही काम के लिए कई बार दौड़ना पड़ रहा है। कार्य होने में समय लग रहा है। इससे परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

प्रशांत, निवासी कसया
एक वर्ष पहले डुमरी स्वांगीपट्टी गांव निवासी मनोज विश्वकर्मा से विवाह हुआ है। आधार कार्ड में दर्ज मायके का पता ससुराल के पते पर कराना है। इसके लिए निवास प्रमाणपत्र के लिए आवेदन की थी। अभी नहीं मिला है।
अंजनी विश्वकर्मा, निवासी डुमरी स्वांगीपट्टी

कोट
सरकार से अनुरोध है कि अच्छे वर्जन का मोबाइल मुहैया कराए, जिससे लेखपालों के काम को गति मिल सके। 5-जी के जमाने में 2-जी व 3-जी से काम कैसे हो पाएगा। लगभग सभी लेखपालों ने मोबाइल फोन जमा कर दिया है। आने वाले दिनों में लैपटॉप भी जमा कराया जाएगा। काम प्रभावित न हो, इसे देखते हुए अपने मोबाइल फोन से कुछ काम निपटाया जा रहा है।

नीलेश रंजन राव, जिलाध्यक्ष, लेखपाल संघ कुशीनगर
कोट
लेखपालों को मिले सरकारी मोबाइल फोन की क्षमता और उससे होने वाले कार्याें की जांच की जाएगी। लेखपालों की समस्या भी सुनकर उसके शीघ्र निस्तारण की व्यवस्था की जाएगी।

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