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शेर मोहम्मद
डीएम ने की खाद्य एवं औषधि प्रसाधन विभाग, आपूर्ति विभाग व विपणन विभाग के मासिक कार्यों की समीक्षा
कहा, खाद्य पदार्थों में होने वाली मिलावट की पहचान करने के लिए लोगों को किया जाए जागरूक
देवरिया। जिलाधिकारी अखंड प्रताप सिंह ने शनिवार की देर शाम खाद्य एवं औषधि प्रसाधन विभाग, आपूर्ति विभाग व विपणन विभाग के मासिक कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने त्योहारों को देखते हुए मिठाई, दुग्ध उत्पादन समेत अन्य खाद्य पदार्थों में मिलावट के खिलाफ अभियान चलाने के निर्देश दिए। कहा कि जहां भी शिकायत मिलती है संबंधित व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि खाद्य पदार्थों में होने वाली मिलावट से जन स्वास्थ्य को गंभीर खतरा बना रहता है। जनजागरुकता अभियान के तहत लोगों को खाद्य पदार्थों में होने वाली मिलावट की पहचान स्वयं करने में सक्षम बनाया जाए, जिससे वे इसके दुष्प्रभाव से बच सकें। जिलाधिकारी ने कहा कि कुछ मिलावटखोर दूध में मेलामाइन, फ़ार्मेल्डिहाइड तथा यूरिया की मिलावट करते हैं, जिससे किडनी, लिवर और हृदय से जुड़ी बीमारी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि दुग्ध पदार्थ से बने उत्पाद में मिलावट रोकने के लिए विभाग को विशेष पहल करने की जरूरत है। उपभोक्ताओं को शुद्ध उत्पाद मिले यह खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग को सुनिश्चित करना होगा। इस कार्य में प्रशासन के साथ गैर सरकारी संस्थाओं को शामिल करने की आवश्यकता पर बल दिया। दुग्ध उत्पादन में प्रयोग होने वाले ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन के प्रयोग के प्रतिबंध को अत्यंत कड़ाई से लागू करने का निर्देश दिया। उन्होंने विभिन्न रेस्टोरेंट, नमकीन निर्माण केंद्र एवं ठेले-खोमचे पर बिकने वाले फ़ास्ट फ़ूड में प्रयुक्त होने वाले खाद्य तेल की गुणवत्ता की जांच करने का भी निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि प्रायः एक ही तेल का प्रयोग लंबे समय तक करने से उसका टीपीए 25 से कम हो जाता है और उसमें कैंसर कारक कोर्सिजन तत्व आ जाते हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि जिस फार्मासिस्ट के नाम मेडिकल स्टोर का लाइसेंस हैं, वही मेडिकल स्टोर पर बैठे, यह सुनिश्चित किया जाए। बैठक में जिला विकास अधिकारी रविशंकर राय, सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विनय कुमार सहाय, डीएसओ संजय पांडेय और ड्रग इंस्पेक्टर रुद्रेश त्रिपाठी आदि मौजूद थे।