लावारिस धन से जुड़े ज्यादातर खाते उन लोगों के हैं, जो इस दुनिया में नहीं हैं और उनके घरवालों को खातों के बारे में पता नहीं है

उत्तर प्रदेश उत्तराखंड

सफल समाचार 
मनमोहन राय 

देशभर के बैंकों में सबसे ज्यादा लावारिस रकम (अनक्लेम्ड डिपाजिट) यूपी के बैंकों में जमा है। 4,580 करोड़ रुपये का कोई दावेदार नहीं हैं। इस पर भारतीय रिजर्व बैंक ने गंभीर चिंता जताई है। आरबीआई के क्षेत्रीय निदेशक बालू केंचप्पा ने सभी बैंकों से आह्वान किया है कि प्रत्येक जिले में अभियान छेड़कर वहां के शीर्ष 100 अनक्लेम्ड डिपाजिट के जमाकर्ताओं या कानूनी उत्तराधिकारियों को तलाशें और तीन महीने में रकम लौटाएं। दिलचस्प बात ये भी है कि सरकारी विभाग भी बैंकों में पैसा जमा करके भूल गए हैं। सरकारी खातों में जमा अरबों रुपये का कोई वारिस नहीं है। मुख्य सचिव ने सभी सरकारी विभागों की सूची आरबीआई से मांगी है।

नियमों के मुताबिक दस साल तक लेनदेन न करने वाले बचत और चालू खातों में जमा रकम को ‘लावारिस धन’ माना जाता है। ऐसी फिक्स्ड डिपाजिट (एफडी), जिसके परिपक्व होने के दस साल बाद भी कोई दावा नहीं करे तो उसे भी ‘लावारिस धन’ की श्रेणी में रखा जाता है।

लावारिस में कालेधन से लेकर अघोषित रकम तक
लावारिस धन से जुड़े ज्यादातर खाते उन लोगों के हैं, जो इस दुनिया में नहीं हैं और उनके घरवालों को खातों के बारे में पता नहीं है। बड़ी संख्या में बोगस खाते भी हैं, जिनमें करोड़ों रुपये जमा हैं लेकिन कार्रवाई के डर दावा करने वाला कोई नहीं है। नोटबंदी के दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने रकम जमा की लेकिन खाते से रकम निकालते ही निगरानी एजेंसियों के राडार पर आने के डर से उस रकम को हाथ नहीं लगा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक सरकारी विभागों के करीब 900 करोड़ रुपये बैंकों में लावारिस पड़े हैं। बैंकों ने लावारिस धनराशि आरबीआई को ट्रांसफर कर दी है। लावारिस धन पर भी बैंक ब्याज देते हैं। इसके लिए खाते को दोबारा सक्रिय कर ब्याज सहित पैसा बैंक देंगे।

पिछले साल की लावारिस धन की सूची में शीर्ष 8 में नहीं था यूपी
वर्ष 2020-21 में बैंकों में लावारिस धन 39,264 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2021-22 में ये राशि बढ़कर 48,262 करोड़ रुपये हो गई। पिछले साल सर्वाधिक लावारिस धन तमिलनाडु, पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र, बंगाल, कर्नाटक, बिहार और तेलंगाना/आंध्र प्रदेश में जमा था। इसमें उत्तर प्रदेश का नाम नहीं था। इस साल यूपी पहले स्थान पर काबिज हो गया है। उधर, आरबीआई मुंबई मुख्यालय ने प्रदेश के सभी जनपदों को सौ फीसदी डिजिटल करने के निर्देश दिए हैं। बैंकों से कहा गया है कि बिजनेस कॉरस्पॉन्डेंट बैंकों का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गए हैं, उनके कामकाज की नियमित निगरानी की जाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *