सफल समाचार
सुनीता राय
जीडीए उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह तवंर ने कहा कि जीडीए ने अवैध कॉलोनियों पर कार्रवाई की है। बाजार के भाव को समझते हुए इन अवैध प्लाटिंग वालों ने धोखे में रखकर जरूरतमंदों के गाढ़ी कमाई को फंसाया है। जरूरतमंद किसी भी प्लाटिंग में जाकर अपनी कमाई लगाने से पहले कुछ जरूरी बातों का जरूर रखना चाहिए।
गोरखपुर में शारदा सिटी के नाम पर 235 से ज्यादा लोगों के साथ ठगी के बाद जीडीए ने अवैध प्लाटिंग करने वालों पर नकेल कसनी शुरू कर दी है। इसी अभियान में जीडीए अफसरों को अवैध प्लाटिंग के कई चौंकाने वाले पता लगे हैं। कुछ पर बुलडोजर चलाया जा चुका है और कई बाकी भी निशाने पर हैं।
छानबीन में सामने आया है कि अवैध प्लाटिंग के धंधे में दबंग, अपराधी और माफिया के साथ सरकारी सिस्टम के लोग भी हैं। मोटी कमाई के लालच में इसी गठजोड़ से बने चार यार मिलकर एक-दो प्लॉट के एग्रीमेंट करवाते हैं। साथ के खेतों में भी झंडे लगाकर बड़े प्रोजेक्ट का झांसा देते हैं।
लगता है कि कई एकड़ में प्लॉटिंग चल रही है। किसान विरोध न करें, इसके लिए मेढ़ पर झंडा लगाने के एवज में मोटी रकम भी थमा देते हैं। ठगी का खेल खेलकर ठगों के खिसकने के बाद में शिकार लोगों के आगे किसान भी अनजान बन जाते हैं।
प्लॉटिंग के नाम पर चल रहा ठगी का यह खेल शहर से लगे हर उस इलाके में चल रहा है, जहां जीडीए तेजी से विकास करवा रहा है। विकास में लग रहे सरकार के करोड़ों रुपयों का फायदा ऐसे धंधेबाज भी उठा रहे हैं। खेतों में झंडे लगाकर बड़ा गेट, दो-चार सड़कें और एक ऑफिस तैयार करने के बाद बड़ा प्रोजेक्ट शुरू करने का झांसा दिया जाता है। उसके लिए शहर के कुछ प्रॉपर्टी डीलर और दलालों को मोटे कमीशन का लालच देकर पार्टी लाने को कहा जाता है। उन्हीं डीलरों के भरोसे में किराए पर रहे लोग अपमा आशियाना बनाने का सपना देख लेते हैं।
ऐसे ही शुरू हुआ था शारदा सिटी का खेल भी
शानदार दफ्तर दिखाकर फांसते हैं लोगों को
खेत की अरिया में झंडा लगाने के बाद फर्म के नाम से बैनामा वाली और पीछे किसानों की जमीन को मिलाकर एक नक्शा तैयार करते हैं। शानदार दफ्तर में ग्राहकों के आने पर चाय-कॉफी के साथ एसी और लक्जरी माहौल के बीच उनका अभिवादन होता है। दफ्तर के कर्मचारी नक्शा दिखाते हैं। बैनामे वाली जमीन की रजिस्ट्री और बैनामें के साथ खारिज दाखिल का कागज दिखाते हैं। इसके बाद खेत में झंडी लगाकर जहां तक हिस्सा घेरा होते हैं, उसे अपनी जमीन बताकर इसे बेचने का प्रस्ताव रखने लगते हैं।