जिला मुख्यालय के सरस्वती चौक से गंडक नहर तक शुरू हुआ करीब नौ किलोमीटर लंबी बाईपास सड़क का निर्माण

उत्तर प्रदेश कुशीनगर

सफल समाचार 
विश्वजीत राय 

पडरौना। जनपद मुख्यालय के पडरौना शहर में आए दिन लगने वाले जाम से निजात दिलाने के लिए सरस्वती चौक से हरका होते हुए पडरौना में मुख्य पश्चिमी गंडक नहर तक करीब नौ किलोमीटर लंबी बाईपास सड़क का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। सड़क की जद में आए किसानों से जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया है। इसमें से 75 फीसदी किसानों को मुआवजा देकर मिट्टी भराई का काम शुरू कर दिया गया है। दिसंबर में इसका निर्माण पूरा कराने की बात कही जा रही है।

जिला मुख्यालय बनने के बाद पडरौना शहर की सड़कों पर वाहनों का दबाव कम करने के लिए शासन ने करीब दो वर्ष पहले बाईपास सड़क की मंजूरी दी थी। इसके बाद बाईपास सड़क निर्माण को लेकर विभागीय कार्रवाई शुरू कर पीडब्ल्यूडी को कार्यदायी संस्था नामित किया गया है।

जिला मुख्यालय के सरस्वती चौक से पडरौना के गंडक नहर तक 8.950 किलोमीटर लंबी सड़क के निर्माण के लिए हुए विभागीय सर्वे में 12 गांवों के 1256 किसानों की पांच हेक्टेयर से अधिक जमीन जद में आई है। सड़क निर्माण कार्य की जद में आई भूमि को अधिग्रहीत कर किसानों को सरकार की तरफ से निर्धारित धनराशि के भुगतान की कार्रवाई की जा रही है।

अब तक 75 फीसदी किसानों को उनसे ली गई जमीन का मुआवजा देकर उनसे विभाग के पक्ष में रजिस्ट्री भी करा ली गई है। विभागीय अधिकारियों की मानें तो सड़क निर्माण की जद में आए उन्हीं किसानों की जमीन का मुआवजा अब तक नहीं दिया गया है, जो जिले से बाहर हैं। उन्हें बुलाया जा रहा है। जैसे ही वे गांव आएंगे, उनके खाते में मुआवजे की धनराशि देकर उनकी जमीन की रजिस्ट्री विभाग के पक्ष में करा ली जाएगी। जिन किसानों की जमीन का मुआवजा दे दिया गया है, उनकी जमीन अधिग्रहीत कर वहां निर्माण कार्य शुरू करा दिया गया है।

करीब 36 करोड़ की लागत से हो रहा है बाईपास सड़क का निर्माण
जिला मुख्यालय के सरस्वती चाैक से पडरौना के परसौनी स्थित गंडक नहर तक बाईपास सड़क के निर्माण के लिए मिट्टी भराई का कार्य शुरू हो गया है। सात मीटर चौड़ी बनने वाली टू लेन सड़क के निर्माण में करीब 36 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसमें सड़क निर्माण की अनुमानित लागत 18 से 24 करोड़ और शेष अधिग्रहीत भूमि के मुआवजा के लिए किसानों को दी जानी वाली धनराशि शामिल है। यह बाईपास सड़क जिला मुख्यालय के सरस्वती चौक से दमवतिया, मिल्की, पलिया, रहसू, बसडीला, हरका घूरमल समेत कुल 12 गांव होते हुए पडरौना के परसौनी कला स्थित गंडक नहर के पुल पर पडरौना-कठकुइयां मार्ग में मिलेगी।

बाईपास सड़क के निर्माण से होगा क्षेत्र का विकास
जिला मुख्यालय के सरस्वती चौक से पडरौना के परसौनी कला स्थित गंडक नहर के पुल तक निर्माण कार्य शुरू हो गया है। इसके बनने से लोगों का आवागमन सुगम होगा। इसके अलावा सड़क किनारे बसे गांवों का सर्वांगीण विकास होगा। इसे देखते हुए बाईपास सड़क निर्माण की जद में आए गांवों के लोगों में प्रसन्नता है।
हरका घूरमल गांव के विशाल राव ने कहा कि सड़क का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद सबसे अधिक सहूलियत पडरौना के रास्ते गोरखपुर जाने वाले लोगों को होगी। अभी लोग पडरौना में जाम से जूझते हुए गोरखपुर की तरफ जाते हैं।

सुबह 11:45 बजे इस रास्ते से जा रहे हरका चौराहे के सचिन मिश्र ने कहा कि बाईपास सड़क बनाने की जब कार्रवाई शुरू हुई तो क्षेत्र के लोगों के चेहरे चमक उठे। इस सड़क से जुड़े कई गांव ऐसे हैं, जहां आज भी आवागमन का कोई बढि़या मार्ग नहीं है। ऐसे में लोग टूलेन की सड़क का प्रयोग कर सकेंगे।
दोपहर 12 बजे इस रास्ते से जा रहे डॉ. धनंजय मिश्र, विमलेश यादव, इश्तेयाक अंसारी, रामप्यारे विश्वकर्मा, अनिरुद्ध जायसवाल आदि ने कहा कि सड़क निर्माण कार्य शुरू हो गया है। अभी तो धूल-धक्कड़ उड़ रही है। इससे राहगीरों को परेशानी हो रही है, लेकिन निर्माण कार्य पूरा होने के बाद इसके आसपास विकास का रास्ता खुल जाएगा। सड़क के किनारे की जमीन के दाम बढ़ जाएंगे।

लाभान्वित होने वाले किसानों ने कहा
बाईपास सड़क बनने के बाद इसके किनारे बसे गांवोंं का तेजी से विकास होगा। इन गांवों में आवागमन की व्यवस्था बेहतर होने के बाद गोरखपुर समेत अन्य बड़े शहरों में आने में सहूलियत होगी। इसके निर्माण को लेकर क्षेत्र के लोग उत्साहित हैं।

 कमलेश तिवारी, निवासी, दमवतिया
इस बाईपास सड़क के किनारे मेरा घर है। अभी तो मिट्टी भराई का कार्य चल रहा है। इससे उड़ने वाली धूल से अभी परेशानी हो रही है, लेकिन निर्माण कार्य पूरा होने के बाद सबसे अधिक सहूलियत हमें ही होने वाली है। इस विकास कार्य से पूरा परिवार काफी प्रसन्न है।

सरफराज कुरैशी, निवासी, परसौनी कला
हो रहे बाईपास सड़क निर्माण में मेरी करीब एक कट्ठा जमीन जद में आई है। सरकार की तरफ से इसका मुआवजा मिल गया है। सड़क निर्माण के लिए जमीन देते समय थोड़ा दुख हुआ, लेकिन निर्माण कार्य पूरा होने के बाद गांव में आवागमन आसान हो जाएगा। गांव के सभी लोग खुश हैं।

 प्रेमकुमार, निवासी, परसौनी कला
बाईपास सड़क निर्माण होने के बाद सबसे अधिक फायदा इस सड़क के किनारे बसे सभी 12 गांवों के लोगों को होने वाला है। एक तो इन गांव के लोगों का आवागमन सरल हो जाएगा, वहीं, दूसरी तरफ सड़क किनारे की जमीन का मूल्य बढ़ जाएगा। जिस जमीन को लोग एक से दो लाख रुपये कट्ठा देने को तैयार नहीं थे, उसी जमीन को अभी से लोग आठ से दस लाख रुपये देने के लिए कह रहे हैं।

बैजनाथ मद्धेशिया, निवासी, परसौनी कला
बाईपास सड़क निर्माण के बाद शहर में मिलेगी जाम से निजात
पडरौना जिला मुख्यालय का शहर होने के चलते यहां जिले भर से लोग आते हैं। एनएच 28 बी भी शहर के बीच से होकर गुजरता है। शाम होते ही इस रास्ते भारी वाहनों का दबाव बढ़ जाता है। दिन में भी कई भारी वाहनों का अवागमन होता है, लेकिन इस सड़क के निर्माण होने के बाद शहर की सड़कों पर भारी वाहनों का दबाव कम हो जाएगा, जिससे हर समय लगने वाले जाम से मुक्ति मिलेगी।

रामकोला रोड, कोतवाली रोड, जटहां रोड, जिला मुख्यालय मार्ग पडरौना शहर का प्रमुख मार्ग है। जिला मुख्यालय बनने के बाद इन सड़कों पर वाहनों का आवागमन बढ़ गया है। शहर की दिन पर दिन आबादी भी बढ़ती जा रही है। अधिकांश लोगों के पास चार पहिया वाहन हैं। ऐसे में बाईपास सड़क के अलावा पडरौना के आसपास बिछी सड़कों का जाल आने वाले समय में बहुत राहत देने वाला है।

नगर की मुुन्ना काॅलोनी के निवासी संजय सिंह, प्रदीप श्रीवास्तव, अशोक कुमार शुक्ल, गंडक कॉलोनी के सुरेंद्र कुमार सिंह, भूतनाथ कॉलोनी के सुरेश प्रताप सिंह, गुड्डू पांडेय, गोरख पांडेय आदि का कहना है कि गंडक नहर से झुलनीपुर तक नेपाल को जोड़ने वाली टूलेन सड़क करीब-करीब बनकर तैयार है।
इधर, इस सड़क का निर्माण कार्य भी तेजी से हो रहा है। पडरौना रेलवे लाइन पर फ्लाईओवर निर्माण की भी स्वीकृति मिल गई है। ऐसे में आने वाले कुछ वर्षों में पडरौना के लोगों को जाम से निजात मिलने के साथ ही शहर की तस्वीर बदल जाएगी।

कोट
जिला मुख्यालय स्थित सरस्वती चौक से परसौनी कला स्थित मुख्य पश्चिमी गंडक नहर के पुल तक 8.950 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण कार्य शुरू करा दिया गया है। इसटी जद में आए 1256 किसानों की जमीन को अधिग्रहीत कर लिया गया है। इसमें से 75 फीसदी किसानों को जमीन का मुआवजा देकर उनकी जमीन की रजिस्ट्री करा ली गई है। जो किसान बाहर हैं, उनसे संपर्क कर बुलाया जा रहा है। सभी लोग विकास कार्य से प्रसन्न हैं। सड़क निर्माण कार्य में सहयोग कर रहे हैं। उनके आने पर उनकी भी जमीन की रजिस्ट्री करा ली जाएगी। जिन किसानों को मुआवजा दे दिया गया है, उनकी जमीन पर सड़क निर्माण कार्य शुरू करा दिया गया है। करीब तीन किलोमीटर तक मिट्टी भराई कार्य हो चुका है। शेष निर्माण कार्य भी युद्ध स्तर पर कराए जा रहे हैं। दिसंबर तक बाईपास सड़क का निर्माण कार्य पूरा करा लेने का लक्ष्य है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *