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सुनीता राय
क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी रविंद्र कुमार मिश्रा ने कहा कि राप्ती रिवर फ्रंट की योजना बनी है। इसे यूपी प्रोजेक्ट कारपोरेशन लिमिटेड को दिया गया है। इसके बन जाने से पर्यटक आएंगे। खाने-पीने का सामान उपलब्ध होने से लोगों को रोजगार मिल सकेगा।
अयोध्या में सरयू रिवर फ्रंट की तर्ज पर राप्ती नदी के किनारे राप्ती रिवर फ्रंट बनाने की योजना करीब एक साल पहले तैयार की गई। श्रीराम घाट और श्रीगोरक्ष घाट के किनारे से होकर डोमिनगढ़ तक तीन किलोमीटर की लंबाई में लाल पत्थरों से घाट तैयार किया जाना था।
बोटिंग और फास्ट फूड कोर्ट भी बनना था ताकि पर्यटक आएं और लोगों को घूमने-फिरने लायक एक बेहतर जगह मिल सके। लेकिन अधिकारियों ने इसमें दिलचस्पी ही नहीं दिखाई। इसके चलते सरकार की महत्वाकांक्षी योजना फाइलों में ही कैद होकर रह गई है।
राप्ती नदी की सुंदरता को बढ़ाते हुए गुरु गोरक्षनाथ घाट और रामघाट बनाया गया है। इसके अलावा राप्ती के किनारे रिवर फ्रंट बनाने की तैयारी वर्ष 2022 में की गई। योजना के मुताबिक, गोरक्षनाथ घाट से लेकर तीन किलोमीटर की दूरी तक डोमिनगढ़ तक लाल पत्थरों से घाट बनाया जाना था। इसके बन जाने से जहां नदी के किनारे की खूबसूरती बढ़ जाती, वहीं सुबह और शाम योग के अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होते।
घाटों पर नौकायन, फूड कोर्ट के साथ मनोरंजन के साधन का भी प्रस्ताव था। तब अधिकारियों ने नदी किनारे का जायजा लेकर नदी की गहराई बढ़ाने और पर्यावरण संरक्षण की बात भी कही थी। लेकिन अभी तक इस योजना पर धरातल पर कोई काम ही नहीं हो सका।