सोनभद्र में 4 खनन पट्टाधारकों के विरुद्ध शास्ति तथा खनिमुख मूल्य को किया गया अधिरोपित, 2 खनन पट्टे किये गये निरस्त

उत्तर प्रदेश सोनभद्र

अजीत कुमार सिंह

खनन निदेशक डा० रोशन जैकब के नेतृत्व व निर्देशन में पिछले दिनों निदेशालय के जाँच दलों द्वारा जनपद सोनभद्र में ईमारती पत्थर खनन पट्टा क्षेत्रों की जाँच करते हुए प्रस्तुत जांच आख्या के आधार पर कार्यवाही करने के निर्देश जिला अधिकारी सोनभद्र को दिये गये हैं।निर्देश दिए गए हैं कि 4 पट्टाधारक जिनके द्वारा स्वीकृत क्षेत्र के बाहर अवैध खनन किया गया है, उनसे उत्तर प्रदेश उपखनिज (परिहार) नियमावली – 2021 के अन्तर्गत शास्ति तथा खनिमुख मूल्य को अधिरोपित किया जाय।अधिरोपित धनराशि जमा होने तक खनन कार्य प्रतिबन्धित किया जाय। यह पट्टा धारक बाबा इण्डस्ट्रीज, मेसर्स गणेशाय इन्टरप्राईजेज, मेसर्स सॉई राम इन्टरप्राईजेज व सुरेश चन्द्र गिरी हैं।बताया गया कि निदेशालय स्तर पर परीक्षण में यह तथ्य स्पष्ट हुआ है कि मे० साईराम इण्टर प्राइजेज के पक्ष में स्वीकृत खनन पट्टे की वार्षिक मात्रा 10000 घन मी० प्रति हेक्टेयर है, जो जनपद सोनभद्र में सामान्य रूप से उपलब्ध खनन योग्य मात्रा से अत्यधिक कम है।जिसके फलस्वरूप जहाँ एक ओर शासन को राजस्व की क्षति हो रही है, वहीं दूसरी ओर उक्त क्षेत्र में वृहद स्तर पर अवैध खनन की सम्भावना है। जिला अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे समस्त पट्टा क्षेत्रों को चिन्हित करते हुए उनके निरस्तीकरण की कार्यवाही तत्काल करायी जाय एवं क्षेत्र में उपलब्ध मात्रा का पुनः निर्धारण करते हुए विज्ञापन की कार्यवाही शीघ्र सम्पन्न करायी जाय। पट्टाधारक सुरेश चन्द्र गिरी के पक्ष में स्वीकृत खनन पट्टा क्षेत्र में खान सुरक्षा महानिदेशालय द्वारा सुधारात्मक कार्य हेतु खनन कार्य प्रतिबन्धित होने के पश्चात भी पट्टाधारक द्वारा अवैध खनन किया गया है।इस पट्टे को तत्काल निरस्त कर क्षेत्र में उपलब्ध मात्रा का पुनः निर्धारण कराकर विज्ञापन की कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश खनन निदेशक ने दिये हैं। निर्देशित किया गया है कि जनपद सोनभद्र के समस्त खनन पट्टा क्षेत्रों की एक नियमित अन्तराल पर जाँच करायी जाय।जॉच हेतु “जिला खनिज न्यास निधि” के माध्यम से ड्रोन का उपयोग किया जाय। जॉच के उपरान्त यदि किसी भी पट्टाधारक द्वारा अपने स्वीकृत क्षेत्र के बाहर अवैध खनन की पुनरावृत्ति की जाती है, तब शास्ति अधिरोपित करने के साथ ही पट्टा निरस्तीकरण की कार्यवाही तत्काल की जाय।बताया गया कि यह तथ्य भी संज्ञान में आया है कि वर्ष 2017 से 2021 तक विभिन्न खनन क्षेत्रों में निर्गत एल०ओ०आई० का पर्यावरण स्वच्छता प्रमाण पत्र अभी तक लम्बित है। उदाहरण स्वरूप: मे० चैम्पियन ग्रुप आफ काम्पलेक्स वर्ष – 2018 एवं मे० महाकाल इण्टर प्राइजेज वर्ष 2021 से लम्बित है, जिसे लम्बित रखने में प्रस्तावक की संलिप्तता प्रतीत होती है।निर्देश दिए गए हैं कि इन दोनो पट्टा क्षेत्रों हेतु निर्गत सहमति पत्र को तत्काल निरस्त करते हुए, पुनः विज्ञापन की कार्यवाही की जाय। इसके अतिरिक्त अतिरिक्त जिन पट्टों में अभ्यर्पण प्रार्थना पत्र दिया गया है, ऐसे प्रार्थना पत्रों पर जनपद स्तर से निर्णय न लेकर लम्बे अवधि से लम्बित रखा गया है,जिसके फलस्वरूप मौके पर अवैध खनन की सम्भावना बनी हुई है जैसा कि सी०एस० इन्फ्रा कन्सट्रक्शन लि0 खण्ड संख्या-3 खसरा सं0 7536ग मि० एवं नीलकण्ठ माइनिंग खण्ड संख्या-9, खसरा सं० 5593क ग्राम- बिल्ली मारकुण्डी तहसील ओबरा।

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