सफल समाचार
सुनीता राय
ट्रेनों में अचानक बढ़ी भीड़ ने बहनों को बहुत परेशान किया। रक्षाबंधन पर अपने घर आई बहनें जब लौटीं तो उन्हें ट्रेनों में पैर रखने में भी दिक्कत आई। यहां तक कि जिनकी टिकट कन्फर्म थी, वे भी परेशान रहीं। जनरल बोगी में तो वैसे भी कोई घुसने की हिम्मत नहीं जुटा सकता, लेकिन स्लीपर व थर्ड एसी में भी बैठने के लिए जगह नहीं मिली।
मेगा ब्लॉक ने रेल यात्रियों के सामने बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है। कैंट-कुसम्ही स्टेशन तीसरी लाइन बिछाने के दौरान चल रहे नॉन इंटरलॉकिंग कार्य के चलते गोरखपुर से होकर जाने वाली 55 ट्रेनें निरस्त हैं। करीब 60 हजार यात्रियों का सफर अब मुश्किलों भरा हो गया है। जो ट्रेनें चल रहीं हैं, अब उनमें भीड़ उमड़ पड़ी है।
बृहस्पतिवार की शाम गोरखधाम एक्सप्रेस, बिहार संपर्क क्रांति समेत कई ट्रेनों की जनरल बोगियों में ठसाठस भीड़ थी। स्लीपर बोगी में बहुत सारे लोग जनरल टिकट लेकर घुस गए, जिससे पहले से आरक्षित टिकट कराकर सफर करने वाले परेशान हो गए।
ट्रेनों के निरस्त होने से सबसे ज्यादा दिक्कतें छपरा, गोपालगंज, पश्चिमी चंपारण और आसपास के अन्य जिलों के यात्रियों को हुई है। अब उन्होंने आरक्षित टिकट रद्द कराने के साथ ही आगे की यात्रा जारी रखी है। अब वे लोग बसों से गोरखपुर पहुंच रहे हैं और यहां से ट्रेनों में सवार होकर किसी तरह यात्रा कर रहे हैं। बृहस्पतिवार को दरभंगा से दिल्ली जा रही बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में कुछ लोग कोच की गैलरी से लेकर शौचालय तक बैठे हुए दिखे। कुछ यात्री इमरजेंसी खिड़की से घुसे और कुछ गेट के पास सीढ़ी पर ही बैठकर रवाना हुए।
वहीं पूछताछ केंद्र पर कई यात्री ट्रेनों के बारे में जानकारी हासिल करते रहे। शाम को स्टेशन परिसर में यात्रियों की संख्या बढ़ गई।
जाना मजबूरी है, चाहे जहां जगह मिले
प्लेटफार्म नंबर 9 पर खड़ी गोरखधाम और प्लेटफार्म नंबर-दो पर खड़ी बिहार संपर्क क्रांति में यात्रियों की भीड़ थी। जो ताकतवर थे, वे किसी तरह से धक्का-मुक्की करके जनरल कोच में घुस गए, लेकिन जो नहीं घुस पाए, उन्होंने स्लीपर क्लास की गैलरी में कब्जा कर लिया। गोपालगंज के बृजेश शर्मा, राजेश सिंह, धनंजय आदि ने बताया कि वे लोग दिल्ली में एक फैक्टरी में काम करते हैं। दो सितंबर को वापस जाना था, लेकिन छपरा से आने वाली ट्रेन निरस्त हैं। इसलिए, बृहस्पतिवार को रक्षाबंधन का त्योहार मनाकर चल दिए हैं।