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सुनीता राय
गैलेंट ग्रुप के पीआरओ एवं मीडिया प्रभारी दीपक शर्मा ने बताया कि वैगन को कंपनी ने 55 करोड़ रुपये में खरीदा है। कंपनी को फैक्टरी तक कच्चे माल की ढुलाई में दिक्कत हो रही थी। कई बार वैगन खाली नहीं होने के चलते माल देर से पहुंचता था, जिसका असर उत्पादन पर पड़ रहा था।
इस्पात कंपनी गैलेंट ने सहजनवां स्थित अपनी फैक्टरी तक कच्चे माल की ढुलाई के लिए दो मालगाड़ी की रैक (वैगन का समूह) खरीदी है। इनका संचालन रेलवे करेगी। इससे कंपनी के माल ढुलाई के साथ-साथ मालभाड़े में भी 10 प्रतिशत की छूट मिलेगी। एक मालगाड़ी गैलेंट इस्पात को मिल गई है, जबकि दूसरी तीन महीने बाद मिलेगी। गैलेंट ग्रुप निजी मालगाड़ी का रैक खरीदने वाली उत्तर प्रदेश की पहली इकाई है।
गैलेंट ग्रुप के पीआरओ एवं मीडिया प्रभारी दीपक शर्मा ने बताया कि वैगन को कंपनी ने 55 करोड़ रुपये में खरीदा है। कंपनी को फैक्टरी तक कच्चे माल की ढुलाई में दिक्कत हो रही थी। कई बार वैगन खाली नहीं होने के चलते माल देर से पहुंचता था, जिसका असर उत्पादन पर पड़ रहा था। रेलवे में प्रावधान है कि 15 प्रतिशत अधिक भाड़ा देने पर गुड्स ट्रेन प्राथमिकता पर दी जाती है, इसके बावजूद मालगाड़ी नहीं मिल पाती है। इस बीच रेलवे ने यह स्कीम दी कि यदि फैक्टरी प्रबंधन अपनी मालगाड़ी खरीद कर रेलवे को दें तो उससे कंपनी के माल की ही ढुलाई होगी और किराए में भी 10 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
इसकी जानकारी होने पर कंपनी के प्रबंध निदेशक चंद्रप्रकाश अग्रवाल ने अपनी गुड्स ट्रेन खरीदने का निर्णय लिया। इससे मालभाड़े में बचत के साथ-साथ कच्चा माल और कोयला अपनी जरूरत के अनुसार फैक्टरी में आ सकेगा।