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मनमोहन राय
आगामी नवंबर में संस्कृति संसद का आयोजन काशी में होगा। इसमें देशभर के 600 महामंडलेश्वर व संत जुटेंगे। आयोजन को लेकर लखनऊ के अनौरा कला चिनहट स्थित वेदांत सत्संग आश्रम में अखिल भारतीय संत समिति की राष्ट्रीय कार्यकारिणी हुई। इसमें संस्कृति संसद 2023 को मंजूरी दी गई। तय हुआ कि सनातन की वैश्विक मजबूती के लिए तीन दिन काशी में विमर्श चलेगा। संत गांव-गांव घूमेंगे। संस्कृति संसद में 600 जिलों के 127 संप्रदायों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। काशी में गंगा महासभा द्वारा आयोजित संस्कृति संसद की समाप्ति के बाद 5 नवंबर से 15 जनवरी तक पूरे देश के 5 लाख गांवों में कथा प्रवचन होगा।
रविवार को आयोजित बैठक का उद्घाटन अखिल भारतीय संत समिति के मुख्य निदेशक पंचायती अखाड़ा के महंत ज्ञानदेव सिंह, देवाचार्य, स्वामी हरिहरानंद व अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेन्द्रानंद सरस्वती ने किया। बैठक की अध्यक्षता कर रहे स्वामी जीतेन्द्रानद ने कहा कि दो नवंबर को काशी में संत जुटेंगे। गंगा के दर्शन के बाद रानी अहिल्याबाई होलकर व शंकराचार्य की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद विश्वनाथ मंदिर में महारुद्राभिषेक होगा। हिंदू धर्म पर हमला करने वालों की आलोचना करते हुए बिहार के शिक्षामंत्री चंद्रशेखर यादव, स्वामी प्रसाद मौर्य और कर्नाटक के साहित्यकार सीबी भगवानदास को जॉर्ज सोरोस के ही टूलकिट का हिस्सा बताया। कहा कि हमारे देश के कुछ लोग जॉर्ज सोरोस की गुलामी में लीन होकर हिंदू धर्म पर हमला करने में लगे हैं। इस मौके पर विहिप के केंद्रीय मंत्री अशोक तिवारी ने राम मंदिर के लोकार्पण में देश के सभी संतों को आमंत्रित किया।
मंदिर में प्रतिमा से छेड़छाड़ के मामले में बर्खास्तगी
गुजरात में स्वामी नारायन संप्रदाय के एक मंदिर में भगवान शंकर, मां पार्वती और बजरंग बली की प्रतिमा से छेड़छाड़ का मामला उठा। इस पर स्वामीनारायण संप्रदाय के आचार्य नौतन स्वामी को गुजरात प्रदेश अध्यक्ष पद से बर्खास्त किया गया। कहा गया कि सनातन धर्म के मान्य परंपरा के विरुद्ध आचरण करने वाले को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
आक्रोशित संतों की मांग, बर्खास्त हो तमिलनाडु सरकार
समिति ने एक स्वर में तमिलनाडु सरकार को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की। वहां चलाए जा रहे हिंदू मुक्ति अभियान का तत्काल संज्ञान लेने का आग्रह किया और राष्ट्रपति से सरकार को बर्खास्त करने की अपील की। अखिल भारतीय संत समिति की बैठक में सर्वसम्मति से ये प्रस्ताव पारित किया गया। कहा गया कि तमिलनाडु में 85 हजार सनातन धर्म के मंदिर हैं। वहां लाखों की हिंदू आबादी है, आखिर स्टालिन की सरकार सनातन धर्म उन्मूलन सम्मेलन का आयोजन करके क्या संदेश देने की कोशिश कर रही है।