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सुनीता राय
गोरखपुर जिला अस्पताल के सिस्टर इंचार्ज राजेंद्र शुक्ल जिंदा है। इसकी रिपोर्ट बुधवार को शासन को भेजी गई। मानव संपदा ने उन्हें मृत दर्शा दिया था। इस गलती के कारण उनका वेतन जारी नहीं हो पा रहा है। अस्पताल प्रशासन ने इसमें सुधार की मांग करते हुए शासन को ई-मेल से सूचना दी है।
स्वास्थ्य विभाग में कर्मचारियों की उपस्थिति के लिए बना मानव संपदा पोर्टल नियमित तौर पर अपडेट नहीं हो रहा है। इस वजह से ट्रांसफर के बाद उन्हें नई जगह पर जाने में दिक्कत हो रही है। जिला अस्पताल के एक कर्मचारी को इसी वजह से तीन महीने से वेतन नहीं मिल पा रहा है।
जिला अस्पताल के सिस्टम इंचार्ज राजेंद्र शुक्ल को मानव संपदा में मृत दर्शाने का मामला चर्चा में है। इसके अलावा देवरिया की ही एक महिला कर्मचारी और एडी हेल्थ कार्यालय के एक कर्मचारी का प्रकरण भी सामने आया है।
वेतन रुकने के बाद कर्मचारियों ने अफसरों को याद दिलाया तो गड़बड़ी दुरुस्त करने की प्रक्रिया शुरू की गई। बुधवार को जिला अस्पताल प्रशासन ने शासन को ईमेल भेजकर बताया कि सिस्टर इंचार्ज जीवित हैं। वह ड्यूटी कर रहे हैं। मानव संपदा पोर्टल पर उन्हें मृत दर्शाया गया है। इस गलती के कारण उनका वेतन जारी नहीं हो पा रहा।
गोरखपुर जिला अस्पताल में सिस्टर इंचार्ज के पद पर तैनात राजेन्द्र शुक्ला की प्रतिनियुक्ति जून में देवरिया मेडिकल काॅलेज से समाप्त हो गई तो उन्होंने स्वास्थ्य महानिदेशालय में ज्वाइन किया। जहां से जुलाई में जिला अस्पताल ज्वाइन किया, लेकिन मानव संपदा पोर्टल पर डेटा अपडेट नहीं किया गया। ऐसे ही एडी हेल्थ कार्यालय में भी एक कर्मचारी को निलंबित की जगह मृत दिखा दिया गया। जुलाई में इस कर्मचारी को शासन ने बहाल कर दिया था।