पूर्वोत्तर रेलवे के गोरखपुर कैंट व कुसम्ही स्टेशन के बीच बिछाई गई तीसरी लाइन ट्रायल सफल, 120 किमी की रफ्तार से दौड़ी सीआरएस स्पेशल

उत्तर प्रदेश गोरखपुर

सफल समाचार 
 सुनीता राय 

 

पूर्वोत्तर रेलवे के गोरखपुर कैंट व कुसम्ही स्टेशन के बीच बिछाई गई तीसरी लाइन पर स्पीड ट्रायल सफल रहा। उत्तर पूर्व सर्किल के मुख्य संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) मनोज अरोड़ा व अन्य रेल अधिकारियों की मौजूदगी में शाम करीब सात बजे सीआरएस स्पेशल ट्रेन 120 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ी।

संरक्षा के सभी मानकों पर खरा पाए जाने के बाद सीआरएस ने 90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनों को चलाने की हरी झंडी दे दी। इसके बाद मेगा ब्लॉक भी हटा दिया गया। तीसरी लाइन पर देर रात से ट्रेनें चलने लगेंगी। 13 सितंबर तक निरस्त की गईं आठ ट्रेनों को छोड़कर मंगलवार से इस रूट पर अन्य सभी ट्रेनें अपने पूर्व निर्धारित समय से चलाई जाएंगी।

गोरखपुर जंक्शन से गुजरने वाली ट्रेनों को अतिरिक्त लाइन की सुविधा दिलाने के लिए डोमिनगढ़ स्टेशन से कुसम्हीं स्टेशन तक तीसरी लाइन बिछाई जानी है। इस परियोजना के दूसरे चरण में कुसम्ही से गोरखपुर कैंट के बीच नाॅन इंटरलाॅकिंग का काम चल रहा था। सोमवार को काम पूरा होने के बाद सीआरएस ने सबसे पहले गोरखपुर जंक्शन और गोरखपुर कैंट के मध्य पुल संख्या 176 का निरीक्षण किया।

इसके बाद गोरखपुर कैंट रेलवे स्टेशन पर तीसरी नई विद्युतीकृत रेल लाइन के मानक के अनुरूप संरक्षा अभिलेखों, यार्ड प्लान, स्टेशन वर्किंग रूल, प्लेटफार्म क्लियरेंस, पॉइंट क्रासिंग, सिगनलिंग, फाउलिंग मार्क, पैनल इंटरलॉकिंग, बैटरी रूम, रिले रूम को देखा।

गोरखपुर कैंट-कुसम्ही रेलखंड को जोड़ने वाली लाइन के ट्रेलिंग प्वाइंट का निरीक्षण किया। स्टेशन मास्टर से सवाल पूछे और रेल लाइनों की सुरक्षा की जानकारी ली। इसके बाद मोटर ट्राली से गोरखपुर कैंट-कुसम्ही रेल खंड पर नवनिर्मित तीसरी लाइन का निरीक्षण करते हुए कर्वेचर संख्या-3 ए एवं 3 बी पर पहुंचे और कर्व के इंडेंट एवं ओवर हेड ट्रैक्शन पर अभिकेन्द्र त्वरण का मापन किया। इस दौरान उन्होंने समपार फाटक सं-115 सी का निरीक्षण किया और गेटमैन से भी सुरक्षा संबंधित सवाल पूछे।

गोरखपुर कैंट-कुसम्ही रेलखंड को जोड़ने वाली लाइन के ट्रेलिंग प्वाइंट का निरीक्षण किया। स्टेशन मास्टर से सवाल पूछे और रेल लाइनों की सुरक्षा की जानकारी ली। इसके बाद मोटर ट्राली से गोरखपुर कैंट-कुसम्ही रेल खंड पर नवनिर्मित तीसरी लाइन का निरीक्षण करते हुए कर्वेचर संख्या-3 ए एवं 3 बी पर पहुंचे और कर्व के इंडेंट एवं ओवर हेड ट्रैक्शन पर अभिकेन्द्र त्वरण का मापन किया। इस दौरान उन्होंने समपार फाटक सं-115 सी का निरीक्षण किया और गेटमैन से भी सुरक्षा संबंधित सवाल पूछे।

ये अफसर रहे मौजूद                                    
इस सीआरएस निरीक्षण के दौरान पूर्वाेत्तर रेलवे के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी निर्माण एससी श्रीवास्तव, मंडल रेल प्रबंधक लखनऊ आदित्य कुमार, मंडल रेल प्रबंधक वाराणसी विनीत कुमार श्रीवास्तव, अपर मंडल रेल प्रबंधक (इंफ्रा) वाराणसी राहुल श्रीवास्तव, मुख्य इंजीनियर निर्माण एसके कन्नौजिया, मुख्य इंजीनियर निर्माण अखिलेश कुमार त्रिपाठी, मुख्य विद्युत डिजाइन इंजीनियर निर्माण सुरेश कुमार, मुख्य सिगनल एवं दूर संचार इंजीनियर निर्माण नीलाभ महेश सहित लखनऊ एवं वाराणसी मंडल के मंडलीय एवं निर्माण संगठन के वरिष्ठ मौजूद रहे।

तीसरी लाइन बनने से ये होंगे फायदे
तीसरी लाइन के निर्माण से ट्रेनों को चलाने के लिए एक वैकल्पिक मार्ग तैयार हो गया है। कैंट स्टेशन पर आने वाली ट्रेनों को सिगनल के अभाव में रोका नहीं जाएगा। वे फर्राटा से आगे बढ़ जाएंगी। इससे ट्रेनों के समय पालन में सुधार होगा। इसके साथ ही इस रेल खंड पर चलने वाली मालगाड़ियों को भी समय से आगे बढ़ने का रास्ता मिलेगा, जिससे व्यावसायिक गतिविधियां भी बढ़ेंगी।

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