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शेर मोहम्मद
देवरिया। लखनऊ में एनआईए ने किसान नेता राजेश आजाद से दूसरे दिन मंगलवार को भी पूछताछ की। पहले उनसे एनआईए के अफसर ने पूछताछ जानकारी ली। पूछा कि कहां-कहां पढ़े हैं, किससे-किससे रिश्ते हैं। घर परिवार के लोग क्या करते हैं, कितनी खेती-बारी है। किन- किन संगठनों से जुड़कर काम करते हैं।
मंगलवार सुबह करीब 11:30 बजे राजेश आजाद से एनआईए ने पूछताछ शुरू की, जो देर रात चलती रही। इसके अलावा कुशीनगर निवासी अधिवक्ता कृपाशंकर, चंदौली निवासी रितेश और वाराणसी की आकांक्षा से एनआईए ने पूछताछ की। इन लोगों से कई बार जानकारी ली गई। एनआईए ने पांच सितंबर को शहर के उमानगर निवासी जनवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव डाॅ. रामनाथ चौहान के घर छापा मारा था। जहां पर उनके पुत्र राजेश चौहान और उनकी पत्नी से करीब नौ घंटे तक पूछताछ कर टीम वापस चली गई थी। इसके बाद राजेश को सोमवार को तलब किया गया था।
इसके बाद फिर से मंगलवार को पूछताछ का दौर देर रात तक चलता रहा है। सूत्रों के मुताबिक नक्सल मूवमेंट से जुड़े प्रतिबंधित संगठन को फिर से खड़ा करने की कोशिश करने के बारे में एनआईए को इनपुट मिला था। जिसके तहत कई फ्रंटल संगठनों व छात्र शाखाओं को यह काम दिया गया है। एनआईए को भनक लगी है कि इसमें रितेश विद्यार्थी, कृपाशंकर और राजेश आजाद की भी भूमिका हो सकती है। जबकि दूसरी तरफ राजेश आजाद ने एनआईए को प्रार्थना पत्र देकर बताया है कि उनका किसी भी समाज विरोधी संगठन से कोई लेना देना नहीं है। उनकी अपनी अलग विचारधारा है। उन्हें बेवजह परेशान किया जा रहा है। उनके पिता ने बताया कि राजेश पुत्र किसान नेता हैं। आजमगढ़ खिरियाबाग के आंदोलन से जुड़ा होने के कारण परेशान किया जा रहा है।