देर रात तक चलती रही पूछताछ…कुछ रेलकर्मियों को भी फाइलों के साथ लेकर पहुंची दूसरी टीम

उत्तर प्रदेश गोरखपुर

सफल समाचार 
सुनीता राय 

रात में एक गाड़ी से टीम ने मंगवाया भोजन, परिसर में जाने की इजाजत किसी को नहीं मिली

गोरखपुर। पूर्वोत्तर रेलवे के प्रमुख मुख्य कारखाना प्रबंधक के कौवाबाग सरकारी आवास पर सीबीआई की एसीबी टीम मंगलवार की देर रात तक जमी रही। आवास को अंदर से बंद कर लिया गया था और दस्तावेजों की जांच-पड़ताल होती रही। रात करीब सवा दस बजे एक चार पहिया वाहन से एसीबी की दूसरी टीम भी पहुंच गई जिसमें जांच अधिकारियों के अलावा दो रेलकर्मी भी थे, जिनके पास फाइलें थीं। कुछ देर बाद एक बाइक से दो लोग पहुंचे और उनके पीछे एक गाड़ी से भोजन भी मंगाया गया। आवास के बाहर बहुत सारे लोग भी पहुंच गए थे।

सीबीआई की एसीबी टीम प्रमुख मुख्य कारखाना प्रबंधक को लेकर रेलवे स्थित उनके दफ्तर पर पहुंची थी। करीब दो घंटे तक जांच-पड़ताल की गई। कई सबूत एकत्र किए गए। शाम 5.20 बजे रिश्वत लेने के आरोपी केसी जोशी को टीम के सदस्य एक गाड़ी से उनके आवास पहुंचे। लगातार पूछताछ होती रही। उधर, दूसरी टीम दफ्तर में मौजूद रही। रात सवा दस बजे दूसरी टीम भी आ गई। यूपी 53 डी 4932 नंबर की इनोवा क्रिस्टा गाड़ी में ढेर सारी फाइलें भी थीं। लग्जरी कार से चालक समेत पांच लोग और थे जो सीधे सरकारी आवास में चले गए। किसी को अंदर जाने की इजाजत नहीं थी। रेलवे की विजिलेंस टीम भी आसपास मौजूद रही। देर रात तक पूछताछ जारी रही।

इस तरह से चला घटनाक्रम
दोपहर दो बजे: कौवाबाग के सरकारी बंगला नंबर 23 में सूक्ति फर्म का कर्मचारी रुपये लेकर पहुंचा था
दोपहर 2.50 बजे : आवास से रंगेहाथ ही सीबीआई की पांच सदस्यीय टीम ने प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक केसी जोशी को पकड़ लिया
दोपहर 03.50 बजे : केसी जोशी को लेकर सीबीआई की टीम रेलवे स्थित उनके दफ्तर पर पहुंची, करीब दो घंटे तक जांच की गई
शाम 5.20 बजे: आरोपी अधिकारी केसी जोशी को लेकर सीबीआई की टीम वापस सरकारी आवास पर आ गई
शाम 5.25 बजे: दरवाजा बंद कर दिया गया और किसी के आने जाने की अनुमति नहीं थी
रात 10.15 बजे: एक लोकल नंबर लगे लग्जरी कार से चालक समेत पांच लोग और आए, सीधे सरकारी आवास में गए
रात 10.25 बजे : एक बाइक से दो लोग और आए, वह भी सीधे सरकारी आवास में चले गए
रात 10.35 बजे : फिर एक लग्जरी कार आई, बताया जा रहा है कि उसमें भोजन था और वह तत्काल वापस चली गई, देर रात तक जांच जारी रही

पहले भी खरीद में मिली थी गड़बड़ी, उप मुख्य सामग्री प्रबंधक हटाए गए थे
गोरखपुर। पूर्वोत्तर रेलवे स्टोर डिपो और यांत्रिक कारखाने में सामानों की खरीद-फरोख्त में पहले भी गड़बड़ी मिली थी। जिसकी शिकायत पर दिल्ली की विजिलेंस टीम ने पूर्वोत्तर रेलवे के स्टोर डिपो और यांत्रिक कारखाने में फाइलों की पड़ताल की थी। रिपोर्ट आने के बाद 14 अप्रैल 2023 को उप मुख्य सामग्री प्रबंधक ऋतुराज सिंह को रेलवे बोर्ड ने हटा दिया था। उनका तबादला चेन्नई कर दिया गया था। उस वक्त भी प्रमुख मुख्य कारखाना प्रबंधक भी आरोपों के घेरे में थे।

जानकारी के मुताबिक, स्टोर में एक ही एजेंसी से 77 आइटम की खरीद की गई थी। इसकी शिकायत रेलवे बोर्ड में की गई। शिकायतकर्ता ने यह भी कहा था कि स्थानीय स्तर पर जांच हुई तो सही रिपोर्ट सामने नहीं आएगी। जिसके बाद दिल्ली की विजिलेंस टीम को इसमें लगाया गया। टीम ने पूर्वोत्तर रेलवे के स्टोर डिपो और यांत्रिक कारखाने में फाइलों की पड़ताल की थी। पड़ताल में खरीद में अनियमितता मिली थी। टीम ने पाया था कि 77 आइटम की खरीद एक ही एजेंसी से की गई थी। इसके साथ ही जांच के दौरान अधिकारियों के लिए उपलब्ध निजी वाहनों में भी गड़बड़ियां सामने आई थी। फर्म से नामित चालक अधिकारियों के बंगले पर कार्य करने का मामला भी प्रकाश में आया था। विजिलेंस की जांच के एक महीने के अंदर स्टोर के उप मुख्य सामग्री प्रबंधक का तबादल चेन्नई कर दिया गया था।

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