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मनमोहन राय
दो पूर्व व वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सलाहकार और कोलंबिया विश्वविद्यालय यूएसए के साउथ एशिया प्रोग्राम के निदेशक पद्मश्री (डॉ) निरुपम बाजपेयी ने उत्तर प्रदेश के विकास पर चर्चा की और कहा कि यहां अप्रत्याशित सुधार हुआ है। प्रदेश में दुनिया भर के निवेशकों को खींचने की क्षमता है।
दो पूर्व व वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सलाहकार और कोलंबिया विश्वविद्यालय यूएसए के साउथ एशिया प्रोग्राम के निदेशक पद्मश्री (डॉ) निरुपम बाजपेयी ने उत्तर प्रदेश के कायाकल्प पर हैरानी जतायी है। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था और बुनियादी विकास में अप्रत्याशित सुधार ने यूपी की छवि बदल दी है, आज के उत्तर प्रदेश में पूरी दुनिया के निवेशकों को खींचने की क्षमता है। वैश्विक निवेश सम्मेलन (जीआईएस) में आए निवेश पर बाजपेयी ने कहा कि ये मायने नहीं रखता कि निवेश कितना आया बल्कि अहमियत इस बात की है कि आपका लक्ष्य और सोच कितनी दूरदर्शी है। उन्होंने कहा कि आज सारा देश और दुनिया के तमाम मुल्क यूपी की तरफ देख रहे हैं और बात कर रहे हैं। जी-20 सम्मेलन में शिरकत करने भारत आए डॉ. निरुपम ने लखनऊ में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के युवा उद्यमियों से रूबरू होने से पहले अमर उजाला से विभिन्न मुद्दों पर खास बातचीत की।
डॉ. निरुपम ने कहा कि 23 करोड़ की आबादी वाला उत्तर प्रदेश अगर अलग मुल्क होता तो दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा देश होता। उन्होंने कहा कि यूपी में सरकार चलाना आसान नहीं है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी में बहुत बदलाव आए हैं क्योंकि व्यवस्थाएं हमेशा ऊपर से ही ठीक होती हैं। ऊपर वाला सही तो नीचे का सिस्टम स्वत: ही सुधरने लगता है।
बाजपेयी ने कहा कि विकास की पहली शर्त होती है- कानून व्यवस्था और बुनियादी विकास। यूपी की छवि आज सख्त सुशासन और एयरपोर्ट, एक्सप्रेस वे, हाइवे वाले राज्य के रूप में तब्दील हो गई है। दस खरब डालर की अर्थव्यवस्था का राज्य बनाने के लक्ष्य पर डॉ. निरुपम ने कहा कि चार गुना लक्ष्य को हासिल करना चुनौती है, लेकिन इससे सरकार की इच्छाशक्ति का पता चलता है।
बड़ी सोच, निवेश से ज्यादा बड़ी बात
डॉ. निरुपम ने वैश्विक निवेश सम्मेलन पर कहा कि बड़ी सोच निवेश से ज्यादा बड़ी है, जिसकी पहल की गई। ये पहली सरकार है जो अपना लक्ष्य तय कर काम कर रही है। रोजगार को लेकर बोले कि सरकार का काम नौकरी देना नहीं बल्कि नौकरी के लिए माहौल तैयार करना है। नौकरी देना तो निजी सेक्टर का काम है। जिस दिशा में प्रदेश सरकार ने काम शुरू किया है। उन्होंने कहा कि यूपी खुद में एक विशाल बाजार है, इसलिए यहां उत्पादन पर खास जोर देना चाहिए।
कौन हैं डॉ. निरुपम
लखनऊ के मूल निवासी पद्मश्री (डॉ) निरुपम बाजपेयी कोलंबिया विश्वविद्यालय न्यूयार्क में सतत विकास विषय के सलाहकार हैं। दक्षिण एशिया मामलों के निदेशक डॉ. बाजपेयी मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी व हार्वर्ड यूनिवर्सिटी (अमेरिका) में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। 1999 से 2004 तक वह पूर्व पीएम भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी और 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सलाहकार रहे। वर्ष 2014 से वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सलाहकार हैं।