गोरखपुर शहर में सैरसपाटे के लिए जल्द ही एक और जगह शहरवासियों को मिल जाएगी

उत्तर प्रदेश गोरखपुर

सफल समाचार 
सुनीता राय 

डीएफओ विकास यादव ने बताया कि दो करोड़ रुपये इस मद में स्वीकृत होने हैं। इसमें 1.40 करोड़ रुपये जारी हो गए हैं। इससे सिटी फॉरेस्ट में दो किलोमीटर पाथ वे, दो सोवर वाटर पंप लगाए गए हैं। इससे सिंचाई का काम किया जाना है। इसके अलावा 40 हजार विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगाए गए हैं।

गोरखपुर शहर में सैरसपाटे के लिए जल्द ही एक और जगह शहरवासियों को मिल जाएगी। शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान (चिड़ियाघर) के पास जीडीए से मिली 150 एकड़ भूमि को वन विभाग हरे-भरे प्राकृतिक पार्क के रूप में विकसित कर रहा है। वन विभाग की तरफ से करीब 40 हजार पौधे लगाए गए हैं। इन पेड़-पौधों का संरक्षण करने के साथ ही वन विभाग इसे माॅर्निंग वॉक और नेचर वाॅक पार्क के तौर पर तैयार कर रहा है। साथ ही पीपल, पाकड़, नीम जैसे औषधीय पौधों का रोपण कर इसे और हरा-भरा बनाया जाएगा।

डीएफओ विकास यादव ने बताया कि दो करोड़ रुपये इस मद में स्वीकृत होने हैं। इसमें 1.40 करोड़ रुपये जारी हो गए हैं। इससे सिटी फॉरेस्ट में दो किलोमीटर पाथ वे, दो सोवर वाटर पंप लगाए गए हैं। इससे सिंचाई का काम किया जाना है। इसके अलावा 40 हजार विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगाए गए हैं।

बताया कि जीडीए से मिली भूमि चिड़ियाघर के साथ ही रामगढ़ ताल से सटी हुई है। रामगढ़ ताल और चिड़ियाघर के 34 एकड़ क्षेत्र में फैले वेटलैंड में पहले से ही बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी आते रहते हैं। वन विभाग इस भूमि के वेटलैंड में कृत्रिम पहाड़ बनाकर और विभिन्न प्रजातियों के पौधों का रोपण कर प्रवासी पक्षियों के ठहराव के लिए उपयुक्त माहौल तैयार करेगा। ताकि, ऊंचाई पर रिहाइश बनाने वाले पक्षियों को यहां अनुकूल माहौल मिल सके।

चारों तरफ हो गई है बाड़बंदी
प्रभागीय वनाधिकारी विकास यादव ने बताया कि पक्षियों के लिए उपयुक्त माहौल बनाने के साथ ही भूमि के चारों तरफ बाड़बंदी कर प्रकृतिप्रेमियों के लिए नेचर वॉक की सुविधा भी विकसित की गई है। उन्होंने बताया कि जीडीए ने यह भूमि वन विभाग को संरक्षण और अनुरक्षण के लिए हस्तांतरित की है। उम्मीद है कि विकसित किया जाने वाला पार्क अगले साल तक अपने स्वरूप में आ जाएगा।

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