सफल समाचार
शेर मोहम्मद
देवरिया। जिला मुख्यालय और कस्बा के चौक चौराहों पर पंजीकृत अस्पताल भी मानकों की अनदेखी कर रहे हैं। जिलाधिकारी की जांच में इसका खुलासा हुआ है। इन अस्पतालों में हर रोज सैकड़ों की संख्या में मरीज और तीमारदार आते हैं, पर आग से बचाव के लिए इंतजाम नहीं है। इसकी जांच के लिए गठित समिति की रिपोर्ट के आधार शनिवार को राघव नगर मोहल्ला स्थित एक अस्पताल का पंजीकरण निलंबित करते हुए अस्पताल को सीज कर दिया गया है।
16 अगस्त को जिलाधिकारी अखंड प्रताप सिंह, एसपी संकल्प शर्मा और सीएमओ डॉ. राजेश झा ने शहर के राघव नगर स्थित पल्स हॉस्पिटल का निरीक्षण किया था। इसके बाद अस्पताल की जांच के लिए समिति गठित किया। उप जिलाधिकारी सदर योगेंद्र कुमार की अध्यक्षता में उप मुख्य चिकित्साधिकारी, औषधि निरीक्षक, अवर अभियंता विनियमित क्षेत्र, सदर, स्थानीय पुलिस एवं अग्निशमन अधिकारी ने जांच की। इसमें यह बात सामने आई कि सुरेंद्र राव एवं ब्रजेश, अनिल, प्रभाकर, दिवाकर ने अलग-अलग दो आवासीय निर्माण मानचित्र अगस्त 2020 को स्वीकृत कराया गया है, पर इसके विपरीत दोनों भूखंडों को शामिल कर पल्स हॉस्पिटल का निर्माण बिना किसी स्वीकृति के किया गया है, जिसके विरुद्ध आरबीओ एक्ट के तहत कार्रवाई की गई तथा भवन स्वामी को नाेटिस जारी किया गया। निरीक्षण में यह भी सामने आया कि निर्मित भवन में पल्स हॉस्पिटल के पंजीकरण के नियमों का पालन नहीं हो रहा था। वहीं, अग्निशमन द्वितीय अधिकारी राजमंगल सिंह ने भी फायर एनओसी न होने की बात बताई थी। इस पर अस्पताल का पंजीकरण निलंबित कर सीज कर दिया गया।
जिले में बिना एनओसी के चल रहे हैं अस्पताल
देवरिया। जिले में पंजीकृत अस्पताल मानकों की अनदेखी कर संचालित हो रहे हैं। 95 अस्पताल और क्लीनिक में सिर्फ 42 के पास फायर एनओसी है। इतना ही नहीं हकीकत यह है कि जिले में करीब 150 अस्पताल और क्लीनिक ऐसे हैं, जिनके पास अग्निशमन यंत्र नहीं हैं। जिस भवन में संचालित हो रहे हैं वह मानक के अनुरूप नहीं हैं। आवासीय भवनों में अस्पताल संचालित हो रहे हैं। कई जगह सकरी गलियों में होने के कारण फायर की गाड़ी भी नहीं पहुंच पाएगी। सूत्रों की बातों पर गौर किया जाए तो ऐसे अस्पताल संचालक दलालों की मिलीभगत से अपना धंधा उम्दा किए हुए हैं