सफल समाचार
सुनीता राय
गोरखपुर जिले के सरकारी एंबुलेंस के प्रोग्रामिंग मैनेजर अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि शिकायत मिलने के 24 घंटे के भीतर एंबुलेंस चालक व ईएमटी को निष्कासित कर दिया गया है। आगे भी किसी एंबुलेंस कर्मी के खिलाफ कोई शिकायत मिलेगी तो तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
बीआरडी मेडिकल काॅलेज कैंपस में एंबुलेंस खड़ी करके एक मरीज के तीमारदार से सांठगांठ के आरोप में पकड़े जाने पर चालक व ईएमटी की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। दोनों को कॉलेज के सीएमएस ने पकड़कर पुलिस को सौंपा था। मेडिकल काॅलेज पुलिस चौकी इंचार्ज विवेक कुमार मिश्र की शिकायत पर गोरखपुर जिले के प्रोग्रामिंग मैनेजर अनुराग श्रीवास्तव ने 24 घंटे के भीतर दोनों एंबुलेंस कर्मियों की सेवा समाप्त कर दी है।
जानकारी के मुताबिक, शनिवार की अपराह्न तीन बजे कैंपियरगंज सीएचसी से एक मरीज लेकर सरकारी एंबुलेंस का ड्राइवर राकेश गुप्ता और ईएमटी सुरेश मेडिकल कालेज आए थे। मेडिकल कॉलेज कैंपस में मुख्य गेट के पास वे एक मरीज के तीमारदार से बात कर रहे थे। इसी दौरान मेडिकल कॉलेज के नेहरू चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक पहुंचे और दोनों से पूछताछ की।
मेडिकल कॉलेज से मरीजों को प्राइवेट अस्पताल भेजने वालों का नेटवर्क चल रहा है। इन दोनों से पूछताछ में भी मरीज को किसी अन्य प्राइवेट अस्पताल भेजने की बात सामने आई थी। इसके बाद सीएमएस ने चालक व ईएमटी को पकड़वाकर मेडिकल काॅलेज पुलिस चौकी को सौंप दिया। मेडिकल कॉलेज पुलिस चौकी इंचार्ज विवेक मिश्रा ने पूछताछ की तो आरोपियों ने बताया कि वे लोग लखनऊ रेफर किए गए मरीजों के तीमारदारों से सेटिंग करते हैं और रास्ते में सुनसान जगह देखकर प्राइवेट अस्पताल के एंबुलेंस में शिफ्ट कर देते हैं। इसके बदले अपनी कमाई कर लेते हैं।
पूछताछ में चौंकाने वाले तथ्य सामने आने के बाद चौकी इंचार्ज विवेक कुमार मिश्र ने इस मामले की जानकारी सरकारी एंबुलेंस के हेड ऑफिस को दी थी। यह मामला सरकारी एंबुलेंस संचालन करने वाली कंपनी के नोडल अधिकारी लखनऊ शशांक त्रिपाठी तक पहुंची तो उन्होंने तत्काल इस पर कार्रवाई के निर्देश दिए।