समाजवादी पार्टी से जुड़ने के बाद वह एक विवादित जमीनों की खरीद-फरोख्त में चर्चा में रहता था

उत्तर प्रदेश देवरिया

सफल समाचार 
शेर मोहम्मद 

 

फतेहपुर के अभयपुर टोला निवासी प्रेम यादव की राजनीतिक दखल अच्छी थी। समाजवादी पार्टी से जुड़ने के बाद वह एक बार जिला पंचायत सदस्य चुना गया। जमीनों की खरीद-फरोख्त में सक्रिय प्रेम हमेशा विवादों में रहा है। जमीन पर काबिज होने के लिए धन-बल के साथ उसके सियासी संपर्क भी काम आते थे।

देवरिया हत्याकांड में जान गंवाने वाले प्रेम को लेकर क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चा है। बताया जाता है कि जमीनों की खरीद-फरोख्त में सक्रिय प्रेम हमेशा विवादों में रहा है। जमीन पर काबिज होने के लिए धन-बल के साथ उसके सियासी संपर्क भी काम आते थे।

जघन्य हत्याकांड के बाद उस पर विवाद में पड़ी कई महंगी जमीनों को कम दाम में खरीदकर दबंगई से कब्जा करने के आरोप लग रहे हैं। गांव वालों के अनुसार प्रेम ने शहर के रुद्रपुर मोड़ स्थित तीन कट्ठा विवादित जमीन खरीदी थी। इसको लेकर पंचायत भी हुई थी।

गांव वालों ने पूर्व जिला पंचायत सदस्य पर एक सरकारी शिक्षण संस्थान और ग्राम सभा की जमीन पर कब्जा कर आलीशान भवन खड़ा करने का आरोप लगाया। बताया कि अपने जिला पंचायत सदस्य रहते प्रेम ने दबंगई दिखाकर गांव की करीब एक एकड़ सरकारी भूमि पर कब्जा कर लिया। 

गांव स्थित मानस विद्यालय के नाम से राजस्व अभिलेख में दर्ज जमीन पर भी प्रेम का कब्जा है। यहां वन विभाग, स्कूल और ग्राम सभा की जमीन में घुसपैठ कर उसने तीन मंजिला भवन खड़ा कर लिया। वहीं, गांव में जीएस स्कूल और खलिहान के नाम से दर्ज करीब एक एकड़ भूमि पर भी उसी का कब्जा बताया जा रहा है। 

कब्जे के इस खेल राजस्व कर्मियों की मिलीभगत भी सामने आ रही है। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि रामाशीष निषाद ने कहा कि ग्राम सभा में सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटवाने के लिए राजस्व विभाग में कई बार आवेदन दिया गया, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई।
 
समाजवादी पार्टी से राजनीतिक दखल बढ़ी तो प्रेम ने शुरू कर दिया जमीन का धंधा
फतेहपुर के अभयपुर टोला निवासी प्रेम यादव की राजनीतिक दखल अच्छी थी। समाजवादी पार्टी से जुड़ने के बाद वह एक बार जिला पंचायत सदस्य चुना गया। वहीं, उनकी मां ग्राम प्रधान भी रह चुकी हैं। राजनीतिक पकड़ बढ़ी तो प्रेम जमीन के धंधे में लग गया।

इस दौरान ही उसकी नजर गांव के लेहड़ा टोला निवासी सत्यप्रकाश दूबे के भाई ज्ञानप्रकाश दूबे के हिस्से की जमीन पर पड़ गई। ज्ञान प्रकाश का अपना कोई परिवार नहीं है। ऐसे में वह प्रेम यादव के साथ ही रहने लगे। वर्ष 2014 में प्रेम ने उनकी जमीन का बैनामा करा लिया। यह जमीन ही पूरे कांड की वजह बनी।

जमीन का बैनामा होने के बाद ज्ञानप्रकाश के बड़े भाई सत्यप्रकाश से प्रेम की अदावत शुरू हो गई। तहसील और दीवानी न्यायालय में सत्यप्रकाश और प्रेम के बीच मुकदमेबाजी चलने लगी। इस बीच प्रेम ने विवादित जमीन पर कब्जा कर लिया। पूर्व जिला पंचायत सदस्य इस जमीन के मामले को सुलझाने के लिए ही सोमवार को सत्यप्रकाश के घर गया था। इसके बाद ही कुछ ऐसा हुआ जिसमें छह लोगों की हत्या हो गई।

पूरे परिवार की जिम्मेदारी उठाऊंगा : शलभ
फतेहपुर की घटना में इंसाफ को अंजाम तक पहुंचाने के लिए मंगलवार को सदर विधायक शलभ मणि त्रिपाठी ने भटवलिया स्थित जनसंपर्क कार्यालय पर घटना के पीड़ित स्व. सत्य प्रकाश दूबे के बेटे देवेश दूबे व समाज के प्रबुद्धजनों, अधिवक्ताओं, वरिष्ठों व नौजवानों के साथ देर रात तक बैठक की। सभी ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और इस परिवार की पूरी जिम्मेदारी उठाने का संकल्प लिया। 

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