कुशीनगर:- बच्चा बदलने के आरोप में निजी अस्पताल के चिकित्सक को कोतवाली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने का मामला तूल पकड़ने लगा है। शुक्रवार की सुबह आइएमए के आह्वान पर जिले के निजी हास्पिटल बंद कर चिकित्सक सड़क पर उतर गए।
दूसरी ओर चिकित्सकों के दबाव के चलते पुलिस ने गिरफ्तार चिकित्सक को निजी मुचलके पर छोड़ दिया।
यह है मामला
आइएमए के अध्यक्ष डा. जीपी राय व महामंत्री डा. योगेश्वर मद्धेशिया के नेतृत्व में चिकित्सक सबसे पहले एसपी कार्यालय पहुंचे और एसपी धवल जायससवाल से मुलाकात कर मामले की जांच की मांग की। इसके बाद चिकित्सक सीएमओ कार्यालय पहुंचे, जहां उनके मौजूद न रहने पर आक्रोशित हो उठे और विरोध में नारेबाजी की। यहां से चिकित्सक पैदल मार्च करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे और डीएम उमेश मिश्र से मुलाकात कर इस कार्रवाई पर विरोध जताया। डीएम ने चिकित्सकों को भरोसा दिया कि मामले में उचित कार्रवाई होगी।
इस दौरान डा. वीके सिंह, डा. संदीप अरुण श्रीवास्तव, डा. राजीव मिश्र, डा. विकास गुप्ता, डा. गिरिजेश जायसवाल, डा. वैभव ज्योति श्रीवास्तव, डा. पीएन राय, डा. देव शरण सिंह, डा. केपी गौंड, डा. सिद्धार्थ पांडेय समेत नीमा व एमआर संघ के पदाधिकारी मौजूद रहे। बता दें कि नगर के जटहां रोड पर स्थित जीवनदीप हास्पिटल के कर्मचारियों के बीच गुरुवार की देर शाम नोकझोंक के बाद हंगामा खड़ा हो गया।
बेटा की जगह थमा दिया बेटी
आरोप है कि बेटा की जगह बेटी थमा दिया गया। रात दस बजे चिकित्सक रवि जायसवाल के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करते हुए गिरफ्तार कर लिया। रामकोला के विजयीपुर तिराहा के दीपू की पत्नी अंजली को 29 सितंबर को सीएचसी पर सामान्य प्रसव से बेटा पैदा हुआ। बच्चे की धड़कन कम होने के कारण डाक्टर ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया।
उपचार के दौरान आराम न मिलने पर स्वजन पडरौना के जटहां रोड स्थित अस्पताल में एक अक्टूबर को भर्ती कराए। बच्चे की तबीयत में सुधार हुआ तो गुरुवार की देर शाम डिस्चार्ज कर दिया गया। आरोप है कि जब नवजात को डिस्चार्ज किया गया तो स्टाफ नर्स ने बेटे की जगह बेटी दे दिया। कोतवाल राजप्रकाश सिंह ने बताया कि निजी मुचलका पर चिकित्सक को छोड़ दिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।