जंगल से निकलकर गांव में पहुंचा 12 फीट लंबा सांप, हड़कंप

उत्तर प्रदेश कुशीनगर

विश्वजीत राय
सफल समाचार

बिसहा गांव में दिखा विशालकाय अजगर, वन विभाग की टीम ने जंगल में छोड़ाखड्डा। 12 फीट का अजगर प्रजाति का सांप जंगल से निकलकर एक गांव में पहुंच गया। यह देख लोगों में हड़कंप मच गया। सूचना पर वन विभाग की टीम ने पहुंचकर रेस्क्यू करते हुए उसे जंगल में छोड़ दिया।

तब जाकर लोगों ने राहत की सांस ली।
सीमा पर स्थित वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के जंगल से जंगली जीव जंतु बाहर निकलकर अक्सर रिहायशी इलाके में पहुंचकर लोगों के लिए खतरा बन जा रहे हैं। इसी क्रम में बृहस्पतिवार को वाल्मीकिनगर थाना क्षेत्र के बिसहा गांव में एक विशालकाय अजगर पहुंच गया। उसे देख लोगों में अफरा तफरी मच गई। इसकी सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम मौके पर स्नैक कैचर के साथ पहुंची। इतने बड़े सांप को रेस्क्यू करना आसान नहीं था। लगभग तीन घंटे के प्रयास के बाद उसे काबू में किया जा सका। 12 फीट लंबे अजगर को जंगल में सुरक्षित छोड़ दिया गया। वाल्मीकि नगर के वन पाल नवीन कुमार ने बताया कि अजगर को सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया गया है।
तीन महीना पहले निकला था 14 फीट लंबा किंग कोबरा
बिहार के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के जंगल से निकलकर बीते 16 जुलाई को रिहायशी इलाके में 14 फीट लंबे किंग कोबरा दिखा था। इससे लोग दहशत में आ गए थे। अत्यंत जहरीले इस सांप को स्नैक कैचर से वन कर्मचारियों की टीम ने काफी प्रयास के बाद पकड़कर जंगल में छोड़ा था। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से सटे हुए लक्ष्मीपुर रमपुरवा गांव के चंपा माई स्थान के पास भोलाराम के घर में यह किंग कोबरा सांप घुस गया था। इसे देख घर के लोगों ने किसी तरह से भागकर अपनी जान बचाई थी और वन विभाग को इसकी सूचना दी। वनकर्मियों की टीम ने तकरीबन दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद किंग कोबरा का रेस्क्यू किया था।

किंग कोबरा में होता है 500 मिलीग्राम जहर

वाल्मीकिनगर रेंजर अवधेश कुमार सिंह ने बताया था कि यह किंग कोबरा की एक विशेष प्रजाति है, जो बेहद खतरनाक होती है। इस कोबरा के पास करीब 500 मिलीग्राम जहर की मात्रा होती है। इनके काटने से एक हाथी की भी मौत हो सकती है। कोबरा भी अन्य सांपों की तरह घोंसले बनाते हैं और उनमें अपने अंडे देते हैं। वे अपने अंडों की रक्षा करते हैं। कोबरा कई दिनों या महीनों तक बिना भोजन के रह सकते हैं। एक बार भरपेट भोजन करने के बाद किंग कोबरा करीब दो साल तक जीवित रह सकता है। इनका जहर अगर आंखों में चला जाए तो सही इलाज न मिलने से आंखों की रोशनी भी जा सकती है। इनका जहर न्यूरोटॉक्सिक होता है, जो सीधे तंत्रिका तंत्र पर असर करता है। किंग कोबरा के बारे में कहा जाता है कि धामिन, कोबरा व अन्य सांपों को निगल जाता है।

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