शेर मुहम्मद
सफल समाचार
रुद्रपुर (देवरिया)। फतेहपुर गांव के लेहड़ा टोला के रहने वाले सत्यप्रकाश दुबे के दरवाजे पर जाकर थप्पड़ मारना ही फतेहपुर नरसंहार का मुख्य कारण बना।
दो अक्टूबर की सुबह नरसंहार में प्रेमचंद यादव (Premchand Yadav) की हत्या के कुछ देर बाद सत्यप्रकाश दुबे व उनके परिवार के चार सदस्यों की हत्या कर दी गई।
इस वजह से हुआ था विवाद
घर के पड़ोस में रहनी वाली एक बुजुर्ग महिला ने बताया कि पहले सत्यप्रकाश दुबे व प्रेमचंद यादव के बीच बातचीत हो रही थी। पहले सागौन के पेड़ व मकान को लेकर विवाद होने लगा। इसी दौरान प्रेमचंद ने पैतृक भूमि में ज्ञानप्रकाश के हिस्से का मामला उठाया था। जिसको लेकर विवाद और बढ़ गया।
सत्यप्रकाश की इस बात से आगबबूला हुआ दबंग प्रेमचंद
प्रेमचंद को सत्यप्रकाश ने सागौन और मकान की भूमि का हिस्सा देने से साफ इनकार कर दिया। यह सुनकर प्रेमचंद आगबबूला हो गया। उसने सत्यप्रकाश को थप्पड़ जड़ दिया। सत्यप्रकाश के विरोध करने पर पांच छह और थप्पड़ गाल पर जड़े। सत्यप्रकाश के शोर मचाने पर स्वजन बाहर आए। धक्की-मुक्की में प्रेमचंद ईंट पर गिर गया।
पति को बचाने के लिए सत्यप्रकाश दुबे की पत्नी ने किया था वार
पति को बचाने में सत्यप्रकाश दुबे की पत्नी ने वार कर दिया। जिससे प्रेमचंद की मृत्यु हो गई। इसकी सूचना के बाद पहुंचे प्रेमचंद पक्ष के लोगों ने सत्यप्रकाश, उनकी पत्नी किरण, पुत्री सलोनी व नंदिनी, पुत्र गांधी की निर्मम हत्या कर दी गई। इस बात की पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी हुई है। गांव में इसी बात को लेकर अभी चर्चा हो रही है कि यदि प्रेमचंद ने थप्पड़ नहीं मारा होता तो इतनी बड़ी घटना नहीं होती।
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