आज नहाय-खाय के साथ शुरू होगा आस्था का महापर्व

उत्तर प्रदेश कुशीनगर

विश्वजीत राय
सफल समाचार

पडरौना। आस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ शुक्रवार से शुरू हो रहा है। छठ माता एवं भगवान भाष्कर की आराधना के इस पर्व के लिए खरीदारी को लेकर बृहस्पतिवार से ही बाजार में भीड़ उमड़ पड़ी। लोग कपड़े, आभूषण, श्रृंगार के सामान और अन्य जरूरत के सामान की खरीदारी के लिए बाजारों में पहुंचे। इस वजह से पडरौना में चहल-पहल अधिक बढ़ गई। प्रमुख बाजारों में रह-रहकर जाम लगता रहा।
शुक्रवार को भोजन ग्रहण करने के बाद शनिवार से महिलाएं निर्जला उपवास रखेंगी। इसलिए एक दिन पहले से ही खरीदारी के लिए भीड़ बाजारों में दिखी। भीड़ अधिक होने के कारण पडरौना के सुभाष चौक से लगायत कसया रोड, कोतवाली रोड, रामकोला रोड, धर्मशाला रोड, मेन बाजार रोड, जटहां बाजार रोड, कसेरा टोली रोड, गुदरी बाजार, कन्हैया टॉकीज रोड सहित सभी प्रमुख मार्गों पर लोग जाम से परेशान रहे।

बाजार में छठपूजा से जुड़े सामान जैसे डलिया, सूप, श्रृंगार के सामान भी जगह-जगह बिकने लगे हैं। इसके अलावा कोशी भरने के लिए मिट्टी के बर्तन भी जगह-जगह बिक रहे हैं। कपड़े और आभूषण की दुकानों पर भी भीड़ जुटने लगी। क्योंकि छठ पूजा के अलावा घरों में मुंडन, कोशी भरने की रस्में भी मनाई जाती हैं। इसके लिए भी लोग खरीदारी के लिए बाजार में आने लगे।

वेदियों की हुई रंगाई पुताई, घाटों की सफाई
छठ पूजा के लिए वेदियों की रंगाई पुताई का काम कुछ घाटों पर पूरा हो गया है तो कुछ जगह चल रहा है। घाटों की सफाई कराकर वहां सीढि़यों को दुुरुस्त कर दिया गया है। ताकि व्रत रखने वाली महिलाओं को पूजा और अर्घ्य देते समय किसी प्रकार की असुविधा न हो। पडरौना नगर के छावनी स्थित भन्नुनाथ छठघाट, सुराजी पोखरा का घाट, बावली चौक, रामधाम पोखरा सहित अन्य घाटों पर वेदियों की रंगाई पुताई के अलावा सफाई का काम पूरा कर लिया गया है।

कसया में भी खरीदारी के लिए पहुंचे लोग

छठ को लेकर शहर से लेकर गांव तक लोग इसकी तैयारी में जुट गए हैं। ज्योतिर्विद राजन त्रिपाठी ने बताया कि सूर्योपासना का यह अनुपम लोकपर्व मुख्यत: बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में मनाया जाता है। पार्वती का छठा रुप भगवान सूर्य की बहन छठी मैया को पर्व की देवी के रुप में पूजा जाता है। यह चंद्र के छठे दिन बाद मनाया जाता है। त्योहार का अनुष्ठान कठोर होता है। इसमें स्नान, उपवास और पीने का पानी (वृता) से दूर रहना, लंबे समय तक पानी में खड़ा होना और प्रसाद (प्रार्थना प्रसाद) और अर्घ्य देना शामिल है। षष्ठी शिशुओं के संरक्षण की देवी हैं। इनकी विशेष पूजा षष्ठी तिथि को की जाती है। पर्व आज से शुरु होगा, जिसका समापन 20 तारीख को होगा।

नहाय-खाय तिथि :
नहाय खाय आज से शुरु हो जायेगा। नदी में स्नान के बाद नए वस्त्र धारण कर शाकाहारी भोजन ग्रहण किया जाता है। इस दिन व्रत के भोजन के बाद बाकी सदस्य भोजन करते हैं।

खरना तिथि:
खरना छठ पूजा का दूसरा दिन होता है। इस दिन सूर्योदय 06:38 बजे और सूर्यास्त शाम 05:22 बजे होगा। खरना के दिन व्रत एक समय मीठा भोजन करती हैं। इस दिन गुड़ से बने चावल की खीर खाई जाती है।

संध्या अर्घ्य का समय: छठ पूजा का संध्या अर्घ्य, तीसरे दिन सूर्यास्त शाम 05:22 बजे होगा।

उगते सूर्य को अर्घ्य : 20 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। सूर्याेदय सुबह 06:39 बजे होगा। इसके बाद 36 घंटे का व्रत समाप्त होगा। अर्घ्य देने के बाद व्रती प्रसाद का सेवन करके व्रत का पारण करेंगी।

घाटों की सफाई और साज सज्जा में भी जुटे लोग

हाटा। छठ पूजा की तैयारी आरंभ हो गई है। क्षेत्र के सभी घाटों की सफाई का अभियान नगर पालिका की ओर से चलाया जा रहा है। पूरे क्षेत्र के छठ पूजा के लिए लोगों ने तैयारी शुरू कर दी है। पालिका के 25 वार्डों में दो दर्जन से अधिक घाट बनाए गए हैं। सभी घाटों को साफ और सुंदर बनाने का कार्य कई दिनों से चल रहा है। जहां एक ओर घाटों को सजाया जा रहा है, वहीं बाजारों में पूजा के सामान की दुकानें भी सज कई है। नारियल, केला, हल्दी, बांस की डलियां की मांग बढ़ गई है। केनयूनियन चौराहा से लेकर बाघनाथ चौराहा तक सड़क के किनारे सजी पूजा सामानों की अस्थायी दुकानें भरी पड़ी हैं। इससे कई बार सड़क पर जाम की स्थिति पर उत्पन्न हो रही है। शुक्रवार और शनिवार को भीड़ और भी बढ़ने की उम्मीद है। नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी अजय कुमार सिंह ने बताया कि सभी छठ घाटों की सफाई के लिए निर्देश दिया गया है। पूजा के दिन घाटों पर प्रकाश की भी व्यवस्था कराई जा रही है।

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